2 साल तक मिल सकती है चाइल्ड केयर लीव, जान लीजिए छुट्टी से जुड़े सभी नियम

 केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में इस बात के ऊपर विचार किया गया है कि किन कंडीशन पर 730 दिनों की छुट्टी एक कर्मचारी को पैरेंटल केयर के नाम पर दी जा सकती है। 

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केंद्र सरकार द्वारा 9 अगस्त को यह कहा गया है कि महिलाएं और सिंगल पुरुष चाइल्ड केयर के लिए अधिकतम 730 दिन या दो साल की छुट्टी अप्रूव करवा सकते हैं। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में इसकी जानकारी दी।

जितेंद्र सिंह ने अपने स्टेटमेंट में कहा, "कर्मचारी सेंट्रल सिविल सर्विस 1972 के चाइल्ड केयर लीव नियम 43-C के तहत अधिकतम लीव 730 दिनों की ली जा सकती है। 730 दिन पूरी सर्विस के दौरान ली जा सकती है।"

दो साल तक चाइल्ड केयर लीव का नियम किसके लिए लागू हो सकता है?

जितेंद्र सिंह के स्टेटमेंट के अनुसार यह नियम सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू हो सकता है और इसके तहत दो बच्चों के लिए चाइल्ड केयर लीव ली जा सकती है। यह लीव तब तक ली जा सकती है जब तक बच्चा 18 साल का ना हो और अगर बच्चा स्पेशली एबल्ड है, तो कोई एज लिमिट नहीं होगी।

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पुरुषों को कितनी मिलती है चाइल्ड केयर लीव?

मौजूदा समय में सरकारी कर्मचारी 15 दिन की छुट्टी अप्लाई कर सकते हैं। यह पैटरनिटी लीव होती है जो बच्चे के जन्म या अडॉप्शन के 6 महीने के अंदर ली जा सकती है।

2022 में महिलाओं के पैनल द्वारा एक अपील की गई थी जिसमें यह कहा गया था कि पैटरनिटी लीव को थोड़ा बढ़ाया जाए जिससे महिलाओं के सिर से बोझ थोड़ा कम हो सके।

भारतीय संविधान में किस कानून के जरिए मिलती है पैरेंटल लीव?

भारत में मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 1961 को ध्यान में रखकर पैरेंटल लीव का प्रावधान बनाया गया है। कुछ सालों पहले तक जहां सिर्फ 3 महीने छुट्टी दी जाती थी वहीं अब प्राइवेट और सरकारी दोनों कर्मचारियों को डिलीवरी के बाद 6 महीने की छुट्टी देने का प्रावधान है। हां, अगर अडॉप्शन है, तो अभी भी तीन महीने की छुट्टी ही मिलती है।

यह छुट्टी महिलाओं के लिए है, लेकिन पुरुषों के लिए यह नियम नहीं है। पर अगर सरकारी कर्मचारी चाहें, तो वो अपनी पैरेंटल लीव का लाभ उठा सकते हैं। शर्त यही है कि सिंगल पैरेंट पुरुष होना चाहिए।

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सिक्किम में मिलती है 12 महीने की मैटरनिटी लीव

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए जहां अभी सिर्फ घोषणा हुई है, वहीं सिक्किम में सरकार द्वारा यह नियम ही बना दिया गया है। सिक्किम के चीफ मिनिस्टर प्रेम सिंह तमांग का कहना है कि उनकी सरकार अपने कर्मचारियों को 12 महीने की मैटरनिटी लीव और 1 महीने की पैटरनिटी लीव देगी।

चाइल्ड केयर के मामले में यह पहल नॉर्थ ईस्टर्न राज्य ने की है और उम्मीद की जा रही है कि धीरे-धीरे इसे बाकी राज्य भी अपना लेंगे।

दुनिया के कई देशों में बहुत ज्यादा मिलती है पैरेंटल लीव

जहां तक मैटरनिटी और पैटरनिटी लीव का सवाल है, तो दुनिया के कई देशों में भारत से ज्यादा छुट्टी मिलती है और चाइल्ड केयर पर फोकस किया जाता है।

बुल्गारिया - यहां सबसे ज्यादा 410 दिनों (13.5 महीने) की पेड लीव मिलती है और यहां मंथली कंपनसेशन का प्रावधान भी है जो महिला को बच्चे के दो साल के होने तक मिल सकता है।

नॉर्वे - यहां महिलाओं को 343 या यूं कहें कि 11.5 महीनों की पेड लीव मिलती है। हालांकि, यहां महिलाएं 80% सैलरी के साथ 59 हफ्तों 15 महीनों की लीव भी ले सकती हैं।

स्वीडन - यहां 480 दिनों या 15 महीने की छुट्टी का प्रावधान है और कर्मचारी को उसकी 80% सैलरी दी जाती है।

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सबसे ज्यादा पैटरनिटी लीव वाले देश..

जापान में 12 महीने तक की पैटरनिटी लीव ली जा सकती है। इस दौरान उन्हें पार्शियल सैलरी दी जाती है।

आइसलैंड में पुरुष 6 महीने की पैटरनिटी लीव ले सकते हैं।

फिनलैंड में भी 5 महीने की पैटरनिटी लीव मुमकिन है।

स्वीडन का नाम यहां भी शामिल है जहां पुरुषों को 90 दिनों या 3 महीने की पैटरनिटी लीव मिलती है ताकि वो बच्चे से ठीक तरह से बॉन्ड कर सकें।

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