भारत को मंदिरों का गढ़ माना जाता है। भारत के कण-कण में कई ऐसे मंदिर मौजूद हैं जो न सिर्फ प्राचीन हैं बल्कि रहस्यमयी और अजीबो-गरीब भी हैं। इसी कड़ी में आज हम आपकोज्योतिषाचार्य राधाकंत वत्सद्वारा बताये गए एक मंदिर के बारे में जानकारी देंगे, जहां देवी मां को प्रसाद के रूप में जूते-चप्पल चढ़ाए जाते हैं। आइये जानते हैं इस अनोखे मंदिर के बारे में विस्तार से।
किस मंदिर में प्रसाद में चढ़ाए जाते हैं जूते-चप्पल?
- मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कोलार क्षेत्र की पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है मां सिद्धिदात्री का एक अनोखा मंदिर जिसे जीजाबाई मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

- इस मंदिर की विशेषता यह है कि इस मंदिर में देवी मां की पूजा एक माता की तरह नहीं बल्कि एक बेटी के रूप में की जाती है। एक बेटी के रूप में सेवा होती है।
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- इसके अलावा, एक ओर विशेषता यह भी है कि यहां भक्त देवी मां को प्रसाद के रूप में नई-नई चप्पले चढ़ाते हैं। यहां तक कि विदेशों से भी लोग नए जूते भेजते हैं।
- ऐसा करने के पीछे भक्तों की मान्यता है कि यह एक प्रकार से समर्पण और भक्ति का प्रतीक है। चप्पल-जूते सांसारिक चीजों के प्रति मोह को त्याग देने के समान है।
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- जूते-चप्पल चढ़ाने से यह दिखाया जाता है कि व्यक्ति ने अपनी आंतरिक बुराइयों और माया को त्याग दिया है और पूरी श्रद्धा से देवी मां की शरण में जा चुका है।

- इसके अलावा, लोक मान्यता यह भी कहती है कि मां सिद्धिदात्री को जूते-चप्पल चढ़ाने से लोगों की हर छोटी-बड़ी समस्याएं और बाधाएं दूर हो जाती हैं।
आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर क्यों मध्यप्रदेश के इस मंदिर में देवी मां को चढ़ाए जाते हैं जूते और क्या है इससे जुड़ी पौराणिक कथा। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
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