Holika Dahan 2025 Rituals: होलिका दहन के दिन क्यों लगाते हैं सरसों का लेप? जानें क्यों फिर अग्नि में जलाते हैं उस मैल को

होलिका दहन के अवसर पर उबटन लगाने की परंपरा एक प्राचीन प्रथा है, जिसके कई धार्मिक, सांस्कृतिक और स्वास्थ्य संबंधी कारण हैं। ऐसी मान्यता है कि होलिका दहन की रात को उबटन लगाने से शरीर की नकारात्मक ऊर्जा और बुराइयां दूर होती हैं। आइए इस लेख में होलिका दहन के दिन सरसो का उबटन लगाने के महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं। 
why mustard paste applied on body and then we burn that dirt

इस साल होलिका दहन 13 मार्च गुरुवार को है। होलिका दहन के अवसर पर लोग उबटन लगाते हैं। उबटन को न केवल सुंदरता का कारक माना जाता है, बल्कि इसका संबंध ग्रहों से भी है। उबटन लगाने से आपकी त्वचा स्वस्थ रहती है और ग्रहों के दुष्प्रभाव भी दूर हो सकते हैं। आपको बतादें, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में, होलिका दहन पर परिवार के सभी सदस्य उबटन लगाते हैं। फिर शरीर से उतारे गए उबटन या मैल को होलिका दहन के समय आग में डाल देते हैं। यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। अब ऐसे में सवाल है कि आखिर होलिका दहन के दिन सरसो का उबटन लगाने का महत्व क्या है। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

होलिका दहन के दिन सरसो का उबटन क्यों लगाते हैं?

Main-ubtan-pack

मान्यताओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन की रात को शरीर पर उबटन लगाने से साल भर की नकारात्मक ऊर्जा और बुराइयां शरीर से निकल जाती हैं और होलिका की अग्नि में भस्म हो जाती हैं। यह आत्मा की शुद्धि का प्रतीक है। ज्योतिष के अनुसार, उबटन में शामिल सामग्री विभिन्न ग्रहों का प्रतिनिधित्व करती है। इन ग्रहों के प्रभाव से सुख, समृद्धि, मानसिक शांति, भाग्य में वृद्धि होती है। इसलिए होलिका दहन के दिन सरसो का उबटन लगाने का महत्व है।
इतना ही नहीं, होलिका दहन के दिन भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा की थी। क्योंकि प्रह्लाद को जलाने की कोशिश में होलिका उनकी बुआ आग में जलकर मर गई थी और इससे नकारात्मक ऊर्जा में जलकर भस्म हो गया है। इसी कारण लोग अपने भीतर की नकारात्मकता को होलिका की अग्नि में जलाते हैं।

ज्योतिष शास्त्र में सरसो का उबटन लगाने का महत्व

ubtan

सरसों का तेल शनि ग्रह से संबंधित है। इसलिए, सरसों का उबटन लगाने से शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।

इसे जरूर पढ़ें - Holika Dahan 2025: होलिका दहन के दिन क्यों जलाई जाती है नई फसल की फली, जानें महत्व

जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो, उन्हें सरसों का उबटन लगाने से राहत मिल सकती है। साथ ही जातक के जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती है।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit- HerZindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP