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Holika Dahan 2025: होलिका दहन के दिन क्यों जलाई जाती है नई फसल की फली, जानें महत्व

हिंदू धर्म में होलिका दहन का पर्व सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि का कारक माना जाता है। अब ऐसे में इस दौरान नई फसल की फली जलाने की परंपरा है। आिए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-03-06, 12:34 IST

हिंदू धर्म में होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होलिका दहन के दिन लोग लकड़ियों और उपलों का ढेर बनाते हैं और उसे जलाते हैं। लोग होलिका की पूजा करते हैं और भगवान विष्णु का आशीर्वाद लेते हैं।
होलिका दहन के अगले दिन रंगों का त्योहार होली मनाई जाती है। आपको बता दें, कई घर-परिवार में लोग नई फसल की फली जलाते हैं। अब ऐसे में इस दिन नई फसल की फली जलाने का महत्व क्या है। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

होलिका दहन के दिन नई फसल की फली जलाने का महत्व

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होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। नई फसल की फलियों को अग्नि में डालकर, लोग नकारात्मकता को दूर करने और सकारात्मकता का स्वागत करने की प्रार्थना करते हैं। होलिका दहन के समय नई फसल की बालियां, जैसे कि गेहूं और चने की फलियां, अग्नि में डाली जाती हैं। यह आने वाली फसल के लिए अच्छी पैदावार की कामना का प्रतीक है। इतना ही नहीं, ऐसा माना जाता है की होली की आग में गर्म करके गन्ने को खाने से कई बीमारियां खत्म होती हैं और गन्ने को गर्म करके खाने पर घर में सुख-शांति और तन के सारे रोग दूर होते हैं। इसलिए होलिाका दहन के दिन नई फसल की फली जलाने की परंपरा है।

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नई फसल की फली जलाने के दौरान करें इन मंत्रों का जाप

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  • ऊं अग्नये नमः- यह मंत्र अग्नि देव को समर्पित है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए जपा जाता है।
  • ऊं वं वरुणाय नमः - यह मंत्र वरुण देव को समर्पित है, जो जल के देवता हैं। यह मंत्र अच्छी वर्षा और फसल की सुरक्षा के लिए जपा जाता है।
  • ऊं इंद्राय नम - यह मंत्र इंद्र देव को समर्पित है, जो वर्षा और बिजली के देवता हैं। यह मंत्र अच्छी वर्षा और फसल की वृद्धि के लिए जपा जाता है।

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  • ऊं सूर्याय नमः - यह मंत्र सूर्य देव को समर्पित है, जो ऊर्जा के स्रोत हैं। यह मंत्र अच्छी फसल और स्वास्थ्य के लिए जपा जाता है।
  • ऊं पृथिव्यै नमः - यह मंत्र पृथ्वी माता को समर्पित है, जो सभी जीवों का पालन करती हैं। यह मंत्र अच्छी फसल और भूमि की उर्वरता के लिए जपा जाता है।

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