Hindu Mythology: हर शक्तिपीठ के पास क्यों विराजमान होते हैं भैरव जी? जानें रहस्य

हिंदू धर्म में भैरव बाबा को भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है। भैरव बाबा के वैसे को कई स्वरूप हैं। अब ऐसे में सवाल है कि हर शक्तिपीठ के पास भैरव बाबा क्यों विराजमान हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
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हिंदू धर्म में भैरव भगवान शिव के उग्र रूपों में से एक हैं। उन्हें समय और मृत्यु का देवता माना जाता है। भैरव को अक्सर काले रंग में दर्शाया जाता है। भैरव बाबा को अक्सर कुत्ते के साथ दिखाया जाता है, जो उनका वाहन है। आपको बता दें, भैरव की पूजा आमतौर पर तांत्रिक अनुष्ठानों के माध्यम से की जाती है। भैरव बाबा को प्रसन्न करने के लिए, भक्त उन्हें शराब, मांस और अन्य प्रसाद चढ़ाते हैं। भैरव की पूजा आमतौर पर मंदिरों में की जाती है। अब ऐसे में भैरव बाबा हर शक्तिपीठ के पास क्यों विराजमान हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

भैरव बाबा का हर शक्तिपीठ के पास विराजमान होने का कारण

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मान्यता है कि जब माता सती के 51 भागों से 51 शक्तिपीठों की स्थापना हुई, तो भगवान शिव ने इन शक्तिपीठों की रक्षा के लिए अपने अंश से 51 भैरवों को प्रकट किया। ये भैरव माँ के पुत्र के रूप में शक्तिपीठों की रक्षा करते हैं। वहीं भैरव बाबा को तंत्र विद्या का देवता माना जाता है। शक्तिपीठ भी तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण स्थान हैं। इसलिए, भैरव बाबा का शक्तिपीठों के पास होना तंत्रिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। भैरव भगवान शिव का ही एक रूप हैं। इसलिए, जहांशक्तिपीठ में देवी की पूजा होती है, वहीं भैरव बाबा भी विराजमान होते हैं, जो शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक है। काल भैरव को सभी भैरवों का नायक माना जाता है। वे काशी के रक्षक भी हैं। इसलिए, उनका शक्तिपीठों के पास होना शक्तिपीठों की सुरक्षा और पवित्रता को सुनिश्चित करता है। इसलिए भैरव बाबा हर शक्तिपीठ के पास विराजमान हैं।

भैरव बाबा की पूजा करने से मिलते हैं ये लाभ?

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भैरव बाबा को नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों का नाश करने वाला माना जाता है। उनकी पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। भैरव बाबा को शत्रुओं से रक्षा करने वाला देवता माना जाता है। उनकी पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। भैरव बाबा को साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा करने से साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

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Image Credit- HerZindagi

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