भारत-पाकिस्तान के अलावा इन देशों में स्थित है माता के शक्तिपीठ, दर्शन के लिए हर दिन लगती है भक्तों की भीड़

माना जाता है कि जब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से मां सती के शरीर को खंड-खंड कर दिया था, तब मां सती के शरीर के हिस्से धरती पर जहां भी गिरे, वहां शक्तिपीठ की स्थापना हुई। तब माता के शरीर के हिस्से केवल भारत में नहीं, बल्कि विदेश के भी कई हिस्सों में गिरे थे। इस तरह ही माता के कुल 51 शक्तिपीठों का निर्माण हुआ था। 

 

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माता के शक्तिपीठ केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी स्थित है। नवरात्रि के दौरान माता के भक्त भारत में ही नहीं बल्कि माता के दर्शन के लिए विदेश में भी जाने से पीछे नहीं रहते हैं। कई लोग हैं, जो यह सोचते हैं कि माता के शक्तिपीठ भारत के अलावा केवल पाकिस्तान में ही स्थित है। लेकिन ऐसा नहीं है, आज के इस आर्टिकल में हम आपको भारत-पाकिस्तान के अलावा विभिन्न देशों में स्थित माता के शक्तिपीठों के बारे में जानकारी देंगे।

विदेश में कहां स्थित है माता के शक्ति पीठ

मनसा शक्तिपीठ, तिब्बत

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तिब्बत के मानसरोवर तट माता सती के शरीर का एक हिस्सा गिरा था। जिसके बाद माता के इस शक्तिपीठ का नाम मनसा शक्तिपीठ पड़ा। माना जाता है कि यहां माता के दाहिने हाथ की हथेली गिरी थी। मनसा देवी को भगवान शिव की मानस पुत्री के रूप में पूजा जाता है। यह विदेश में माता का फेमस मंदिर है।

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नेपाल शक्तिपीठ

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  • नेपाल में माता के 3 शक्तिपीठ मौजूद है। नेपाल में गंडक नदी के पास आद्या शक्तिपीठ है। माना जाता है कि यहां माता के गले का बायां हिस्सा गिरा था। यहां माता के गंडकी स्वरूप की पूजा होती है।
  • गुहेश्वरी शक्तिपी- यह मंदिर पशुपतिनाथ मंदिर के कुछ ही दूरी पर स्थित है। इसलिए आप एक साथ दो मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं। माना जाता है कि यहां माता के घुटने गिरे थे।
  • दंतकाली शक्तिपीठ- माता का यह मंदिर नेपाल के बिजयापुर गांव में है। यहां माता के दांत गिरे थे। इसलिए इस मंदिर का नाम दंतकाली शक्तिपीठ पड़ा।

इंद्राक्षी शक्तिपीठ, श्रीलंका

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इस जगह पर माता की पायल गिरी थी। श्रीलंका के त्रिंकोमाली में यह मंदिर स्थित है। इस मंदिर को लंका-इंद्राक्षी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। राजधानी कोलंबो से 250 किमी दूर त्रिकोण माली की पहाड़ी पर यह मंदिर स्थित है। यह माता का फेमस शक्तिपीठ है।

बांग्लादेश में माता के शक्तिपीठ

बांग्लादेश में भी माता के सबसे ज्यादा 5 शक्तिपीठ मौजूद है।

  • उग्रतारा शक्तिपीठ- बांग्लादेश में सुनंदा नदी के तट पर स्थित उग्रतारा शक्तिपीठ में माता सती की नाक गिरी थी।
  • अपर्णा शक्तिपीठ- बांग्लादेश में दूसरा शक्तिपीठ भवानीपुर गांव में स्थित यहां माता के बाएं पैर की पायल गिरी थी।
  • चट्टल भवानी - बांगलादेश में चिट्टागोंग जिले में स्थित इस मंदिर में मां सती की दायीं भुजा गिरी थी।
  • यशोरेश्वरी माता शक्तिपीठ -बांग्लादेश के खुलना जिले मां सती की बाईं हथेली गिरी थी।
  • जयंती शक्तिपीठ -बांग्लादेश के सिलहट जिले में माता की बाईं जांघ गिरी थी।

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Image Credit- Freepik

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