Shani Dev: पत्थर रूप में ही क्यों शिंगणापुर में प्रकट हुए थे शनि

शिंगणापुर को शनिदेव का गढ़ माना जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं कि शनिदेव पहली बार देव नहीं बल्कि पत्थर के रूप में ही क्यों इस स्थान पर प्रकट हुए थे।   

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Shani Dev Shingnapur Katha: हिन्दू धर्म में शनिदेव को कर्मफल दाता के रूप में वर्णित किया गया है। शनि देव का स्थान ग्रहों में भी है। जहां हर देवी-देवता या ग्रह मूर्ति रूप में पूजे जाते हैं तो वहीं, शनि देव काले पत्थर के रूप में शिंगणापुर में विराजमान है।

हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि शनिदेव पहली बार शिंगणापुर में एक काले पत्थर के रूप में प्रकट हुए थे और तभी से उनकी पूजा का विधान इसी रूप में आरंभ हुआ। तो चलिए जानते हैं इसके पीछे का कारण और इससे जुड़ी रोचक कथा।

  • पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार श्रावण माह में भारी वर्षा के कारण जल स्तर बहुत बढ़ गया था और जगह-जगह नदियां उफान पर थीं। नदी के बाहव में बहकर एक दिन एक बड़ा सा काला पत्थर शिंगणापुर के तट पर जा पहुंचा।
  • इतना बड़ा पत्थर देख शिंगणापुर के बच्चों ने उसके ऊपर चढ़कर खेलना शुरू कर दिया। खेल-खेल में जब एक बच्चे ने काली शिला पर दूसरा पत्थर मारा तब शिला से आवाज आई और रक्त बहने लगा। यह देख बच्चे डर गए।
shani in shingnapur
  • सभी बच्चे भागे-भागे अपने परिवार के पास पहुंचे और उन्हें जाकर पूरी बात बताई। बच्चों की बात सुन सभी गांव वाले शिला को देखने के लिए तट पर गए लेकिन उन्हें कुछ भी विचित्र नहीं दिखा और न ही उस शिला को लेकर उन्हें कुछ समाझ आया।
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  • जब गांव क्ले सभी लोग सो गए तब शनि देव (शनि देव की पूजा के नियम) ने हर एक ग्राम वासी के सपने में जाकर उनके शिला में वहां होने की बात बताई। यह सुन सभी लोग अगले दिन संपूर्ण पूजन सामग्री और बैलगाड़ी के साथ शिला के पास पहुंचे।
shingnapur
  • इसके बाद बैलगाड़ी में रखकर शिला को गांव वालों ने पूर्ण विधि-विधान के साथ स्थापित किया और तभी से आजतक शिला के रूप में ही शनि देव शिंगणापुर में विराजमान हैं। माना जाता है कि शनि देव आज भी उस गांव की रक्षा करते हैं।
  • मान्यता है कि शनि देव शिला रूप में इसलिए प्रकट हुए थे ताकि उनकी पूजा का अधिकार सभी को मिल सके। मूर्ति रूप में पूजा-अभिषेक आदि करना महिलाओं के लिए बाध्य हो जाता है। शिला रूप में तेल अर्पित करना और पूजा-पाठ (पूजा-पाठ से जुड़ी जरूरी बातें) आदि सरल है।

तो ये था शनि देव के शिंगणापुर में पत्थर के रूप में प्रकट होने का कारण। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Pinterest, Wikipedia

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