Shani Dev Ke 9 Vahan: शनिदेव को हिन्दू धर्म में कर्मफलदाता के रूप में वर्णित किया गया है। शनि देव न सिर्फ व्यक्ति को उसके कर्मों का उचित फल देते हैं बल्कि पुण्यकर्म और सत्कर्म करने वाले व्यक्ति पर अपनी कृपा भी बरसाते हैं।
वहीं, शनिदेव के वाहन की बात करें तो मुख्य रूप से उन्हें कौवे के ऊपर सवार ही देखा जाता है लेकिन बता दें कि शनिदेव के एक नहीं दो नहीं बल्कि 9 वाहन हैं और हर वाहन का आपना एक रहस्य है।
हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वार दी गई जानकारी के आधार पर आज हम आपको शनिदेव के 9 वाहनों के गूढ़ महत्व से अवगत कराने जा रहे हैं। साथ ही कौन सा वाहन शुभ और कौन सा अशुभ माना जाता है इस बारे में भी जानकारी देंगे।
- शनिदेव का वाहन गधा: गधा एक ऐसा जानवर है जो मेहनत के लिए जाना जाता है। वहीं, इसके इस गुण की कभी तारीफ नहीं होती। ऐसे में अगर शनि देव गधे पर आसीन होकर आते हैं तो इसका अर्थ है कि व्यक्ति को अपने जीवन में अथाह मेहनत करनी होगी तभी उसे सफलता मिलेगी। हालांकि, उसकी मेहनत हर किसी को नजर नहीं आएगी। शनिदेव (शनिदेव की कृपा पाने के उपाय) का गधे पर आना अशुभ माना जाता है।
- शनिदेव का वाहन घोड़ा: घोड़े को स्फूर्ति, सफलता और विजय का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में शनिदेव का घोड़े पर होना इस बात को दर्शाता है कि व्यक्ति को मेहनत के साथ-साथ अपने काम में स्फूर्ति लानी होगी। उसे जीवन में सफलता प्राप्त होगी और परिस्थिति हो या शत्रु सभी पर उसे विजय भी मिलेगी। शनिदेव का घोड़े पर आना शुभ फलदायी होता है।

- शनिदेव का वाहन सिंह: सिंह को साहस, पराक्रम और समझदारी के लिए जाना जाता है। ऐसे में शनिदेव का सिंह पर होना यह दर्शाता है कि व्यक्ति का व्यक्तित्व बल से भरपूर होगा और अपनी समझदारी से वह हर परिस्थिति से निपटने में भी सक्षम होगा। शनिदेव का सिंह पर सवार होना शुभ फल लाता है।
- शनिदेव का वाहन हाथी: हाथी को सूझबूझ वाला जानवर माना जाता है लेकिन हाथी कभी भी शांति को छोड़ उग्र हो जाता है। ऐसे में शनिदेव का हाथी पर होना शुभ नहीं बल्कि अशुभ परिणाम का सूचक होता है। ऐसे में व्यक्ति का स्वभाव भी कभी शांत तो कभी उग्र हो जाता है। यानी कि व्यक्ति के मूड का पता नहीं लगाया जा सकता है।

- शनिदेव का वाहन कौवा: शनिदेव का कौवे पर आगमन घर में कलेश लेकर आता है। शनिदेव का कौवे पर सवार होना अशुभ परिणाम को उत्पन्न करता है। घर की शांति भंग हो जाती है। कौवे को हिन्दू धर्म (हिन्दू धर्म की ये बातें जानते हैं आप) में वैसे भी शुभ नहीं माना जाता है। कौवे पर सवार शनिदेव व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयां आने के प्रतीक होते हैं जिससे व्यक्ति को निपटने में समय लग जाता है।
- शनिदेव का वाहन भैंसा: शनिदेव अगर भैंसे पर सवार हो तो व्यक्ति को मिलाजुला फल प्राप्त होता है। भैंसा ताकतवर तो बहुत होता है लेकिन डर कर रहता है क्योंकि उसे उसकी ताकत का अंदाजा नहीं होता। ठीक इसी प्रकार का प्रभाव व्यक्ति के व्यक्तित्व पर भी पड़ता है।

- शनिदेव का वाहन सियार: सियार को अशुभ माना जाता है। ऐसे में शनिदेव का सियार पर सवार होना व्यक्ति के जीवन में नकारात्मकता को उत्पन्न करता है। व्यक्ति के जीवन निर्भरता बढ़ जाती है यानी कि व्यक्ति खुद मेहनत करने के बजाय दूसरों पर आश्रित होना शुरू कर देता है।
- शनिदेव का वाहन मोर: शनिदेव मोर पर सवार हों तो शुभफल देता है। व्यक्ति का भाग्य जाग उठता है और उसके सभी काम बनने लग जाते हैं। समझदारी से काम करने पर बड़ी-बड़ी परेशानी से भी व्यक्ति पार पा जाता है।
- शनिदेव का वाहन हंस: हंस शुभता का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में शनिदेव का हंस पर सवार होना व्यक्ति के जीवन में शुभता, तीव्र बुद्धि, सुनहरा भाग्य आदि चीजें लेकर आता है।
तो ये था शनिदेव के 9 वाहनों का गूढ़ महत्व और रहस्य। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: Shutterstock, Pexels
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