Sheikh Hasina Bangladesh Protest: भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद यहां तख्तापलट हो गया है। दरअसल, बांगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा देकर वहां से भाग गई हैं। बांग्लादेश में काफी समय से हिंसात्मक प्रदर्शन हो रहे थे। हालात ऐसे हो गए कि कुछ प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास तक पहुंच गए। प्रदर्शनकारियों और पुलिस प्रशासन के बीच लगातार झड़पें हो ही रही थी कि बीच में शेख हसीना के इस्तीफे की खबर आ गई। ऐसे में, आपके मन में बांग्लादेश में भडकी हिंसा और शेख हसीना के देश छोड़ने को लेकर कई सारे सवाल आ रहे होंगे। तो चलिए हम आपको इस हिंसे से जुड़े गूगल पर पूछे जाने वाले 15 सवालों के जवाब बताते हैं।
इसके लिए हमने 'Google Trends' का सहारा लिया है। बांग्लादेश और शेख हसीना से जुड़े सवालों को इनदिनों कितना सर्च किया गया है, इसे देखते हुए हमने भी लोगों के कुछ प्रश्नों के जवाब देने की कोशिश की है। तो, चलिए, पहले आपको गूगल ट्रेंड्स के आधार सारी जानकारी देते हैं।
हसीना शेख ने इस्तीफा क्यों दिया?
बांग्लादेश में काफी समय से आरक्षण को लेकर हिंसात्मक प्रदर्शन हो रहे थे। हालात ऐसे हो गए कि कुछ प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के आवास तक पहुंच गए। इसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देकर बांग्लादेश छोड़ दूसरे देश चली गईं।
बांग्लादेश छोड़ कर कहां गई शेख हसीना?
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देकर अपने पद से इस्तीफा देकर वह बांग्लादेश से भारत आ गई हैं।
शेख हसीना भारत किसके साथ आईं?
शेख हसीना भारत अपनी बहन रेहाना के साथ में आए हैं।
शेख हसीना भारत कैसे आईं?
शेख हसीना ने बांग्लादेश के हिंसक माहौल के चलते देश को छोड़ सेना के विमान से भारत आ गईं।
शेख हसीना के बाद अब कौन संभाल रहा है देश की कमान?
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद सरकार की कमान अब वहां की आर्मी संभाल रही है।
बांग्लादेश में क्यों फैली हिंसा?
सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर बांग्लादेश के कई शहरों में पिछले कुछ हफ्तों से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हालांकि, आरक्षण को लेकर बांग्लादेश में काफी टाइम से तहलका मचा हुआ है।
बांग्लादेश बवाल कब शुरू हुआ?
बांग्लादेश में प्रदर्शन पिछले महीने यानी 15 जुलाई से शुरू हुए थे। शुरुआत में ये प्रोटेस्ट सिविल सेवा में कोटा के खिलाफ शुरू हुआ था लेकिन बाद में इसने सरकार विरोधी का रूप ले लिया, जिसमें प्रदर्शनकारी शेख हसीना के इस्तीफे की बात करने लगे।
बांग्लादेश की आरक्षण प्रणाली क्या है?
बांग्लादेश में आरक्षण प्रणाली के तहत 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियां रिजर्व हैं। इनमें से 30 प्रतिशत आरक्षण साल 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए आरक्षित है। वहीं, 10 प्रतिशत आरक्षण पिछड़े प्रशासनिक जिलों के लिए है। साथ ही, महिलाओं के लिए भी 10 प्रतिशत आरक्षण है। इसके अलावा, बांग्लादेश में 5 प्रतिशत आरक्षण जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए है और एक प्रतिशत दिव्यांग लोगों के लिए सीट रिजर्व है।
बांग्लादेश आरक्षण को लेकर क्या था हाई कोर्ट का फैसला?
बांग्लादेश में वर्ष 1971 में मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और उनके वंशजों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया था, जिसके बाद वर्ष 2018 में सरकार द्वारा इसे खत्म कर दिया गया। इसके बाद अब जाकर इस साल जून में बांग्लादेश की हाईकोर्ट ने सरकार के आरक्षण प्रणाली को खत्म करने को गैर कानूनी बता दिया और इसे दोबारा लागू किया गया, इसी के बाद से प्रदर्शन शुरू है।
बांग्लादेश में हिंसा के बाद स्थिति क्या है?
बांग्लादेश में हिंसा के कारण सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए पुलिस कभी लाठीचार्ज तो कभी आंसू गैस भी रिलीज कर चुकी है। ढाका सहित कई जगहों पर इंटरनेट सेवाएं भी बाधित की गई। मामला इतना हिंसक हो गया कि देश में कर्फ्यू भी लगे।
कौन है शेख हसीना है?
शेख हसीना बांग्लादेश की पूर्व पीएम हैं, जिन्होंने आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के बाद सोमवार को प्रधान मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है।
शेख हसीना किसकी बेटी है?
शेख हसीना बांग्लादेश के संस्थापक पिता और पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी हैं।
शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री कब बनी?
शेख हसीना साल 1996 में अपने पिता की पार्टी से चुनाव में जीत हासिल कर देश में पहली बार प्रधानमंत्री बनी थीं। इसके बाद साल 2009 में उन्होंने पीएम के दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण की थी।
शेख हसीना इससे पहले कब आई थी भारत?
साल 1975 में शेख हसीना के परिवार के लिए किसी भूचाल से कम नहीं था। इस दौरान उनके परिवार की हत्या कर दी गई थी। तभी वह भारत आ गई थीं।
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शेख हसीना वापस बांग्लादेश कब आई थी?
16 फरवरी 1981 को अवामी लीग की अध्यक्ष चुने जाने के बाद, हसीना 17 मई 1981 को स्वदेश लौटीं।
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Image credit- Jagran, Twitter
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