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कौन थीं अर्जुन की बेटियां? जानें क्यों नहीं है इनका महाभारत में उल्लेख

यूं तो महाभारत में अर्जुन की बेटियों के बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है मगर अन्य धर्म ग्रंथों में ऐसा बताया गया है कि अर्जुन की 2 पुत्रियां भी थीं। 
Editorial
Updated:- 2025-01-09, 12:25 IST

महाभारत में ऐसे कई पात्र हैं जिनका उल्लेख मिलता है तो वहीं, कुछ ऐसे भी पात्र हैं जिनके बारे में किसी प्रकार का कोई वर्णन नहीं है, जैसे कि अर्जुन की बेटियां। हम सभी जानते हैं कि अर्जुन को अपनी 4 पत्नियों के माध्यम से 4 पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अर्जुन की बेटियां भी थीं। यूं तो महाभारत में अर्जुन की बेटियों के बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है मगर अन्य धर्म ग्रंथों में ऐसा बताया गया है कि अर्जुन की 2 पुत्रियां भी थीं। ऐसे में जब हमें ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से इस बारे में पूछा तो उन्होंने हमें कुछ महत्वपूर्ण बाते बताईं जिन्हें जानना आपके लिए भी रोचक सिद्ध होगा।

क्या है अर्जुन की बेटियों के नाम?

arjun ki betiyo ke naam

पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार, जब भीम ने दुर्योधन का वध किया था तब दुर्योधन के अंतिम समय में उससे मिलने गुरु कृपाचार्य और अश्वत्थामा आए थे। तब दुर्योधन ने अश्वत्थामा से यह वचन लिया था कि वो उसकी मृत्यु का बदला पांडवों से जरूर लेगा।

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रात के अंधेरे में अश्वत्थामा पांडवों के शिविर में पहुंचा और उसने पांचों पांडवों के पांच पुत्रों को पांडव समझकर मार डाला। इसके बाद जब पांडवों को इस बात का पता चला तो उन्होंने मिलकर अश्वत्थामा को ढूंढा और अर्जुन ने अश्वत्थामा को युद्ध के लिए ललकारा।

arjun ki betiyo ke kya naam hain

इसके बाद अर्जुन से युद्ध में खुद को हारता देख अश्वत्थामा ने अर्जुन की पुत्र वधु उत्तरा के गर्भ में पल रहे बालक की ओर ब्रह्मास्त्र छोड़ दिया, हालांकि श्री कृष्ण ने उत्तरा के गर्भ की रक्षा और बालक को बचा लिया। इसके बाद पांडवों का आखिरी वंशज पुत्र रूप में जन्मा।

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ऐसा माना जाता है अर्जुन की पुत्र वधु द्वारा जब उनके पोते का जन्म हुआ था तब उसके बाद अर्जुन ने द्रौपदी से पुत्रियों की इच्छा जताई थी, जिसके बाद अर्जुन और द्रौपदी के मिलन से अर्जुन को पुत्रियां हुई थीं। एक का नाम प्रज्ञा था और दूसरी का नाम प्रगति रखा गया।

arjun ki kitni betiya thi

मान्यता यह भी है कि प्रगति और प्रज्ञा में अग्नि जैसा तेज था एवं दोनों युद्ध विद्याओं में निपुण थीं। कहा जाता है कि अर्जुन की दोनों पुत्रियां को स्वयं श्री कृष्ण ने युद्ध शिक्षा दी थी। हालांकि इस बात उल्लेख कहीं भी नहीं है कि अर्जुन की दोनों पुत्रियों का बाद में क्या हुआ।

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