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कैसे ये 3 धर्मात्मा बने महाभारत युद्ध का कारण?

क्या आपको ये पता है कि महाभारत युद्ध किन लोगों के कारण हुआ था। आप में से बहुत से लोग कहेंगे दुर्योधन के कारण तो वहीं, कुछ कहेंगे द्रौपदी के कारण, लेकिन महाभारत युद्ध न दुर्योधन के कारण हुआ था और न ही द्रौपदी की वजह से। 
Editorial
Updated:- 2025-01-07, 11:38 IST

महाभारत युद्ध के बारे में हम सभी जानते हैं। महाभारत का युद्ध क्यों हुआ ये भी सबको पता है, लेकिन महाभारत युद्ध के पीछे किन लोगों का हाथ था क्या आप जानते हैं, क्या आपको ये पता है कि महाभारत युद्ध किन लोगों के कारण हुआ था। आप में से बहुत से लोग कहेंगे दुर्योधन के कारण तो वहीं, कुछ कहेंगे द्रौपदी के कारण, लेकिन ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि महाभारत न दुर्योधन के कारण हुआ था और न ही द्रौपदी की वजह से। महाभारत युद्ध के पीछे असल में वो 3 धर्म कर्म करने वाले लोग थे जिन्होंने 3 बड़े अपराध किये थे और उसी के चलते महाभारत की नीव तैयार हुई। आइये जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

महाभारत किन लोगों के कारण हुई थी?

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द्रौपदी ने एक बार दुर्योधन को अंधे का पुत्र अंधा कह कर संबोधित किया था, इसलिए महाभारत हुई ऐसा कई लोग मानते हैं। वहीं, दुर्योधन के लालच और शकुनी के षड्यंत्रों को भी महाभारत युद्ध का कारण माना जाता है, लेकिन असल में महाभारत हुआ था भगवन परशुराम के 3 शिष्यों के कारण।

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जब महाभारत युद्ध में श्री कृष्ण कर्ण से इलने गए थे ताकि वे कर्ण को उसके जन्म की सच्चाई बता सकें तब श्री कृष्ण ने कर्ण से सवाद करते हुए कहा था कि महाभारत युद्ध का कारण पितामह भीष, द्रोणाचार्य और स्वयं कर्ण हैं क्योंकि धर्म परायण होने के बाद भी तीनों योद्धाओं ने जघन्य अपराध किया था।

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कर्ण ने मित्रता के चलते दुर्योधन को कभी भी सत्य आर्ग के मार्ग पर चलने के लिए नहीं कहा और न ही मित्रता के चलते उसने दुर्योधन का साथ छोड़ा। वहीं, पितामह भीष्म अगर अपने पिता के मोह के कारण आ जीवन ब्रह्मचारी रहने का संकल्प न लेते और सत्यवती के आगे न झुकते तो महाभारत नहीं होती।

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वहीं, गुरु द्रोणाचार्य ने अपने शिष्यों को युद्ध कला में तो पारंगत किया लेकिन सन्मार्ग की शिक्षा देने एं सफल रहे क्योंकि उन्होंने खुद कौरवों और पांडवों को युद्ध कौशल में उत्तीर्ण इसलिए बनाया था ताकि वो अपने सभा में हुए अपने अपमान बदला द्रौपदी के पिता एवं अपने पूर्व मित्र पांचाल नरेश द्रुपद से ले सकें।

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