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कौन था पांडवों का दुर्योधन से भी बड़ा दुश्मन?

ऐसा माना जाता है कि भाई होते हुए कौरवों ने हमेशा पांडवों के साथ गलत व्यवहार किया, पांडवों से उनका अधिकार छीना और सत्ता की लालच में हमेशा पांडवों की मृत्यु के षड्यंत्र रचे।
Editorial
Updated:- 2024-11-15, 13:00 IST

महाभारत काल में जन्मा कौरवों और पांडवों के बीच का द्वेष आज भी किसी न किसी रूप में नजर आता है। ऐसा माना जाता है कि भाई होते हुए कौरवों ने हमेशा पांडवों के साथ गलत व्यवहार किया, पांडवों से उनका अधिकार छीना और सत्ता की लालच में हमेशा पांडवों की मृत्यु के षड्यंत्र रचे। इन्हीं कारणों की वजह से पांडवों का सबसे बड़ा दुश्मन कौरवों को ही माना जाता है, लेकिन असल में कौरवों और विशेष रूप से दुर्योधन से बड़ा एक शत्रु पांडवों का था जिससे पांडव सबसे ज्यादा घृणा करते थे। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वस्त से आइये जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

पांडवों का सबसे बड़ा दुश्मन कौन था?

Who was the biggest enemy of pandavas wikipedia

शिशुपाल भगवान श्री कृष्ण की बुआ का पुत्र था। यानी कि श्री कृष्ण, पांडवों और कौरवों का भाई था। शिशुपाल के जन्म के समय उसकी तीन आंखें और चार हाथ थे। जब शिशुपाल की माता ने शिशुपाल को देखा तो उन्हें उस बच्चे को त्यागने का निर्णय लिया लेकिन तभी भविष्यवाणी हुई।

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भविष्यवाणी यह थी कि समय आने पर शिशुपाल के तीक्स्री आंख और अन्य दो हाथ गायब ही जाएंगे और जिस किसी भी व्यक्ति की गोद में जाने से शिशुपाल के साथ ऐसा होगा वही उसका काल बनेगा। जब श्री कृष्ण ने शिह्सुपल को गोद में लिया तब उसकी तीसरी आंख और दो हाथ लुप्त हो गए।

Who was the enemy of Pandavas

शिशुपाल की माता ने श्री कृष्ण से शिह्सुपल के 100 अपराध माफ़ करने की बात कही जिस पर श्री कृष्ण ने यह वरदान अपनी बुआ को दे दिया। यूं तो शिशुपाल के 100 अपराधों के बाद उसका वध श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र से हुआ था लेकिन वह पांडवों का सबसे बड़ा शत्रु कहलाया था।

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इसके पीछे का कारण यह है कि शिशुपाल रामायण काल के रावण का महाभारत काल में पुनर्जन्म था। श्री कृष्ण के माता रुकमणी से जब विवाह किया था तब क्रोध में श्री कृष्ण से बदला अलेने के लिए शिशुपाल ने ही कौरवों का साथ दिया था और उन्हें हर एक चाल सुझाई थी जिससे पांडव पराजित हों।

शिशुपाल ने ही सबसे पहले पांडवों के महासुई यज्ञ में खनन डालने के लिए द्रौपदी और श्री कृष्ण के संबंध पर गलत बातें कही थी और कई गलत सवाल खड़े किये थे। इसी कारण से श्री कृष्ण ने भरी सभा में शिशुपाल का सिर धड़ से अलग कर दिया था और पांडवों को उस्सेमुक्ति दिलाई थी।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर कौन था महाभारत काल में दुर्योधन से भी बड़ा पांडवों का दुश्मन।

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