घर में सुख-समृद्धि लाने के लिए जान लीजिए शनि देव की 8 पत्नियों के बारे में

क्या आपको पता है कि शनि देव की शादी किससे हुई थी? आखिर क्या है शनि देव की 8 पत्नियों का रहस्य जो शनि देव की कॉपा बरसाने में मदद कर सकती हैं। 

Wife of shani dev and history

शनि देव के बारे में तो बहुत सी बातें कही और सुनी जाती हैं, लेकिन शनि देव की पत्नी के बारे में बहुत कुछ नहीं कहा जाता है। पर क्या आपको पता है कि शनि देव की पत्नी कौन थीं और किस तरह से उनका विवाह हुआ था? शनि को अपनी पत्नी से ही श्राप भी मिला था। शनि देव की महिमा के बारे में यह बातें शायद आपको नहीं पता हों। हमने ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से इसके बारे में जानकारी ली। उन्होंने हमें विस्तार से शनि देव की पत्नी के बारे में बताया।

शनि देव की पत्नी का असली नाम धामिनी था। शादी के बाद उन्हें नीलमंदा नाम से भी जाना जाने लगा। धामिनी की शादी पहले यम से होने वाली थी, लेकिन किसी वजह से उनकी शादी शनि से हो गई।

कौन हैं शनि देव की 8 पत्नियां?

असल में नीलमंदा के 8 स्वरूपों को ही शनि देव की 8 पत्नियां माना जाता है। ध्वजिनी, धामिनी, कंकाली, कलहप्रिया, कंटकी, तुरंगी, महिषी और अजा। इन 8 पत्नियों के रूप में वो धारणाएं, गुण और अवगुण हैं जो मुख्य पत्नी नीलमंदा में विद्यमान हैं। हालांकि, कुछ जगहों पर नीलिमा का भी जिक्र है जिन्हें शनि की दूसरी पत्नी माना जाता है। नीलिमा शनि की शक्ति थी और उनके पास ब्रह्म के पांचवे सिर की ताकत थी। धामिनी एक गंधर्व थीं।

shani dev and wife

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नीलमंदा ने ही दिया था शनि को श्राप

शनि देव की दृष्टी वक्री है और इसके लिए भी नीलमंदा जिम्मेदार हैं। कहानी कुछ ऐसी है कि शनि देव भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे। द्वापर में जब विष्णु का श्री कृष्ण रूप में जन्म हुआ तब उनके दर्शन पाने के लिए शनि देव ने बहुत तप किया। उस वक्त शनि की पत्नी नीलमंदा भी उनके सामने आईं और पुत्र प्राप्ति की इच्छा जाहिर की। नीलमंदा शनि देव को अपने सौंदर्य से रिझाने लगीं और शनि ने तप के बीच में अपनी आंखें नहीं खोलीं।

नीलमंदा को इससे बहुत गुस्सा आया और उन्होंने शनि देव को वक्र दृष्टि का श्राप दे दिया। उनके श्राप के अनुसार शनिदेव जिसपर भी अपनी दृष्टि डालेंगे उस इंसान का हमेशा अहित ही होगा।

डॉक्टर रमाकांत के अनुसार पौराणिक मान्यताएं हैं कि शनि देव की पत्नी का स्वभाव बहुत अस्थिर था और असल में यही कारण था कि उन्होंने अपनी पत्नी को गुस्सा दिलाया जिससे वह उन्हें श्राप दें उनकी पत्नी को अपनी गलती और स्वभाव का अंदाजा हो सके। नीलमंदा एक अप्सरा थीं और स्वर्ग में विचरण करती थीं। शनि देव की सरलता से वो हमेशा ही प्रभावित रहती थीं। उन्होंने इस कारण अपने पिता से उनसे विवाह करने की इच्छा जताई।

कुछ समय बाद उनके पिता शनि से शादी के लिए तैयार हो गए और नीलमंदा से विवाह हो गया। परंतु शनि देव को पता था कि उनका अस्थिर स्वभाव कैसा है। इसलिए उन्होंने इस तरह के हालात पैदा किए कि नीलमंदा को अपने स्वभाव के बारे में पता चले। श्राप के बाद नीलमंदा को अपनी गलती का एहसास हुआ और तब उन्होंने अपने भीतर के अवगुणों और भावनाओं को बाहर करना शुरू किए। यही भावनाएं एक-एक करके देवी का रूप धरने लगीं और तभी नीलमंदा के 8 स्वरूप हो गए।

इसके बाद से ही यह कहा जाने लगा कि शनि की 8 पत्नियां हैं।

शनि की पत्नी को हमेशा से नीलम रत्न पसंद था इसलिए ऐसा माना जाता है कि शनि का प्रिय रत्न भी नीलम ही है।

wife of shani dev

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शनि देव की पत्नियों का मंत्र

डॉक्टर राधाकांत वत्स ने हमें शनि देव की पत्नियों से जुड़ा एक मंत्र भी बताया। मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने वाले व्यक्ति पर शनि की कृपा बरसती रहती है। इसका जाप करने से शनि की साढ़े साती का दोष भी कम होता है।

ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली। कंटकी कलही चाथ तुरंगी महिषी अजा।।

शनेर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन पुमान्। दुःखानि नाशयेन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखम।।

ज्योतिष एक्सपर्ट के मुताबिक इस जाप से राहू-केतु की शांति भी होती है।

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Image Credit: Screengrab Mahima shani dev ki

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