हनुमान जी के पास बहुत से वरदान थे जो उन्हें बाल अवस्था में ही मिल गए थे। जब हनुमान जी ने सूर्य को फल समझकर खाया था तब इंद्र देव से युद्ध के दौरान वज्र प्रहार से हनुमान जी मूर्छित हो गए थे, लेकिन भगवान शिव ने उन्हें चेतना में लाकर सूर्य देव को मुक्त करने के लिए कहा था। तब जाकर सूर्य देव मुक्त हुए और सूर्य देव के हनुमान जी के पेट से बाहर आने के बाद सभी देवताओं ने हनुमान जी को एक-एक वरदान दिया था। इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि आखिर हनुमान जी को किस देवता ने कौन सा वरदान दिया था।
सूर्य देव ने हनुमान जी को क्या वरदान दिया था?
यह मान्यता है कि हनुमान जी को सूर्यदेव से अत्यधिक तेज प्राप्त है। सूर्यदेव ने उन्हें अपने तेज का सौवां अंश दिया है, जिसके कारण हनुमान जी के सामने कोई भी शक्ति ठहर नहीं पाती।
यमराज ने हनुमान जी को क्या वरदान दिया था?
धर्मराज यमराज से हनुमान जी को एक विशेष वरदान प्राप्त है, जिसके अनुसार वे कभी भी यमराज के प्रभाव से बचकर उनके शिकार नहीं होंगे ये कि हनुमान जी की मृत्यु कभी होगी ही नहीं।
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कुबेर देव ने हनुमान जी को क्या वरदान दिया था?
हनुमान जी सदैव अपने हाथ में गदा धारण किए रहते हैं, और इसी गदा से उन्होंने कई विशाल असुरों का संहार किया है। यह गदा और युद्ध में कभी पराजित न होने का वरदान कुबेर देव ने दिया था।
इंद्रदेव ने हनुमान जी को क्या वरदान दिया था?
शास्त्रों के अनुसार, इंद्र और हनुमान जी के बीच हुए युद्ध के दौरान इंद्र ने हनुमान जी को यह वरदान दिया था कि भविष्य में कभी भी उनके वज्र का प्रभाव बजरंगबली पर नहीं पड़ेगा।
विश्वकर्मा जी ने हनुमान जी को क्या वरदान दिया था?
भगवान विश्वकर्मा द्वारा बनाए गए सभी शस्त्रों का कोई भी असर बजरंगबली पर नहीं होगा, यह विशेष वरदान उन्हें भगवान विश्वकर्मा से प्राप्त है। तभी हनुमान जी के सामने अस्त्र-शस्त्र बेकार हैं।
वरुण देव ने हनुमान जी को क्या वरदान दिया था?
वरुण देव से हनुमान जी को यह वरदान प्राप्त है कि वे 10 लाख वर्षों की आयु पूरी करने के बाद भी जल के प्रभाव से कभी मृत्यु को प्राप्त नहीं होंगे। जल प्रलय भी उनका कुछ अहित नहीं कर पाएगी।
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शिव जी ने हनुमान जी को क्या वरदान दिया था?
भोलेनाथ से हनुमान जी को यह वरदान प्राप्त है कि उन्हें किसी भी अस्त्र से मारा नहीं जा सकता। वे अजय और अमर हैं। शिव जी ने उन्हें यह वरदान भी दिया कि वह हर युग के साक्षी रहेंगे।
ब्रह्म देव ने हनुमान जी को क्या वरदान दिया था?
दीर्घायु का वरदान बजरंगबली को ब्रह्म देव से प्राप्त हुआ था और हनुमान जी अपनी इच्छा के अनुसार कोई भी रूप धारण कर सकते हैं और कहीं भी जा सकते हैं, यह वरदान भी ब्रह्मा ने दिया था।
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