हमारे देश में पीरियड्स के लिए कई अलग रीति-रिवाज बनाए गए हैं। अगर हम शास्त्रों की मानें तो ऐसी कई बातें हमारे धर्म शास्त्रों में मिलती हैं जो इससे जुड़ी हुई हैं। आप सभी ने घर के बड़ों को ऐसा कहते हुए जरूर सुना होगा कि इस दौरान किसी भी पूजा-पाठ में शामिल नहीं होना चाहिए और मंदिर जैसी पवित्र जगह के अंदर प्रवेश से भी बचना चाहिए।
सदियों से हम इन बातों का अनुसरण करते चले आ रहे हैं और ये हमारी मान्यताओं का प्रतीक भी हैं, लेकिन क्या आपके मन में भी ऐसा कोई सवाल आता है कि पीरियड्स ख़त्म होने के कितने दिनों बाद मंदिर में प्रवेश करना ठीक है और इसके कारण क्या हैं? अगर हां, तो हम यहां आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। इस बारे में हमने ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से बात की। आइए उनसे जानें कि पीरियड्स के कितने दिन बाद मंदिर जाना ठीक है।
पीरियड्स के दौरान मंदिर में प्रवेश की मनाही क्यों होती है
शास्त्रों में पीरियड्स को लेकर कई बातें बताई गई हैं, जिसमें मुख्य रूप से मंदिर में प्रवेश की मनाही है। ऐसा माना जाता है कि जिस महिला को पीरियड्स हो रहे हों उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए।
दरअसल शास्त्रों में ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि पहले के समय में जब महिलाएं मासिक धर्म से गुजरती थीं उस समय शारीरिक रूप से भी अस्वस्थ होती थीं और इसके साथ ही पहले पानी की भी उचित व्यवस्था नहीं थी और नदी में स्नान करने का चलन था।
ऐसे में पीरियड्स के रक्तस्राव से नदी का पानी दूषित होने का डर होता था और इस वजह से उन्हें घर पर ही रहने की सलाह दी जाती थी। ऐसे में स्नान न कर पाने की वजह से शरीर शुद्ध नहीं माना जाता था और मंदिर में प्रवेश करने से मन किया जाता था।
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पीरियड्स के लिए ग्रंथों में है ये बात
कुछ हिंदू ग्रंथों का मानना है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं का शरीर अपवित्र होता है और इस दौरान मंदिर में प्रवेश से मूर्तियां अपवित्र हो सकती हैं। इसके साथ ही कुछ स्वच्छता संबंधी कारणों की वजह से भी अतीत में, महिलाओं के लिए अपने मासिक धर्म को स्वच्छता पूर्ण तरीके से निपटाने के लिए उन्हें घर में ही रहने की सलाह दी जाती है।
मान्यता है कि यदि इस दौरान महिलाएं अगर घर से बाहर निकलती हैं तो उन्हें बीमारी हो सकती है, क्योंकि उनका शरीर इस दौरान कमजोर होता है। इसके साथ ही कुछ संस्कृतियों के अनुसार भी मासिक धर्म के दौरान मंदिर में प्रवेश न करने की बात की जाती है।
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शास्त्रों के अनुसार पीरियड्स के कितने दिन बाद मंदिर जा सकते हैं
वैसे तो हम सभी की पीरियड्स की डेट अलग होती है, लेकिन ऐसी मान्यता है कि यदि यह अवधि 3 दिन की है तो आप चौथे दिन अच्छी तरह से स्नान करके और बाल धोने के बाद मंदिर में प्रवेश कर सकती हैं।
यदि पीरियड्स के अवधि 7 दिन है तो आठवें दिन मंदिर में प्रवेश किया जा सकता है। वैसे यदि हम ज्योतिष की मानें तो आमतौर पर पीरियड समाप्त होने के बाद पांचवें दिन आप मंदिर में प्रवेश कर सकती हैं। शास्त्रों के अनुसार पीरियड समाप्त होने के बाद का पांचवां दिन शुद्धिकरण के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, इसलिए ही इसी दिन पूजा करने और मंदिर जाने की सलाह दी जाती है।
क्या कहता है विज्ञान
यदि हम विज्ञान की बात करें तो इसका सिर्फ एक ही कारण हो सकता है वो है हाइजीन यानी कि सफाई। इसके साथ ही आपके मासिक धर्म के दौरान या उसके बाद किस दिन मंदिर जाना है इसका निर्णय व्यक्तिगत है।
विज्ञान ऐसी किसी भी बात की पुष्टि नहीं करता है कि पीरियड्स के कितने बाद मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं। हालांकि इसका भी एक यही कारण माना जाता है कि शायद पहले के समय में महिलाओं के पास पूरी सुविधाएं नहीं होती थीं और उन्हें पीरियड्स के रक्तस्राव से गुजरने में समस्याएं होती थीं, इसलिए घर के भीतर ही आराम करने की सलाह दी जाती थी।
आपको पीरियड्स के बाद मंदिर कब जाना है इसके भले ही कई ज्योतिष कारण हों, लेकिन विज्ञान इनसे अलग है और ये आपका व्यक्तिगत निर्णय हो सकता है।
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