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why women should not enter temple in periods in shastra astrology

पीरियड्स के दौरान मंदिर और किचन में प्रवेश की क्यों होती है मनाही, जानें क्या कहता है शास्त्र

सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार पीरियड्स के दौरान मंदिर में प्रवेश न करने की सलाह दी जाती है। आइए इसके पीछे के कारणों और शास्त्रों में  बताए नियमों के बारे में यहां विस्तार से जानें
Editorial
Updated:- 2023-03-06, 13:09 IST

जब से पीरियड्स शुरू हुए घर के बड़ों से यही सुनती आई हूं कि इस दौरान पूजा-पाठ न करो, अचार मत छुओ, ज्यादा बाहर मत घूमो, मंदिर में प्रवेश मत करो और किचन से दूर रहो। हमेशा से यही सोचती थी कि आखिर क्यों इन पांच दिनों में महिलाएं इतनी अपवित्र हो जाती हैं कि इस दौरान के कई कामों को करने की मनाही होती है।

यही नहीं धर्म शास्त्रों में भी महिलाओं के पीरियड्स के दौरान मंदिर और किचन में न जाने की बात कही गई है। दरअसल हमारे शास्त्रों में ऐसी कई बातें बताई गई हैं जिनके बारे में हमें पूरी जानकारी न होने पर भी हम उनका अनुसरण सदियों से करते आए हैं। उन्हीं बातों में से एक यह भी है। मेरे मन में भी इस बात को लेकर कई सवाल थे और इसका उत्तर जानने के लिए मैंने ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें कि शास्त्रों में ऐसा क्यों कहा गया है कि पीरियड्स के दौरान मंदिर न जाएं।

सदियों से चली आ रही है यह प्रथा

why women should not enter in temple during periods

न जाने कितने सालों से ये प्रथा चली आ रही है कि महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दूरी बना लेनी चाहिए। यदि हम प्राचीन काल की बात करें तो पहले के जमाने में महिलाओं को उनके मासिक धर्म के दौरान एक कोने में बैठने के लिए कहा जाता था और उन्हें घर का कोई काम करने की अनुमति नहीं थी और न ही पूजा-पाठ करने या मंदिर में प्रवेश की अनुमति थी।

दरअसल इसके पीछे यदि ज्योतिष कारणों की बात करें तो एक ही मंशा थी कि महिलाएं इस दौरान शारीरिक रूप से अस्वस्थ होती थीं और मासिक धर्म की वजह से उनका शरीर अपवित्र होता था। इस वजह से उन्हें मंदिर न जाने की सलाह दी जाती थी।

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प्राचीन काल में पीरियड्स के दौरान मंदिर में प्रवेश करने की क्यों थी मनाही

why women should not enter in kitchen during periods

शास्त्रों में इस बात के जिक्र है कि महिलाएं पीरियड्स के दौरान (पीरियड्स के दौरान पूजा-पाठ कैसे करें) किसी भी पवित्र जगह जैसे मंदिर और किचन में प्रवेश न करें। ऐस इसलिए कहा जाता था क्योंकि पहले के समय में घर में पानी की अच्छी व्यवस्था नहीं होती थी जिसकी वजह से उन्हें स्नान के लिए बाहर नदी में जाना पड़ता था।

पीरियड्स के दौरान रक्तस्राव होने की वजह से नदी की पवित्रता खत्म हो सकती थी। इसी वजह से उन्हें कम से कम 5 दिनों तक बाहर न निकलने की सलाह दी जाती थी। ज्योतिष में ऐसा भी माना जाता है कि पीरियड्स के बाद जब शरीर पूरी तरह से शुद्ध हो तब पांचवें दिन ही बालों को धोने के बाद पवित्र स्थान पर प्रवेश करने को कहा जाता था।

किचन में प्रवेश न करने का क्या था कारण

women should not enter kitchen during periods

पीरियड्स के दौरान खासतौर पर किचन में भी प्रवेश करने से मना किया जाता था। दरअसल पहले के समय में परिवार एकल न होकर संयुक्त होते थे और एक साथ कई लोगों का खाना बनता था।

किचन में इस्तेमाल होने वाले बर्तन भी काफी भारी होते थे और शारीरिक रूप से कमजोर होने की वजह से पीरियड्स के दौरान महिलाओं को भारी बर्तन न उठाने पड़ें और उन्हें कोई असुवुधा न हो, इसलिए किचन में न आने के लिए कहा जाता था। पीरियड्स के दौरान महिलाएं, बेचैनी, ऐंठन, अत्यधिक रक्त प्रवाह, अवसाद, मिजाज और क्रोध का अनुभव करती थीं, इसी वजह से ये वो दिन होते थे जब उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से आराम करने की सलाह दी जाती थी।

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क्या हैं वैज्ञानिक कारण

यदि हम पीरियड्स के दौरान मंदिर और किचन में प्रवेश न करने के वैज्ञानिक कारणों की बात करते हैं तो इसकी सिर्फ एक यही वजह सामने आती है कि इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं जिसकी वजह से उनका मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है। इस वजह से उन्हें ज्यादा काम न करने की सलाह दी जाती है और किचन में न जाने के लिए कहा जाता है, जिससे उन्हें आराम मिल सके।

इसके अलावा, पहले के समय में महिलाओं के पास अपने पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल करने के लिए कपड़े के अलावा कोई विकल्प नहीं था और यदि वो घर से बाहर निकलतीं तो उन्हें स्राव को रोकने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता था, इसी वजह से उन्हें घर में ही रहने की सलाह दी जाती थी। लेकिन आज की महिलाओं का जीवन पहले की पीढ़ियों से बिल्कुल अलग है। आजकल सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध हैं जिनसे महिलाएं बेफिक्र कहीं भी आ जा सकती हैं।

अगर हम आज के परिदृश्य की बात करें तो पीरियड्स के दौरान मंदिर या किचन में प्रवेश न करना एक व्यक्तिगत पसंद ही सकती है क्योंकि समाज उन्नति कर रहा है और ज्योतिष या शास्त्रों का अनुकरण आपकी अपनी सोच पर निर्भर करता है। लेकिन यदि आप शारीरिक पवित्रता को ध्यान में रखें तो पीरियड्स के दौरान मंदिर में प्रवेश न करना ही आपके लिए बेहतर है।

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