क्या रात के समय मंदिर की सफाई करना उचित है? जानें ज्योतिषीय राय

अगर आप भी त्योहारों के समय जल्दबाजी में रात के समय ही मंदिर की सफाई करती हैं, तो आपको इसके ज्योतिष नियमों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए। 

when should home temple cleaning time

ऐसा माना जाता है कि किसी भी स्थान की पवित्रता बनाए रखने के लिए उसकी साफ़ सफाई करनी बहुत जरूरी होती है। जब बात मंदिर की पवित्रता की आती है तब भी सफाई को बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है।

ऐसा माना जाता है कि यदि मंदिर में ठीक से सफाई न की जाए तो उस स्थान पर ईश्वर का वास नहीं हो सकता है। इसी वजह से पूजा के स्थान को नियम से साफ़ करने की सलाह दी जाती है।

लेकिन मंदिर के लिए ज्योतिष में कई नियम बनाए गए हैं और जब बात सफाई की है तब भी इससे जुड़े कई प्रश्न मन मस्तिष्क में गोते लगाते हैं। ऐसे ही प्रश्नों में से एक है कि क्या रात के समय मंदिर की सफाई करना उचित है?

इस सवाल का जवाब जानने के लिए और इस बात का पता लगाने के लिए कि रात में मंदिर की सफाई की मनाही क्यों होती है, हमने नारद संचार के ज्योतिष अनिल जैन जी से बात की, उन्होंने हमें इस बात से जुड़े कुछ तथ्यों और कारणों के बारे में बताया। आइए जानें कि रात के समय मंदिर की सफाई करना कितना सही है।

रात के समय मंदिर की सफाई से रूठ सकती हैं माता लक्ष्मी

cleaning of temple at night is not good

प्राचीन काल से ऐसी मान्यता चली आ रही है कि रात के समय घर की या किसी भी अन्य स्थान की सफाई नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से घर में लक्ष्मी का आगमन अवरुद्ध हो जाता है। यदि रात में आप मंदिर की सफाई करती हैं तब भी ये धन हानि का कारण बन सकता है।

यदि ज्योतिष की न भी मानें तो भी मंदिर में कई बार कुछ कीमती चीजें रखी होती हैं और पहले के समय में जब प्रकाश की उचित व्यवस्था नहीं थी उस समय मंदिर में सफाई करने से कीमती वस्तुएं भी घर से बाहर निकल जाती थीं। इसी वजह से आज भी मंदिर की सफाई रात के समय करने की मनाही है।

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रात्रि के समय भगवान के शयन का समय होता है

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ऐसा माना जाता है कि संध्या आरती के समय के बाद से ही भगवान के आराम का समय शुरू हो जाता है। ऐसे में यदि लोग उनके सोने के समय में मंदिर की सफाई करते हैं तो ये उनके शयन में बाधा का कारण बन सकता है। इसी वजह से ऐसा कहा जाता है कि मंदिर की सफाई कभी भी संध्याकाल के बाद न करें। यदि लोग रात में भगवान को जगाते हैं तो ये उनका अपमान होता है और इससे घर की समृद्धि में बाधा हो सकती है।

आरती का दीपक जल रहा हो तो मंदिर की सफाई न करें

temple cleaning at night is not good

अक्सर देखा जाता है कि लोगों के घरों में रात के समय आरती होती है। ऐसे में मंदिर में दीया काफी देर तक प्रज्ज्वलित रहता है और इससे घर में समृद्धि बनी रहती है, लेकिन जब आप रात में मंदिर साफ़ करेंगे तब इस दीये में बाधा आ सकती है, जो घर में समस्याओं का कारण बन सकता है।

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रात के समय शरीर अशुद्ध माना जाता है

ऐसा माना जाता है कि रात्रि के समय व्यक्ति का शरीर अपवित्र होता है, क्योंकि ऐसा जरूरी नहीं है कि लोग अच्छी तरह से स्नान करके या साफ़ वस्त्र धारण करके ही मंदिर की सफाई कर रहे हों। कई बार महिलाएं त्योहार की जल्दबाजी में मंदिर की सफाई करने लगती हैं और साफ़ वस्त्र भी नहीं पहनती हैं। ऐसे में अपवित्र शरीर और कपड़ों के साथ मंदिर की सफाई करने से घर की शांति कम हो जाती है और नकारात्मक ऊर्जा आती है। ज्योतिष में हमेशा पवित्र तन और मन से ही मंदिर के स्पर्श की सलाह दी जाती है।

यदि आप घर की खुशहाली बनाए रखना चाहती हैं तो रात के समय मंदिर की सफाई न करें। आप सुबह शुद्ध मन और साफ़ शरीर से ही घर के मंदिर की सफाई करें जिससे आपके जीवन में सौहार्द्र बना रहे।

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Image Credit: freepik.com

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