Garuda In Ramayana: गरुड़ जी के कारण मृत्यु के मुख से लौट आए थे श्री राम और लक्ष्मण, जानें दिलचस्प कथा

रामायण में एक उल्लेख ऐसा भी मिलता है जब गरुड़ देव ने श्री राम और लक्ष्मण जी को मृत्यु के मुख में जानें से बचाया था।  

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Garuda In Ramayana: रामायण में एक अनोखे किस्से का जिक्र मिलता है जब प्रभु श्री राम और भ्राता लक्ष्मण के प्राण संकट में आ गए थे। हाल ये था कि श्री राम के परम भक्त और संकट मोचन हनुमान भी अपने प्रभु के प्राणों की रक्षा करने में असमर्थ हो गए थे। तब गरुड़ देव ने श्री राम और उनके भाई लक्ष्मण के प्राणों को बाल-बाल बचाया था।

हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने हमें इस किस्से के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि युद्ध में जब रावण के पुत्र मेघनाद का आगमन हुआ तब उसने भ्राता लक्ष्मण को युद्ध की चुनौती देते हुए पुकारा।

  • लक्ष्मण ने भी अपने क्षत्रिय धर्म का पालन करते हुए युद्ध की चुनौती को स्वीकार किया। दोनों के बीच भीषण युद्ध आरंभ हुआ। जब कई दिनों तक युद्ध चलता रहा तो मेघनाथ को यह स्पष्ट हो गया कि लक्ष्मण कोई साधारण मनुष्य नहीं हैं बल्कि शेषनाग का अवतार हैं।
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  • मेघनाथ समझ गया कि इस प्रकार मात्र दिव्य बाणों के सहारे वो लक्ष्मण भैया को हरा नहीं सकता। तब उसने काली और आसुरी शक्तियों का सहारा लिया। मेघनाथ ने एक एक कर सभी भयंकर से भयंकर आसुरी शक्तियों का आवाहन किया और लक्ष्मण जी पर लक्ष्य साधने लगा।
  • मेघनाथ की आसुरी शक्तियों से विभीषण जी अवगत थे तो उन्होंने श्री राम से भ्राता लक्ष्मण की सहायता करने की प्रार्थना की। जब श्री राम (श्री राम की मृत्यु का रहस्य) लक्ष्मण जी के पास पहुंचे और लक्ष्मण जी को सावधान होने की सलाह देते हुए युद्ध के लिए सज्ज होने लगे तब उस मौके का फायदा उठाकर मेघनाथ अदृश्य हो गया और उसने श्री राम और लक्ष्मण पर अदृश्य रूप में ही नाग पाश का निशाना साध दिया।
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  • नाग भगवान शिव (क्यों थीं भगवान शिव की 3 आंखें) के गले में रहता है। इसी कारण से भगवान शिव का मान रखते हुए श्री राम और लक्ष्मण ने उस नागपाश के बंधन को सहर्ष स्वीकार किया। श्री राम और लक्ष्मण को नागपाश के वश में मूर्छित होता है समस्त राम सेना घबरा गयी।
  • हनुमान जी को भी कुछ समझ नहीं आया कि वो कैसे अपने प्रभु की जान बचाएं। उधर विभीषण भी श्री राम और लक्ष्मण की ऐसी दशा देख व्याकुल हो उठे। तब जामवंत जी ने हनुमान जी को मार्ग सुझाते हुए बोला कि वह गरुड़ देव का आवाहन करें और उन्हें इस नागपाश को नष्ट करने के लिए कहें।
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  • हनुमान जी के आवाहन पर गरुड़ जी क्षण भर में उपस्थित हो गए और उन्हें नागों को एक एक कर खाना शुरू किया जिसके बाद श्री राम और लक्ष्मण नागपाश से मुक्त हो गए।

तो इस तरह गरुड़ ने रामायण के युद्ध में श्री राम और लक्ष्मण की जान बचाई थी। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Herzindagi

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