Krishna Puja: कृष्ण पूजा में क्यों वर्जित माना जाता है गंगाजल?

गंगाजल को पवित्र माना जाता है और हर पूजा में इसका इस्तेमाल भी किया जाता है फिर क्यों कृष्ण पूजा में गंगाजल के प्रयोग पर पाबंदी है।  

krishna puja on wednesday

Krishna Puja: हिन्दू धर्म में हर देवी देवता की पूजा से जुड़े कुछ नियम होते हैं। माना जाता है कि इन नियमों के पालन के साथ ही हमें पूजा करनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि नियम पालन में लापरवाही से पूजा का पूरा फल नहीं मिलता। ऐसा ही एक नियम है कृष्ण पूजा का। कृष्ण पूजा में गंगाजल के प्रयोग पर मनाही होती है।

धर्म शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि कृष्ण पूजा के दौरान गंगाजल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। जब हमने इस बारे में हमारे एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स से बात की तो उन्होंने हमें इस विषय पर एक रोचक तथ्य बताया जो आज हम अपने इस लेख के जरिये आपके साथ साझा करने जा रहे हैं।

  • हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार, गंगाजल को अत्यंत पवित्र माना जाता है। गंगाजल का प्रयोग हर देवी देवता के पूजा-पाठ में किया जाता है लेकिन कृष्ण पूजा में गंगाजल का कोई स्थान नहीं। इसके पीछे का कारण ये माना जाता है कि भागीरथ ने जब घोर तपस्या कर ब्रह्मदेव से गंगा मां को पृथ्वी पर भेजने की प्रार्थना की थी तब ब्रह्म देव ने अपने कमंडल से मां गंगा को बाहर निकाला था।
  • तब मां गंगा ने सर्वप्रथम भगवान विष्णु के चरणों को स्पर्श किया था और भगवान विष्णु (भगवान विष्णु को क्यों कहते हैं नारायण) की चरण वंदना की थी। इसके बाद मां गंगा भगवान शिव के शीश पर विराजमान हुईं और उसके बाद पृथ्वी पर उनका आगमन हुआ। माना जाता है कि चूंकि मां गंगा ने भगवान विष्णु के चरणों को स्पर्श किया था इसी कारण से उनके जल द्वारा भगवान विष्णु एवं उनके किसी भी अवतार का अभिषेक नहीं किया जाता है।
krishna puja
  • हालांकि कई घरों में श्री राम, श्री कृष्ण और अन्य विष्णु अवतारों की पूजा में लोग गंगाजल (गंगाजल के ज्योतिष उपाय) का इस्तेमाल करते हैं लेकिन ऐसा करना उचित नहीं है। इसके अलावा, एक और पौराणिक कथा के अनुसार यमुना यमुना मैय्या श्री कृष्ण की पटरानी के रूप में जानी जाती हैं। ऐसे में एक पवित्र नदी के होते हुए दूसरी पवित्र नदी को श्री कृष्ण ने अपने जीवन में स्थान नहीं दिया था।
  • एक विरोधाभास यहां भी देखने को मिलता है और वो ये कि कृष्ण कथाओं में इस बात का वर्णन है कि श्री कृष्ण ने अपने मन से गंगा मां को उत्पन्न किया था जिसके बाद मां गंगा का एक नाम मानसी गंगा भी पड़ा लेकिन श्री कृष्ण द्वारा गंगा मैय्या के पूजे जानें की कोई कथा शायद ही किसी ग्रंथ में लिखित है।

तो ये था कृष्ण पूजा में गंगाजल के वर्जित होने का कारण। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Herzindagi

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