पौष माह का शुभारंभ 16 दिसंबर, दिन सोमवार से होगा। वहीं, इसका समापन 13 जनवरी, दिन सोमवार को पूर्णिमा के साथ होगा। पौष माह को पितरों का महीना माना जाता है। इस माह में पितरों के निमित्त दान करने या पितृ शांति के लिए पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि पौष माह में कुछ और भी ऐसे काम हैं जिन्हें करने से कई लाभ मिलते हैं तो वहीं, कुछ कामों को इस महीने में करने से बचना चाहिए। आइये जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
पौष माह में क्या करना चाहिए?
सूर्य पूजा: पौष माह में प्रतिदिन सूर्यदेव की पूजा करें। इसके साथ ही 'ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ' मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में समृद्धि आती है।
जल अर्पण: प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करें। जल में लाल फूल, लाल चंदन और अक्षत मिलाकर सूर्यदेव को अर्पित करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
भगवान विष्णु की पूजा: इस महीने में श्री हरि विष्णु की पूजा करना भी अत्यंत लाभकारी होता है। प्रतिदिन विष्णु सहस्त्रनाम का श्रद्धापूर्वक पाठ करें। इससे विष्णु देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में दरिद्रता का नाश होता है।
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लाल रंग का उपयोग: इस माह के लिए लाल रंग को शुभ माना गया है। इसलिए इस महीने लाल रंग का अधिक से अधिक उपयोग करें, जैसे लाल वस्त्र पहनें, घर में लाल रंग के फूल लगाएं या किसी वस्तु का चयन लाल रंग में करें।
दान-पुण्य: पौष मास में दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस माह में जरूरतमंदों को कंबल, तिल, गुड़, फल, मिठाई आदि का दान करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में समृद्धि आती है।
पूर्वजों के तर्पण और पिंडदान: पौष माह को छोटा पितृपक्ष भी माना जाता है। इस दौरान अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करना आवश्यक है। इससे उनके आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
पौष माह में क्या नहीं करना चाहिए?
मांस-मदिरा का सेवन न करें: पौष माह में मांस और मदिरा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह माह धार्मिक और मानसिक शुद्धि का समय होता है।
कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करें: इस महीने बैंगन, मूली, मसूर की दाल, फूल गोभी, उड़द की दाल जैसे कुछ विशेष खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए।
चीनी का सेवन न करें: पौष माह में चीनी का सेवन भी वर्जित माना जाता है, ताकि शरीर और मन की शुद्धि बनी रहे और आध्यात्मिक उन्नति हो।
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सात्विक भोजन करें: इस महीने सात्विक आहार का सेवन करना चाहिए। ताजे फल, सब्जियां, दूध, दही, और अन्य पौष्टिक, हल्के और शुद्ध भोजन का सेवन करना उपयुक्त होता है।
मांगलिक कार्य न करें: पौष माह में मांगलिक कार्य, जैसे विवाह, गृह प्रवेश या अन्य शुभ कार्य, नहीं करना चाहिए। यह माह विशेष रूप से तप और साधना का समय होता है।
नमक का सेवन न करें: इस माह में नमक का सेवन भी वर्जित माना गया है।
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