यूपी की सियासत में भूचाल लाने वाला उन्नाव गैंगरेप का मामला एक बार फिर सूर्खियों में तब गया, जब बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगाने वाली उन्नाव की पीड़िता 28 जुलाई को हए एक सड़क हादसे में बुरी तरह घायल हो गई है। इस एक्सीडेंट में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी जबकि पीड़िता का वकील गंभीर रूप से घायल हो गया था। ये हादसा तब हुआ था जब पीड़ित लड़की अपने परिवार के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलकर वापस लौट रही थी।
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पीड़ित परिवार रेप पीड़िता के एक्सिडेंट को हादसा नहीं, बल्कि हत्या की साजिशबताया था। सीबीआई ने इस पूरे मामले की जांच की थी। कुलदीप सेंगर पर लगे आरोपों के मद्देनजरबीजेपी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था।
CBI ने की घटना स्थल पर जाकर की थी मामले की इसकी जांच
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की कार में टक्कर सुनियोजित साजिश थी अथवा यह महज हादसा, यह पता करने के लिये सुप्रीम कोर्ट ने सात दिन की समयसीमा तय की थी,इसके बाद सीबीआई ने अपनी तफ्तीश तेज कर दी थी। जांच एजेंसी ने 24 अफसरों की तीन टीम बनाई थी। जांच एजेंसी की टीमों ने रायबरेली, उन्नाव और लखनऊ में अलग-अलग पड़ताल कर तथ्य जुटाए। इनके अलावा भी दो टीम लखनऊ स्थित मुख्यालय में मौजूद रहकर हर तथ्य पर अपनी रिपोर्ट तैयार करती रहीं।
आइए जानें क्या है पूरा मामला
जून 2018 में यह मामला उस समय प्रकाश में सुर्खियों में आया, जब एक नाबालिग लड़की ने उन्नाव के बांगरमऊ से बीजेपी विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर और उसके साथियों पर गैंगरेप का आरोप लगाया। इस मामले में आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और पीड़िता अचानक से गायब हो गई। परिवार वालों ने लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई। इसके बाद पीड़िता को 9 दिनों बाद औरया जिले के एक गांव से बरामद किया गया, जहां से उसे वापस उन्नाव लाया गया। कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया।रेप और यौन शोषण की पीड़िता की किस तरह आप कर सकती हैं मदद, पढ़ें।
आत्मदाह की कोशिश के बाद सुर्खियों में आया था मामला
पीड़ित लड़की ने आरोप लगाया था कि 2017 में जब वो सेंगर के घर नौकरी के लिए गई थी तब उसके साथ गैंगरेप किया गया। घटना के 1 साल बाद पीड़ित लड़की ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के घर के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश की। इसके बाद से यह केस लाइम लाइट में आ गया था। पीड़ित लड़की के पिता ही उसका केस लड़ रहे थे। लड़की के पिता की मौत अप्रैल 2018 में जेल में हो गई और इसका आरोप सेंगर के भाई पर था। लड़की के पिता पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया थे। सीबीआई ने पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में दो पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। 21 मई 2018 को पीड़िता के पिता को आर्म्स एक्ट के झूठे केस में फंसाने के मामले में सेंगर की संलिप्तता के सबूत भी मिले। वहीं, इस हमले के चश्मदीद गवाह की अगस्त 2018 में संदेहास्पद हालात में मौत हो गई थी।यौन हिंसा के खिलाफ तकनीक को बनाइए अपना सबसे बड़ा हथियार, जानें कैसे।
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मामला कोर्ट पहुंचा
जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तक पीड़ित की मां ने सेंगर और उसके भाई पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए इस साल फरवरी में सीजेएम से गुहार लगाई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इसी साल 3 अप्रैल को पीड़ित की मां की याचिका पर सुनवाई की। उस समय भी पीड़िता के परिवार वाले आरोप लगा रहे थे कि विधायक और उसके भाई उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।क्या पोर्न साइट्स हैं गैंग रेप के लिए जिम्मेदार।
इसके बाद मामले में कार्रवाई तेज हुई। दिल्ली की अदालत ने कुलदीप सेंगर को किडनैपिंग और रेप के मामले में दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही उन्हें 25 लाख रुपये पीड़िता को हर्जाने के तौर पर देने के लिए कहा गया।
Photo courtesy- (Hindustan Times, The Economic Times, DNA India)
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