
उन्नाव रेप केस में पिछले कुछ दिनों से आए फैसलों के कारण यह मामला फिर चर्चा में आ गया है। पहले हाईकोर्ट ने इस केस में दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित करते हुए उन्हें जमानत दे दी। इस फैसले को लेकर कई सवाल खड़े हुए और पीड़िता और उसके परिवार के अलावा लोगों ने भी इस पर काफी रोष प्रकट किया। हमारे देश में न्याय की क्या तस्वीर है और कैसे पीड़िता इंसाफ की गुहार लगा रही है, लेकिन दोषी को कोर्ट से राहत मिल रही है, इसे लेकर सवाल उठने लगे हालांकि, कल यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले पर रोक लगा दी है। इस फैसले का जहां लगभग सभी ने स्वाग किया, वहीं दूसरी तरफ कुलदीप सेंगर की बेटी इशिता ने न केवल इस फैसले पर सवाल उठाए, बल्कि इस पूरे केस के फैक्ट्स को भी गलत बताया। उन्होंने एक ओपन लेटर लिखकर अपनी बात कही और ये भी बताया कि कैसे लगातार उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। चलिए आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है?
To
— Dr Ishita Sengar (@IshitaSengar) December 29, 2025
The Hon’ble Authorities of the Republic of India,
I am writing this letter as a daughter who is exhausted, frightened, and slowly losing faith, but still holding on to hope because there is nowhere else left to go.
For eight years, my family and I have waited. Quietly.…
उन्नाव रेप मामले में दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद निलंबित करने के फैसले पर रोक लगने के बाद उनकी बेटी इशिता सेंगर ने एक ओपन लेटर लिखा है। इस लेटर में उन्होंने बताया कि कैसे वो धीरे-धीरे अपनी सारी उम्मीदें खो रही हैं। उन्होंने लिखा, "मैं ये खत एक ऐसी बेटी के तौर पर लिख रही हूं, जो थक चुकी है...डरी हुई है, धीरे-धीरे जिसका भरोसा खोता जा रहा है, लेकिन फिर भी वो उम्मीद से जुड़ी हुई है। पिछले 8 सालों से मैं और मेरा परिवार खामोश और सब्र के साथ इंतजार कर रहे हैं। हम इस बात पर भरोसा रख रहे हैं कि अगर हम सब कुछ सही तरीके से करेंगे तो आखिर में सच्चाई सामने आएगी..हमने कानून और संविधान पर भरोसा रखा और इस बात को माना कि इस देश में न्याय शोर-शराबे, हैशटैग या जनता के गुस्से पर निर्भर नहीं करता है, लेकिन आज में ये इसलिए लिख रही हूं कि मेरा भरोसा टूट रहा है। मेरी बात सुनने से पहले ही मुझ पर भाजपा विधायक की बेटी का लेबल लगा दिया जाता है और इससे मानो मेरी इंसानियत मिट जाती है।" इशिता ने इस खत में इस बात का भी जिक्र किया कि पिछले इतने सालों में कई बार उन्हें ऐसा कहा गया कि उनका रेप किया जाना चाहिए या उन्हें मार डालना चाहिए।

इशिता ने अपने पिता के बचाव में कई दावे भी किए हैं और कहा है कि अपील में सभी फैक्ट्स रिकॉर्ड में हैं। उनका कहना है कि एम्स की रिपोर्ट में पीड़िता की उम्र 18 साल से ऊपर बताई गई है, लेकिन फिर भी उसे माइनर कहा जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने केस से जुड़े कई अन्य तथ्यों पर भी सवाल उठाए। इशिता का कहना है कि उनके परिवार और पीड़िता के परिवार की पुरानी दुश्मनी है। अगर उनके पिता के खिलाफ कोई भी सुबूत हो तो उन्हें फांसी दे दी जाए।
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Image Courtesy: Freepik, Shutterstock
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