कोमोलिका कौन है? हो सकता है कि इस सवाल को पढ़कर आप सोच में पड़ जाएं। अगर आप इस स्टोरी को पढ़ने आए हैं, तो कोमोलिका के बारे में थोड़ी जानकारी तो होगी ही। वो आइकॉनिक कैरेक्टर जिसने टीवी सीरियल्स में वैम्प के रोल को जीवित कर दिया। 20 सालों से चले आ रहे वैम्प कल्चर का श्रीगणेश करने वाली आखिर कोमोलिका ही तो थी। उर्वशी ढोलकिया द्वारा अभिनीत इस कैरेक्टर का जादू कुछ ऐसा चला था कि हीरो-हीरोइन से ज्यादा सीरियल में वैम्प की चर्चा होने लगी थी। ऐसा नहीं है कि इसके पहले टीवी सीरियल्स में कोई फीमेल वैम्प नहीं थी, लेकिन कोमोलिका ने अपनी अलग पहचान बना ही ली।
कोमोलिका की माया कुछ इस तरह की थी कि जब 'कसौटी जिंदगी की' का दूसरा सीजन आया तब भी अनुराग और प्रेरणा से ज्यादा कोमोलिका के चर्चे थे। आज हम उसी कोमोलिका की बात करते हैं, जो एक तरह से कोमोलिका सिंड्रोम बन गई है। ठहरिए जरा, मुझे अपनी बात समझाने का मौका दीजिए।
क्या है कोमोलिका सिंड्रोम?
कोमोलिका का असली मतलब होता है 'कमल के फूल जैसा शरीर' पर टीवी सीरियल के मुताबिक कोमोलिका का असली मतलब है अदा। ऐसी अदा जो दुनिया को अपना दीवाना बना दे। कोमोलिका सिंड्रोम असल में वही अदा है जो हमें अपनी जिंदगी का मेन कैरेक्टर बनाती है। कोमोलिका सिंड्रोम का मतलब सिर्फ वैम्प बन जाना ही नहीं है। कोमोलिका सिंड्रोम का मतलब है हर बार हारने पर भी आगे बढ़ना और अपने प्लान में सफल होना।
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अब प्रेरणा की तरह त्याग, बलिदान, दुख आखिर किसे चाहिए जब कोमोलिका की तरह संतोष, सुख और प्यार सब कुछ मिल रहा है। मेरे हिसाब से कोमोलिका सिंड्रोम की परिभाषा ही यही है। आप कहीं भी जाएं, तो सबको आपकी प्रेजेंस का अहसास हो जाए। आपको सेंटर ऑफ अट्रैक्शन रखा जाए, आपकी बात सबसे पहले सुनी जाए, आपकी पर्सनैलिटी ही सबसे खास बन जाए।
अब ऐसे देखा जाए, तो हमारे और आपके बीच ही ऐसी कई लड़कियां होंगी जो कोमोलिका सिंड्रोम से ग्रसित होंगी। अगर आपमें इनमें से कुछ लक्षण हैं, तब वाकई आप अपनी जिंदगी की कोमोलिका हैं।
- आपको अपने फैसले लेने के लिए किसी और की जरूरत नहीं पड़ती। आपको अपनी खुशी के लिए जीना आता है।
- आप खुद के लिए सजती हैं, किसी और के लिए नहीं।
- आपको बोल्ड लिपस्टिक, मेकअप, बोल्ड इमेज से कोई फर्क नहीं पड़ता, बल्कि ये सब आपकी पर्सनैलिटी की पहचान हैं।
- आपको कोई कुछ भी कहे, आपकी थिंकिंग पर इस बात का फर्क नहीं पड़ता।
- आप अपनी राय देना जानती हैं। किसी के पीछे खड़े होकर नहीं, बल्कि सबके सामने आकर आपको अपनी राय देना पसंद है।
- आप लीडरशिप क्वालिटी रखती हैं।
- आपकी पर्सनैलिटी कुछ ऐसी है कि लोग आपकी ओर खिंचे चले आते हैं।
- आप उनमें से हैं जिन्हें अपनी पसंद और नापसंद अच्छी तरह से पता है।
- लोग भले ही आपको नेगेटिव समझें, लेकिन आपको पता है कि आपके अंदर क्या चल रहा है।
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इस हिसाब से देखा जाए तो कोमोलिका सिंड्रोम एक अच्छी बात ही हुई ना। अब कौन बोरिंग जिंदगी जिए और अपनी खुशियों को मारता रहे। हां, अब अगर आप कोमोलिका की तरह प्लानिंग और प्लॉटिंग करने लगेंगी, तो गलत होगा, लेकिन अगर आप कोमोलिका की पर्सनैलिटी से कुछ अच्छी बातें सीखेंगी, तो कोमोलिका सिंड्रोम आपके लिए अच्छा ही होगा।
कोमोलिका की पर्सनैलिटी कुछ ऐसी थी जिसने सबको अट्रैक्ट किया था और वह आकर्षण आज भी बरकरार है। उस सीरियल को भले ही 20 साल हो गए हों, भले ही उसका सीक्वेल भी आ गया हो, लेकिन कोमोलिका ना पहले बदली थी और ना अभी बदली है।
आपकी इस मामले में क्या राय है? क्या कोमोलिका सिंड्रोम सही है? अपनी राय हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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