Satire: मकान मालिक की स्वर्ण लंका में आपका स्वागत है, किरायेदार अपने सामान का खुद जिम्मेदार है

आज के युग में किराए पर मकान ढूंढना बिल्कुल वैसा ही है जैसा रावण की लंका में प्रवेश करना। कम से कम भारत में मकान मालिकों के अनोखे रूल्स सुनकर तो ऐसा ही लगता है। 

Weird rules of landlord

न्यूज में बताया जा रहा था - "बेंगलुरु की एक सोसाइटी में अनोखे नियम। कुंवारे लड़कों और लड़कियों के घर 10 बजे के बाद नहीं अलाउड हैं गेस्ट। रात भर नहीं रह सकते कोई मेहमान। आईडी प्रूफ की होगी जरूरत।" यह खबर पढ़कर शर्मा जी का बेटा थोड़ा घबरा गया। शर्मा जी को नहीं जानते क्या आप? अरे वही, हर घर के आस-पास रहने वाले, जिनके बच्चे हमेशा आपके बच्चों से ज्यादा बेहतर निकलते हैं।

शर्मा जी के बेटे की नौकरी भी तो बेंगलुरु में ही लगी है। अब वहां इतने हाउस रूल्स हैं कि घर ढूंढना एक आफत ही बन गया है। खैर, दिन भर माथापच्ची करने के बाद बेचारा शर्मा जी का बेटा होटल वापस आया। आज भी घर नहीं मिला था। थकान के कारण सोफे पर बैठे-बैठे ही सो गया।

शर्मा जी के बेटे का हसीन सपना....

अचानक उसकी आंख खुली, तो एक घने वन में खुद को पाया। डरने के बाद आगे बढ़ा, तो चमचमाता हुआ सोने का फ्लैट सामने दिखा। "ये क्या हो रहा है? इतना सुंदर सोने का फ्लैट", उसने खुद से ही पूछ लिया। आगे बढ़ने पर सामने एक राक्षसी दिखाई दी। राक्षसी की शक्ल की जगह रेंट अग्रीमेंट छपा हुआ था। बेचारा शर्मा जी का बेटा थोड़ा घबरा गया। पर क्या करे आगे तो जाना ही था। उस रेंट अग्रीमेंट पर साफ-साफ लिखा था कि दो महीने का किराया, सिक्योरिटी डिपॉजिट और ब्रोकर की फीस देने के लिए आपको एफडी तुड़वानी ही पड़ेगी। क्योंकि किडनी तो नए आईफोन के लिए बुक कर ही दी है।

जैसे-तैसे राक्षसी रेंट अग्रीमेंट के साथ मामला आगे बढ़ा और फ्लैट के अंदर प्रवेश मिल ही गया। चलो एक पड़ाव तो पूरा हुआ। घर की खोज हो गई थी। पर अभी असली इम्तिहान बाकी था।

फ्लैट के अंदर जाते ही एक सिंहासन पर रावण बैठा था। शर्मा जी का बेटा मकान मालिक की सोने की लंका में प्रवेश कर चुका था। 10 सिरों के साथ 10 सवाल भी सामने थे। सिंहासन पर लिखा था मकान मालिक। मकान मालिक की शक्ल की जगह नियम लिखे हुए थे।

नियम नंबर 1- 'घर पर कोई गेस्ट नहीं आएगा। रात में रुकने के लिए पहले से ही नोटिस देना होगा। अगर गेस्ट आया, तो 1000 रुपये के दंड के साथ गृहनिकाला दिया जा सकता है।' शर्मा जी का बेटा इस नियम को पढ़कर थोड़ा चकरा गया। अब बेचारा अपनी ऑफिस मीट कैसे करेगा? गर्लफ्रेंड का क्या होगा? उसकी छोटी बहन भी तो चार-पांच दिन में एक बार हॉस्टल से आ ही जाती है। उसके लिए हर बार नोटिस देना होगा। यह नियम तो लगभग हर सोसाइटी इंटरव्यू में उसने सुना ही था।

खैर, किसी तरह से खुद को संभालकर वो आगे पढ़ने लगा।

landlord and his rules

नियम नंबर 2- 'घर के अंदर पेट्स अलाउड नहीं हैं।', "अरे बाप रे.. अब टाइगर का क्या होगा?" वो तो शर्मा जी के बेटे की जान है, लेकिन या तो घर या टाइगर?

नियम नंबर 3- 'घर में नॉन वेज नहीं बनेगा, नॉन वेज डाइट वाले लोग घर ना आएं', ब्राह्मण होते हुए भी शर्मा जी का बेटा नॉन वेज पसंद करता था, लेकिन अब वो बेचारा क्या करेगा?

नियम नंबर 4- '9 बजे के बाद घर का गेट बंद', मतलब अगर कभी ऑफिस में लेट हुआ, तो रेलवे स्टेशन पर ही सोना पड़ेगा।

नियम नंबर 5- 'घर में एक से ज्यादा हीटर, गीजर, टीवी, पंखा चलाया, तो 1000 रुपये का फाइन देना होगा।', अब क्या घर के दो कमरों में से एक का पंखा हमेशा बंद ही रखें?

नियम नंबर 6- 'डिलीवरी वाले घर की डोर बेल नहीं बजाएंगे। अगर डोर बेल बजी, तो सामान के साथ किरायेदार को भी बाहर फेंक दिया जाएगा।' अब तक तो शर्मा जी के बेटे को चक्कर ही आने लगे थे। आधे ही नियम हुए थे और अभी घर में रहने के लिए उसने अपनी लाइफस्टाइल बिल्कुल बेरंग कर ली थी।

नियम नंबर 7- 'नहाने का समय 15 मिनट का ही था। 6 से 10 या 7 से 11 बजे तक।', अब अगर किसी दिन लेट उठा तो शर्मा जी का बेटा बिना नहाए ही ऑफिस जाएगा।

landlord and niyam

नियम नंबर 8- 'घर में मदिरा पान, धूम्रपान यहां तक कि पान-मसाला, सुपारी-गुटखा तक सभी कुछ वर्जित है।', अब इसे कैसे झेला जाएगा। शर्मा जी का बेटा रोजाना तो नहीं पीता, लेकिन कभी-कभी तो अलाउड होनी ही चाहिए।

नियम नंबर 9- 'घर के पेंट से लेकर दरवाजे की कील तक, कोई भी चीज टूटी तो उसका हर्जाना किरायेदार नकद देगा।', बिना किसी बात कोई घर क्यों खराब करेगा। अब आने के दूसरे ही दिन पुराना नलका टूट गया, तो उसकी जिम्मेदारी भी बेचारे किरायेदार की ही हो जाएगी।

नियम नंबर 10- 'बैचलर्स को घर देने का अब मन नहीं है', "अब घर लेने के लिए शादी करनी ही पड़ेगी। बैचलर्स के सिर पर क्या सींग होते हैं? जो उन्हें घर नहीं मिलता?", शर्मा जी के बेटे ने सोचा।

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सारे 10 नियम सुनकर बेचारा शर्मा जी का बेटा बहुत ही हताश हो गया। अब क्या करेगा वो? घर के इन नियमों को तो माना ही नहीं जा सकता। इससे अच्छा तो 'हेरा फेरी' का बाबूराव था जिसने राजू और श्याम को अपने घर में बिना किराए के रख लिया था।

baburao and raju landlord

अचानक ही शर्मा जी के बेटे के सामने बाबू राव स्वयं ही प्रकट हो गए। उन्होंने उसे ज्ञान के कुछ शब्द बताए। "ए राजू... मेरे जैसा मकान मालिक फिल्मों में ही मिलता है रे। यहां घर ढूंढना है, तो सारे नियम मानने पड़ेंगे रे बाबा।" इसके बाद शर्मा जी के बेटे की नींद खुल जाती है।

सपने ने तो उसे डरा ही दिया। मकान मालिक के साथ हुई नियमों की बातचीत ने उसे परेशान कर दिया। अभी तो सिर्फ हफ्ता भर ही हुआ था, लेकिन शर्मा जी का बेटा अभी से ही घर ढूंढने से थकने लगा था। यकीनन कुछ मकान मालिक बहुत ही अनोखे नियम बताते हैं। पर इन नियमों का किया क्या जाए?

कहीं आपके साथ भी तो इस तरह की कोई घटना नहीं हुई? अपना मकान ढूंढने का एक्सपीरियंस हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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