नॉन-वेज डाइट से जुड़े इन मिथ्स को ना मानें सच

नॉन-वेज डाइट को लेकर लोग तरह-तरह की बातें करते हैं। जिसके कारण लोग इससे जुड़े कुछ मिथ्स को ही सच मान बैठते हैं। 

all myths related to non veg diet in hindi

आहार शरीर के लिए एक ईंधन की तरह काम करता है। आमतौर पर, बॉडी की बेहतर फंक्शनिंग के लिए डाइट पर विशेष तौर पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है। लोग अपनी इच्छा व पसंद के अनुसार फूड का चयन करते हैं। पिछले कुछ समय में वीगन डाइट को फॉलो करने का चलन काफी बढ़ा है। हालांकि, कुछ लोग नॉन-वेज फूड को हेल्थ के लिए अच्छा मानते हैं।

हर डाइट को लेकर तरह-तरह के भ्रम लोगों के मन में होते हैं। नॉन-वेज डाइट के साथ भी ऐसा ही है। जहां कुछ लोग नॉन-वेज डाइट की पैरवी करते हैं तो वहीं अधिकतर लोग इसमें कमियां ही बताते हैं। हो सकता है कि आप भी नॉन-वेज फूड के इनटेक को लेकर असमंजस में हों, क्योंकि आपने इससे जुड़ी कई बातें सुनी हों। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको नॉन-वेज डाइट से जुड़ी कुछ मिथ्स के बारे में बता रहे हैं-

नॉन-वेज खाने से सेहत को नुकसान होता है

myths about non vegसच्चाई- अधिकतर लोग यह सोचते हैं कि उन्हें नॉन-वेज डाइट फॉलो नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह यूरिक एसिड या प्यूरीन के बढ़ने की वजह बन सकता है। जबकि ऐसा नहीं है। नॉन-वेज डाइट हेल्थ के लिए बुरी नहीं होती है।

बस आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आप इसका सेवन कितनी मात्रा में कर रहे हैं या फिर नॉन-वेज की किस आइटम को खा रहे हैं। नॉन-वेज डाइट के साथ आपका वाटर इनटेक अच्छा है या नहीं। इन सभी बातों का अगर ध्यान रखा जाए तो नॉन-वेज किसी भी लिहाज से सेहत को नुकसान नहीं होता है। यह नियम सिर्फ नॉन-वेज ही नहीं, बल्कि हर तरह की डाइट पर लागू होता है।

सिर्फ नॉन-वेज खाने से ही शरीर में प्रोटीन की कमी दूर होती है

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सच्चाई- यह एक बेहद ही कॉमन मिथ है, जिस पर अधिकतर लोग भरोसा कर बैठते हैं। उन्हें लगता है कि अगर वे नॉन-वेज नहीं खाएंगे तो कभी भी उनके शरीर में प्रोटीन की कमी दूर नहीं होगी। जबकि ऐसा नहीं है।

यह सच है कि नॉन-वेज फूड प्रोटीन का एक अच्छा स्त्रोत है, लेकिन वेजिटेरियन डाइट से भी शरीर की प्रोटीन की दैनिक आवश्यकता को आसानी से पूरा किया जा सकता है। दाल, सोया प्रोडक्ट्स, पम्पकिन सीड्स, ओट्स, पीनट्स, अखरोट आदि में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। (चिकन खाने से होने वाले बदलाव)

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नॉन-वेज डाइट छोड़ने से शरीर कमजोर हो जाता है

myths about non veg in hindiसच्चाई- कई लोग यह मानते हैं कि अगर वे नॉन-वेज डाइट लेते हैं तो उन्हें उसे हमेशा लेते रहना चाहिए। अगर वे नॉन-वेज डाइट को छोड़ देंगे तो इससे उनका मसल्स लॉस होगा और शरीर में बहुत अधिक कमजोरी होगी। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। अगर आप नॉन-वेज से वेज डाइट पर स्विच करना चाहते हैं तो ऐसा कर सकते हैं। (चिकन खाने के फायदे)

लेकिन इस दौरान आपको किसी एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए। आप वेजिटेरियन या वीगन डाइट के जरिए भी अपने शरीर की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति आसानी से कर सकते हैं। जो लोग नॉन-वेज छोड़ने के साथ-साथ अपनी डेली डाइट पर भी ध्यान नहीं देते हैं, अक्सर उन्हें ही मसल्स लॉस और कमजोरी की शिकायत होती है।

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चिकन में कुछ भी खा सकते हैं।

सच्चाई- जो लोग नॉन-वेज डाइट लेते हैं, वे मटन की जगह चिकन खाने को प्राथमिकता देते हैं। यकीनन चिकन मटन की अपेक्षा कहीं अधिक हेल्दी है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप कुछ भी खाना शुरू कर दें।

सबसे पहले तो आपको एक बार 250 ग्राम से अधिक चिकन नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा, आपको हमेशा लीन मसल्स पीस ही खाने चाहिए। आप लेग पीस, विंग्स आदि खाने पर विचार कर सकते हैं। अगर आप कोई भी पीस खाना शुरू कर देते हैं तो यह आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाएगा।

तो अब आप भी नॉन-वेज डाइट से जुड़े इन मिथ्स को सच मानने की गलती ना करें।

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मिताली जैन

Image Credit- freepik

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