हमारे देश में विवाह को परंपराओं के अनुसार लोगों के द्वारा बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। विवाह को लेकर कई सारे कानून बनाए गए हैं। आपको बता दें कि विशेष विवाह अधिनियम 1954, फॉरेन मैरिज एक्ट हिंदू विवाह अधिनियम 1955 और इंडियन क्रिश्चियन मैरिज एक्ट के अलावा भी कई सारे विवाह से जुड़ें हुए कानून हैं।
एक लड़का और लड़की इन कानूनों और सरकार के द्वारा तय की गई उम्र के अनुसार अपनी मर्जी से शादी कर सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति को दूसरी शादी करनी है तो उसे लेकर भी कई सारे नियम बनाए गए हैं। आपको बता दें कि भारत में दूसरी पत्नी और उसके बच्चों के संपत्ति में अधिकार भी होते हैं।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि वो अधिकार दूसरी पत्नी और उसके बच्चों को कब मिलते हैं।
आपको बता दें कि हिंदू मैरिज एक्ट 1955 की धारा 17 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति जिसकी पत्नी जीवित होती है तब वह दूसरी शादी नहीं कर सकता है ऐसा करने पर धारा 494 के अनुसार दंडनीय अपराध का दोषी माना जाएगा। लेकिन अगर पहली पत्नी से तलाक हो गया है तब वह दूसरी शादी कर सकता है।
इसके अलावा अगर उस व्यक्ति की पहली पत्नी से हुए विवाह को कोर्ट अगर अमान्य घोषित कर देता है तो वह व्यक्ति दूसरी शादी कर सकता है।
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आपको बता दें कि दूसरी पत्नी को पति की संपत्ति पर अधिकार तब होगा जब उसके पति का पहली पत्नी से तलाक हो गया हो या फिर पहली पत्नी की मृत्यु हो गई हो। आपको बता दें कि अगर पति की संपत्ति उसके ही नाम है तब उस व्यक्ति का संपत्ति पर केवल स्वयं का ही अधिकार होता है।
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किसी भी मैरिड महिला को अपने पति की अर्जित की गई संपत्ति पर कोई अधिकार तब तक नहीं होता जब तक उसका पति जीवित रहता है या फिर अगर व्यक्ति तलाक दे देता है। आपको बता दें कि पहली पत्नी से तलाक के बाद या फिर पहली पत्नी की मृत्यु के बाद ही दूसरी पत्नी को अपने पति की संपत्ति में पूरा अधिकार मिलता है।
दूसरी पत्नी के पति का अगर निधन हो गया हो जाता है और इसके साथ ही वह दूसरी पत्नी के बच्चों का पिता बन गया चुका है तो उसके हिस्से में पहली पत्नी से हुए बच्चों की तरह ही समान अधिकार मिलते हैं। लेकिन इसके लिए दूसरी शादी को कानूनी मान्यता होनी चाहिए तभी दूसरी पत्नी और उसके बच्चों को संपत्ति में कानूनी हक मिलेगा।
आपको बता दें कि दूसरी पत्नी के बच्चों को पहली पत्नी के बच्चों के समान ही सारे अधिकार मिलते हैं। इसलिए संपत्ति के बंटवारे और कब्जे के लिए कंप्लेंट भी करी जा सकती है लेकिन दूसरी शादी को अगर कानून के द्वारा निरस्त कर दिया जाए तो दूसरी पत्नी के संपत्ति अधिकार और उसके बच्चों के संपत्ति अधिकार नहीं मिलते हैं।
तो यह थी जानकारी की पति की प्रॉपर्टी में दूसरी पत्नी और उसके बच्चों के क्या- क्या कानूनी अधिकार होते हैं।
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