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मेरठ मर्डर केस की आरोपी मुस्‍कान बनी मां, वकील से जानें जेल में पैदा हुए बच्चों के क्‍या हैं कानूनी अधिकार?

Child Legal Rights Who Born in Jail: हाल ही में मेरठ के चर्चित ‘नीले ड्रम हत्याकांड’ की मुख्य आरोपी मुस्कान ने जेल में बेटी को जन्‍म द‍िया है। मां-बेटी दोनों हेल्‍दी बताए जा रहे हैं। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है क‍ि जेल में जन्म लेने वाले बच्चों के अधिकार क्या होते हैं, उनका पालन-पोषण कैसे होता है। यहां हम आपको इसके बारे में व‍िस्‍तार से जानकारी देने जा रहे हैं।
Editorial
Updated:- 2025-11-26, 15:31 IST

मेरठ के चर्चित ‘नीले ड्रम हत्याकांड’ की मुख्य आरोपी मुस्कान एक बार फिर चर्चा में है। पति सौरभ राजपूत की हत्या के आरोप में जेल में बंद मुस्कान ने हाल ही में एक बच्ची को जन्म दिया है। बच्ची की डिलीवरी जेल परिसर में मौजूद अस्पताल में हुई और मां-बेटी दोनों हेल्‍दी हैं। बच्‍ची के जन्‍म के बाद लोगों में ऐसे सवाल उठ रहे हैं क‍ि जेल में जन्म लेने वाले बच्चों के अधिकार क्या होते हैं, उनका पालन-पोषण कैसे होता है और क्या मुस्कान की बेटी को पिता की संपत्ति में हिस्सा मिलेगा?

हालांकि केस संगीन है, लेकिन कानून साफ कहता है कि किसी भी आरोपी का बच्चा उसके अपराध से नहीं जोड़ा जा सकता है। बच्चा चाहे कहीं भी जन्म ले, जेल में या अस्पताल में, वो पूरी तरह से निर्दोष माना जाता है। इस बारे में जानने के ल‍िए हमने अभय द्विवेदी, अधिवक्ता, उच्च न्यायालय, लखनऊ खंडपीठ से बात की। उन्‍होंने इसके बारे में व‍िस्‍तार से जानकारी दी है। आइए जानते हैं-

muskan give birth babay girl (2)

जेल में जन्म लेने वाले बच्चे को क्या-क्या अधिकार मिलते हैं?

अभय द्व‍िवेदी ने कहा क‍ि बच्‍चे के सभी अधिकार सुरक्षित रहते हैं। भारतीय कानून और जेल मैन्युअल के मुताब‍िक, महिला कैदि‍यों को अपने बच्चे को 6 साल की उम्र तक अपने साथ जेल में रखने की अनुमति होती है। इस दौरान बच्चे का खाना, दूध, कपड़े और दवाइयां, सब कुछ जेल प्रशासन उपलब्ध कराता है। बच्चे को समय पर टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिलती हैं। जेल में बच्चों के लिए क्रेच और खेलने की जगह की व्यवस्था भी रहती है।

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मां के साथ रहने की म‍िलती है अनुमत‍ि

उन्‍होंने कहा क‍ि बच्चे को कैदी नहीं माना जाता है, वो सिर्फ अपनी मां के साथ रहने की अनुमति पाता है। जेल में जन्‍म होने के बाद भी बच्चा को एक आम नागरिक की तरह जन्म प्रमाण-पत्र, टीकाकरण कार्ड और बाद में आधार कार्ड पाने का हकदार है। सबसे जरूरी बात तो ये है क‍ि बर्थ सर्टिफिकेट पर कहीं भी जेल का जिक्र नहीं किया जाता है।

6 साल बाद बच्चा कहां जाएगा?

अभय द्व‍िवेदी के मुताब‍िक, बच्चे के छह साल पूरे होने पर उसे मां के साथ जेल में नहीं रखा जा सकता है। उन्‍होंने बताया क‍ि 6 साल पूरे होने पर बच्चा अपने पिता के परिवार के पास जा सकता है। इसके अलावा नाना-नानी या मां के कोई भी रिश्तेदार उसे ले जा सकते हैं। अगर इनमें से कोई भी बच्‍चे को नहीं रखना चाहता है तो उसे चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के जरिए किसी गार्जियन या मान्यता प्राप्त संस्था में भेजा जा सकता है। उन्‍होंने कहा क‍ि कोर्ट हर कंडीशन में ये देखता है कि बच्चा कहां सबसे सेफ और बेहतर तरीके से पल सकता है।

muskan give birth babay girl (1)

क्या मुस्कान की बेटी को संपत्ति में हिस्सा मिलेगा?

अब लोगों में ये भी ज‍िज्ञासा है क‍ि बेटी को पि‍ता की प्रॉपर्टी में ह‍िस्‍स म‍िलेगा। ये इस केस का सबसे बड़ा सवाल है। कानून कहता है क‍ि बच्चा अपने मां और पिता, दोनों की संपत्ति पर बराबर का हकदार होता है। मां पर आरोप होने से बच्चे के अधिकार खत्म नहीं हो जाते है। अगर मुस्कान के पति सौरभ राजपूत की कोई वसीयत नहीं है, तो बच्ची को कानूनी उत्तराधिकारी (Class-1 heir) माना जाएगा। इसका मतलब है कि सौरभ की संपत्ति पर बच्ची का पूरा अधिकार बनता है।

क्या बच्‍ची का होगा डीएनए टेस्‍ट?

हालांक‍ि सौरभ का परिवार डीएनए टेस्ट की बात कर रहा है। अगर डीएनए से बच्ची की पहचान पक्की होती है, तो उसे पिता की ओर से भी विरासत का हक मिल सकता है। अगर डीएनए मैच नहीं होता है, तो आगे की प्रक्रिया कोर्ट तय करेगा।

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मुस्कान की बेटी भले ही जेल में पैदा हुई हो, लेकिन कानून उसके हर अधिकार की रक्षा करता है। वो उतना ही सुरक्षित और संरक्षित समझी जाती है, जितना किसी भी दूसरे बच्चे को माना जाता है।

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Image Credit- Freepik

FAQ
जेल में जन्‍मे बच्चे को मां के साथ कब तक रहने दिया जाता है?
भारतीय कानून 6 साल की उम्र तक जेल में रहने की अनुमति देता है।
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