तलाक शब्द सुनने में भले ही एक छोटा सा शब्द लगे, लेकिन वास्तव में यह जीवन का एक बहुत बड़ा स्टेप है। जब एक वैवाहिक जोड़ा लीगल सेपरेशन करता है, तो यह मानसिक रूप से काफी परेशान करने वाला प्रोसेस होता है, जिसमें कभी-कभी एक लंबा वक्त भी बीत जाता है। इतना ही नहीं, डिवोर्स के कारण सिर्फ पति-पत्नी ही नहीं, बल्कि बच्चों के जीवन पर भी गहरा असर पड़ता है। इसलिए, डिवोर्स लेने से पहले कई बातों पर ध्यान देना होता है।
डिवोर्स आपके लिए मानसिक ही नहीं, फाइनेंशियल रूप से भी काफी बोझिल व परेशान करने वाला हो सकता है। इसलिए जीवन के इस बहुत बड़े कदम को उठाने से पहले आपको अपने रिश्ते व स्थिति का पूरी तरह से आकलन करना चाहिए। कभी-कभी डिवोर्स की प्रक्रिया को टाला जा सकता है या फिर इसे अधिक स्मूद बनाया जा सकता है, बस जरूरत होती है कि आप कुछ छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको तलाक लेने से पहले ध्यान दी जाने वाली कुछ जरूरी बातों के बारे में बता रहे हैं-
टाला जा सकता है डिवोर्स
कई बार ऐसा होता है कि कपल्स छोटी-छोटी बातों पर लड़ पड़ते हैं और फिर गुस्से में एक-दूसरे से अलग होने का मन बना लेते हैं। लेकिन थोड़ा-बहुत मन-मुटाव तो लगभग हर कपल के बीच होता है और इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि आप अलग हो जाएं। इसलिए, अगर आप अपने पार्टनर से अलग होना चाहती हैं तो डिवोर्स फाइल करने से पहले एक बार यह अवश्य सोचें कि क्या डिवोर्स को टाला जा सकता है। आप चाहें तो अपने रिश्ते की परेशानियों को मिलकर सुलझाने का प्रयास कर सकते हैं। लेकिन अगर बात नहीं बनती है तभी आप अगला कदम उठाएं।
बच्चे की कस्टडी
अगर आप दोनों के बच्चे हैं तो आपको यह भी ध्यान देना होगा कि बच्चों की कस्टडी किसे मिलेगी। यदि बच्चा 12 वर्ष से कम उम्र का है, तो बच्चे की कस्टडी आमतौर पर मां को दी जाती है, लेकिन आप पारस्परिक रूप से मिलकर भी यह तय कर सकते हैं कि कस्टडी किसकी होगी। यदि ऐसा नहीं होता है तो अदालत ही इस विषय पर अपना फैसला करेगी।(जानें अपने जिगर के टुकड़े की मन की बात)
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तलाक के खर्चे
तलाक लेना एक महंगा प्रोसेस साबित हो सकता है। सिर्फ पुरूष ही नहीं, बल्कि महिला को भी इस दौरान काफी पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। वकील की फीस से लेकर कागजी कार्यवाही में काफी पैसा खर्च हो जाता है। इसलिए अगर आप तलाक लेना चाहते हैं तो यह अवश्य देखें कि क्या आप इस कंडीशन में हैं कि इन खर्चों को वहन कर सकें। हालांकि, अगर तलाक म्यूचल होता है तो उस स्थिति में आपको अपेक्षाकृत कम खर्च करना पड़ता है, क्योंकि महिला व बच्चों के गुजारे की रकम से लेकर उन्हें दी जाने वाली एकमुश्त राशि को कपल पहले ही आपस में मिलकर तय कर लेते हैं। जिससे तलाक लेने का प्रोसेस थोड़ा आसान हो जाता है।(ये हैं बॉलीवुड के सबसे महंगे तलाक)
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डाक्यूमेंटेशन भी है जरूरी
जब आप तलाक के लिए अर्जी देते हैं तो उस समय आपके पास कुछ जरूरी दस्तावेजों का होना आवश्यक है, जिसे तलाक फाइल करते समय अटैच किया जाता है। इसमें मुख्य हैं-
- शादी का प्रमाण पत्र (इसमें आप शादी का कार्ड, शादी की तस्वीर लगा सकते हैं। ऐसा ना होने पर एफिडेविट लगाया जा सकता है।)
- पति का एड्रेस प्रूफ।
- पत्नी का मौजूदा पता प्रमाण।
- वैवाहिक घर का पता प्रमाण।
- बैंक खाता विवरण
- पति-पत्नी के ज्वाइंट इनवेस्टमेंट वाली संपत्ति, और निवेश के दस्तावेज।
- अन्य साक्ष्य या चिकित्सा प्रमाण पत्र जिस आधार पर तलाक दायर किया गया है।
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