हर महिला चाहती है कि उसके परिवार के सभी सदस्य हंसी-खुशी के साथ रहें, उनकी सेहत अच्छी रहे और घर में किसी तरह का तनाव ना हो। इसके लिए महिलाएं घर से जुड़े छोटी-छोटी चीजों से लेकर परिवार के सदस्यों की सेहत तक हर चीज का खयाल रखती हैं। लेकिन कई बार बहुत प्रयास करने के बाद भी घर में मुश्किलें बनी रहती हैं। अगर आप भी ऐसी ही स्थितियों का सामना कर रही हैं तो अपने घर के वास्तु पर ध्यान दीजिए। कई बार घर का वास्तु सही नहीं होने की वजह से भी घर में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस लिहाज से किचन का वास्तु भी बहुत मायने रखता है। किचन में कलर कॉम्बिनेशन और दिशा दोनों का ही विशेष महत्व है। किचन को वास्तु सम्मत बनाने के लिए आप वास्तु एक्सपर्ट नरेश सिंगल की बताए ये 5 उपाय अपना सकती हैं-
लाल रंग है महत्वपूर्ण
वास्तुशास्त्र के अनुसार किचन घर के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। जब घर में हेल्दी और न्यूट्रिशन से भरा खाना बनता है तो पूरे घर में पॉजिटिव एनर्जी का प्रसार होता है। अगर किचन की दीवारों पर लाल या नारंगी रंग हों तो वे किचन से पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह बनाए रखने में मदद करते हैं।
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हरे किचन कैबिनेट्स
वास्तु के अनुसार किचन कैबिनेट्स पर लेमन येलो, ग्रीन और ऑरेंज कलर काफी सूट करता है। किचन की पॉजिटिविटी बढ़ाने में ये कलर्स काफी अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में इनमें से कोई भी कलर आप किचन के कैबिनेटेस के लिए चुन सकती हैं।
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गैस के लिए दक्षिण पूर्व या उत्तर पश्चिम दिशा
वास्तु के अनुसार गैस चूल्हा दक्षिण पूर्व या उत्तर पश्चिम दिशा में रखना उचित रहता है। किचन को आग और किसी दूसरी तरह की डैमेज से बचाने के लिए यह दिशा अनुकूल रहती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि गैस के ठीक ऊपर कैबिनेट्स ना बनाएं, क्योंकि गैस से निकलने वाली आग और गर्मी से किचन में आग लगने की आशंका बढ़ सकती है। इसके बजाय गैसे के ठीक ऊपर आप चिमनी लगवाएं तो गैस का धुआं किचन से आसानी से बाहर निकल जाएगा। इससे किचन में धुआं भी नहीं फैलेगा और किचन का तापमान भी ठंडा रहेगा।
सिंक के लिए उत्तर पूर्व की दिशा है सही
किचन में अगर किसी तरह की लीकेज हो या पानी जाम हो रहा हो तो वह नेगेटिविटी लेकर आता है, जिससे घर में तनाव और तरह-तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इससे बचने के लिए सिंक को उत्तर पूर्व में बनाना सही रहता है। यह दिशा पानी की लीकेज और किसी तरह के डैमेज को कंट्रोल करने के लिहाज से सही है। साथ ही पानी का स्टोरेज और प्यूरीफायर भी इसी दिशा में लगाए जाने चाहिए।
किचन के पूर्व में हों बड़ी खिड़कियां
अगर किचन में सुबह की पहली किरणें आ रही हैं तो किचन में ताजी हवा का आवागमन और पॉजिटिविटी बने रहेंगे। इसके लिए पूर्व में अगर बड़ी-बड़ी खिड़कियां हो तो काफी अच्छा रहता है। किचन की खिड़कियां इस तरह से बनी होनी चाहिए कि नेचुरल लाइट से पूरा किचन रोशन हो जाए। इससे किचन में बैक्टीरिया और कीटाणुओं के होने का अंदेशा खत्म हो जाता है।
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