25 अक्टूबर को इस वर्ष ग्रहण पड़ रहा है। यह वर्ष आखिरी सूर्य ग्रहण है, जो भारत में भी नजर आएगा। वैसे तो यह ग्रहण कई राशियों पर अच्छे और बुरे असर डाल रहा है, मगर व्यक्ति के साथ-साथ तुलसी के पौधे की भी सूर्य ग्रहण के दौरान सेवा जरूरी होती है।
इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि सूर्य ग्रहण के दौरान आपको तुलसी के पौधे की देखभाल कैसे करनी चाहिए।
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गेरू का उपाय
गेरू को हिंदू धर्म में बहुत महत्व दिया गया है। एक धार्मिक कथा के अनुसार, 'कार्तिकेय पृथ्वी की परिक्रमा करने के दौरान जब कार्तिकेय जी को ज्ञात हुआ कि कैसे गणेश जी ने माता पिता की परिक्रमा करके प्रतियोगिता जीत ली, तब वो नाराज होकर कौंच पर्वत की ओर चले गये । माता पार्वती उन्हें मनाने के लिए गईं, कार्तिकेय नहीं माने। तब माता पार्वती ने नाराज होकर कहा जो मैंने दिया है, उसे तू वापिस कर दे । कार्तिकेय ने कहा कि हर व्यक्ति में बीज पिता से आता है, रक्त माता से। लीलिए मैं आपको सारा रक्त आपको वापिस करता हूं। कार्तिकेय जी के शरीर का रक्त जब पृथ्वी पर गिरा तो गेरू का निर्माण हुआ है ।' इसलिए गेरू को इतना पवित्र माना गया है। ऐसा कहते हैं कि अगर ग्रहण के दिन तुलसी के गमले पर गेरू लगा दिया जाए तो ग्रहण के प्रभाव से वह खराब नहीं होती है।
ग्रहण के दौरान क्या करें
ग्रहण के दौरान आपको तुलसी को एक सूती कपड़े से ढक देना चाहिए। हालांकि, तुलसी को एक पवित्र पौधा माना गया है और तुलसी कभी भी किसी ग्रहण से अपवित्र नहीं होती है। मगर ग्रहण सूर्य की अपवित्र किरणे जब तुलसी के पौधे पर सीधी पड़ती हैं, तो वह कभी-कभी मुरझा जाता है। ऐसा न हो इसलिए आप पहले ही तुलसी के पौधे को एक सूती कपड़े से ढक दें।
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ग्रहण के बाद क्या करें
ग्रहण के बाद तुलसी पर चढ़ा कपड़ा हटा दें और तुलसी के आगे घी का दिया जलाएं। यदि ग्रहण सुबह ही समाप्त हो रहा है तो आपको तुलसी को जल भी अर्पित करना चाहिए। इतना ही नहीं, ग्रहण के दौरान तुलसी के समीप एक जल से भरा पात्र रखना चाहिए और ग्रहण के बाद उस जल को नाली में प्रवाहित कर देना चाहिए। ऐसा करने से तुलसी पर ग्रहण को किसी भी तरह का प्रभाव नहीं पड़ता है।
ऐसे करें तुलसी की सुरक्षा
आप चाहें तो ग्रहण का सूतक लगने से पूर्व ही तुलसी को किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां छांव हो। इतना ही नहीं, आपको यदि इस्तेमाल करने के लिए तुलसी चाहिए है तो आपको पहले ही तुलसी की पत्तियों को तोड़ कर अपने पास रख लेना चाहिए। साथ ही आपको तुलसी में गंगाजल का छिड़काव भी करना चाहिए। इससे ग्रहण के दौरान पौधा मुरझाता नहीं है।
रखें इन बातों का ध्यान
- सूतक लगने के बाद से ही आप तुलसी को टच नहीं कर सकते हैं। इतना ही नहीं, ग्रहण हटने के बाद भी आपको तुलसी को टच नहीं करना है।
- ग्रहण के समाप्त होने के बाद तुलसी की पूजा जरूर करें, मगर जल तब ही चढ़ाएं जब शाम का वक्त न हो।
- ग्रहण के दौरान तुलसी का सेवन भी न करें। ग्रहण के बाद आप तुलसी ग्रहण कर सकते हैं।
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