Surya Grahan: ग्रहण के बाद मंदिर की सफाई के नियम जानें

सूतक के बाद घर में मौजूद मंदिर को शुद्ध करने के नियम जानने के लिए पढ़ें ये आर्टिकल। 

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25 अक्टूबर को वर्ष का आखिरी सूर्य ग्रहण हैं और ज्योतिष गणना के अनुसार भारत में यह ग्रहण आंशिक रूप से नजर आएगा और इसका सूतक काल भी मान्य होगा। ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप घर के मंदिर को सूतक हटने के बाद किसी तरह से साफ करें, यह जानना भी बहुत जरूरी है।

आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि घर में मौजूद मंदिर को ग्रहण के बाद सूतक काल खत्म होने पर किस तरह से साफ करें।

गंगाजल का उपाय

सूतक हटने के तुरंत बाद आपको मंदिर पर गंगाजल का छिड़काव करना है। इतना ही नहीं, मंदिर को हाथ लगाने से पूर्व आपको खुद पर भी गंगाजल का छिड़काव करना है। ऐसा कहा जाता है कि गंगाजल बहुत ही शुद्ध होता है और किसी भी ग्रहण का उसकी पवित्रता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

इतना ही नहीं, ग्रहण हटने के बाद आपको अपने घर के हर कोने में गंगाजल ( गंगाजल के उपाय) का छिड़काव करना चाहिए। ऐसा करने पर आपको पूरे घर की सफाई नहीं करनी पड़ेगी।

मूर्तियों की सफाई

आपके घर के मंदिर में रखी हर मूर्ति और प्रतिमा की आपको सफाई करनी है। इसके लिए आप नींबू, दही और चंदन का प्रयोग करें। यदि आप मूर्तियों को वस्त्र आदि पहनाते हैं तो आपको उन्हें भी बदलना होता है। जो भी वस्त्र सूतक के लगते वक्‍त भगवान ने पहने होते हैं, उन्‍हें दोबारा आप भगवान को नहीं पहना सकती हैं। इसलिए बहुत से घरों में सूतक लगने से पूर्व भगवान का श्रृंगार और कपड़े दोनों ही बदल दिए जाते हैं।

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मंदिर की सफाई

केवल मूर्तियों की ही नहीं बल्कि आपको पूरे मंदिर की सफाई करनी चाहिए। जिस पर आप भगवान जी को बैठालते हैं, उस कपड़े को भी बदल दें। यहां तक की आपको अपने मंदिर की पूरी सजावट भी बदल देनी चाहिए। इसके साथ ही आप जो भी मंदिर से हटाएं उसे घर में न रखें क्‍योंकि उसमें नकारात्मक ऊर्जा ( नकारात्मक ऊर्जा से बचने के उपाय) आ जाती है। आपको उस सभी चीजों को विसर्जित कर देना चाहिए, जो आपने मंदिर से हटाई हैं।

मंदिर के बर्तनों की सफाई

मंदिर में भगवान की पूजा के दौरान जो भी बर्तनों को इस्तेमाल किया जाता है, आपको उन्हें साफ कर लेना चाहिए। इतना ही न नहीं भगवान के मंदिर में रखा कलश, घंटी, गदा, त्रिशूल आदि आपको सभी कुछ ग्रहण के समाप्त होने के बाद साफ करना चाहिए। इसके साथ ही आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि आपने जिस वस्तु से सूतक लगने पर मंदिर को ढका था, उस वस्त्र को भी आपको विसर्जित कर देना चाहिए।

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