शादी को लेकर हर किसी के मन में कई तरह की धारणाएं होती हैं। लड़कियां भी शादी को लेकर अपने मन में कई तरह के assumptionरखती हैं। शुरूआती दौर में, आपको भले ही इन धारणाओं से कोई फर्क ना पड़े, लेकिन वास्तव में यह धारणाएं आपके शादीशुदा जीवन को धीरे-धीरे बर्बाद करती हैं। कई बार तो लड़कियां इन्हीं धारणाओं के चलते शादी करने से बचती हैं तो कुछ लड़कियां शादी के बाद भी यह assumption रखती हैं। लेकिन जब चीजें आपकी उम्मीदों के अनुरूप नहीं होती तो मन में निराशा होना स्वाभाविक है। फिर चाहे बात शादी में एडजस्ट की बात हो या फिर झगड़े की, आपने भी अपने मन में कई तरह की धारणाओं को माना हुआ होगा।
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तो चलिए आज हम आपको ऐसी ही कुछ धारणाओं के बारे में बता रहे हैं, जो देखने में भले ही सामान्य लगे, लेकिन वास्तव में यह आपकी शादीशुदा जिन्दगी को बर्बाद कर सकती हैं-
शादी मतलब सिर्फ समझौता
शादी के बाद यकीनन व्यक्ति को अपनी लाइफ में थोड़े-बहुत एडजस्टमेंट करने पड़ते हैं, क्योंकि दो लोग मिलकर अपना एक संसार बनाते हैं। लेकिन कुछ लड़कियां मानती हैं कि शादी का मतलब सिर्फ और सिर्फ समझौता करना होता है। अगर वह शादी करती हैं तो उन्हें अपनी खुशियों को भूलकर सिर्फ अपने पार्टनर और उसकी फैमिली के हिसाब से जीना होगा। इसलिए कुछ लड़कियां शादी करने से बचती हैं।
अगर वह शादी कर भी लेती हैं और अगर उन्हें कहीं पर भी थोड़ा सा एडजस्टमेंट करना पड़ता है तो इससे उन्हें मन ही मन काफी बुरा लगता है। इतना ही नहीं, इसका असर उनकी मैरिड लाइफ पर भी पड़ता है।
जिम्मेदारियां और बोझ
कुछ लड़कियां शादी का मतलब बोझ भी समझती हैं। उन्हें लगता है कि शादी के बाद उनकी जिम्मेदारियां बढ़ जाएंगी और इसलिए उन पर बोझ काफी अधिक बढ़ जाएगा। उनकी यह पूर्व धारणा वास्तव में उनकी शादी को ही एक बोझ में तब्दील कर देती हैं। फिर उन्हें अपनी हर जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ बोझ ही नजर आती है। ऐसी लड़कियां शादी के बाद अक्सर चिड़चिड़ी हो जाती हैं।
आपको यह समझना चाहिए कि अगर शादी के बाद आपकी जिम्मेदारी बढ़ती है तो उस जिम्मेदारी को निभाने के लिए आपको एक इंसान का साथ भी मिलता है। इस तरह आप जिम्मेदारियों को साझेदारी से निभाती हैं।
अपने व्यक्तित्व को भूल जाना
शादी यकीनन आपको एक इंसान के रूप में बदल सकता है। जहां आप पहले एक लापरवाह लड़की की तरह जीती होंगी। अब आपको किसी भी कार्य को करने से पहले अपने पार्टनर और नए परिवार के बारे मंे सोचना होता है। हो सकता है कि शादी के बाद आपके सोचने और कार्य करने के तरीके में बदलाव आए, लेकिन इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि आप अपनी पर्सनल आइडेंटिटी पूरी तरह से खो देंगी।
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जिस तरह आपमें शादी के बाद बदलाव आता है। ठीक उसी तरह आपका पार्टनर भी काफी हद तक बदलता है। लेकिन यह व्यक्तित्व को भूलना या अपनी आईडेंटिटी खोना नहीं है। आप शादी के बाद भी अपनी हॉबी को यूं ही बरकरार रख सकती हैं।
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