पीरियड्स एक नेचुरल प्रक्रिया है, लेकिन क्या लोग इसे नेचुरल मानते हैं? हाल ही में सूरत की एक इंफ्लूएंसर का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उसने अपनी बेटी को पीरियड्स के दौरान जमीन पर बैठाया हुआ था। इस वीडियो में एक पॉश घर दिख रहा था जिसमें सभी डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाना खा रहे हैं और इंफ्लूएंसर रूपल की बेटी जमीन पर बैठी हुई है। इस वीडियो को रूपल ने नवंबर में अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था जिसके बाद से ही लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।
इंफ्लूएंसर रूपल मितुल शाह ब्यूटी, फैशन और ट्रैवल फील्ड में काम करती हैं और उनके घर में यही रिवाज फॉलो किया जाता है। जिस वीडियो की यहां बात हो रही है वह रूपल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट (@roopalshahshah) से डिलीट कर दिया है। इस वीडियो में रूपल ने अपने नए घर की सैर करवाई थी और घर के सभी लोग नए घर में शिफ्ट होने के बाद साथ बैठकर खाना खाते हुए दिख रहे थे। हालांकि, वीडियो पोस्ट करने के बाद रूपल ने यह भी लिखा कि उनके परिवार में पुराने रीति-रिवाजों को बहुत माना जाता है।
बेटी को जमीन पर बैठाकर खाना खिलाना क्या हो सकता है पारिवारिक रिवाज?
रूपल ने लिखा कि उनके घर में इस बात का बहुत ध्यान रखा जाता है कि पीरियड्स के दौरान दो लोगों का कॉन्टैक्ट आपस में ना हो। उन्होंने आगे यह भी लिखा कि वो और उनकी बेटी दोनों ही यह रिवाज निभाती हैं और उनके परिवार में सदियों से यही रिवाज फॉलो हो रहा है। पीरियड्स से जुड़े रिवाज ऐसे बहुत से हैं जिनके कारण महिलाओं को परेशानी होती है।
रूपल ने लिखा, "नए घर में शिफ्ट होने के बाद पहला लंच, अभी भी बहुत सारी पैकिंग बाकी है। 2-3 दिन में खत्म होने की गुंजाइश है। हां, हम पीरियड्स के दौरान एक दूसरे से कॉन्टैक्ट पूरी तरह से बंद कर देते हैं। मैं और जाह्नवी (बेटी) इस रिवाज को निभाते हैं और यह फैसला हमारे परिवार ने सदियों से लिया है। आज भी हम इसका आदर करते हैं।"
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इस वीडियो को 6 नवंबर को पोस्ट किया गया था और तब से लेकर अब तक इसमें 6.6 मिलियन व्यूज आ गए। हालांकि, इस वीडियो में कमेंट्स को डिसएबल कर दिया गया था और अब यह वीडियो इंस्टाग्राम पेज से हटा भी दिया गया है।
यह वीडियो X (पहले ट्विटर) पर वायरल हो गया और लोग इसे लेकर तरह-तरह के कमेंट्स भी किए गए। लोगों ने इसे दकियानूसी और पुराना रिवाज बताया। रूपल के वीडियो को लेकर कुछ लोगों ने यह भी कमेंट किया कि उनकी बेटी चिढ़ी हुई दिख रही है, लेकिन रूपल को इस बात को लेकर प्राउड फील हो रहा है कि वह खुश हैं।
पीरियड्स के खिलाफ जागरूकता का दोहरा सच
एक तरफ हमारे समाज में पीरियड्स को लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिश की जा रही है। यह एक शारीरिक प्रक्रिया है जिसे लेकर ना जाने कितने दकियानूसी रिवाज बताए गए हैं। हमारे देश में लड़कियों को अलग सुलाने से लेकर, जमीन पर बैठाकर खाना खिलाने का रिवाज तो बहुत पुराना है। दूर दराज के गांव में तो ऐसा भी सुनने में आता है कि पीरियड्स के दौरान लड़कियों को घर के बाहर किसी झोपड़ी में सुलाया जाता है।
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आखिर इस तरह का रिवाज अब क्या साबित करता है? एक इंफ्लूएंसर जो पॉश घर में रहती है, फैशन और ब्यूटी की बात करती है, खुद को नए जमाने का मानती है और 297 हजार फॉलोवर्स उसे फॉलो करते हैं वह समाज पर किस तरह का असर दे सकती है?
इस तरह की स्थिति में यह समाज की दोहरी मानसिकता ही होगी कि आप एक ऐसे रिवाज को मान्यता दे रहे हैं जो महिलाओं के लिए रूढ़िवादी है। ऐसे समाज में जहां आज भी महिलाएं रोजाना बहुत तकलीफ से गुजरती हैं, वहां इस तरह के रिवाज बंद हो जाने चाहिए।
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