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story of strong mothers who shaped the minds of thomas edison and albert einstein and other great scientists

Mother's Day 2025: अल्बर्ट आइंस्टीन, थॉमस एडीसन ही नहीं जानें दुनिया के कई ऐसे वैज्ञानिकों के बारे में जिनकी सफलता में छिपा है मां का त्याग और संघर्ष

दुनिया के महान वैज्ञानिकों की लिस्ट में थॉमस एडिसन, निकोला टेस्ला और अल्बर्ट आइंस्टीन जैसे कई नाम शामिल हैं। जिन्होंने विज्ञान की दुनिया में अहम भूमिका निभाई, लेकिन उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया। कई वैज्ञानिकों ने कहा कि उनकी मां ने उन पर भरोसा रखा और हमेशा उन्हें हिम्मत दी। एक नजर डालते हैं कुछ वैज्ञानिकों और उनकी मांओं के समर्पण पर-
Editorial
Updated:- 2025-05-10, 17:24 IST

जब हम दुनिया के महान वैज्ञानिकों की बात करते हैं, तो सबसे पहले हमारे दिमाग में अल्बर्ट आइंस्टीन, थॉमस एडिशन, स्टीफ हॉकिंग जैसे नाम आते हैं। इन वैज्ञानिकों के अविष्कारों, खाजों और उपलब्धियों के बारे में पूरी दुनिया जानती है। लेकिन, उन्हें साधारण इंसान से वैज्ञानिक बनाने के पीछे भी एक शक्ति हमेशा रही, जिसका नाम मां है। इन महान वैज्ञानिकों की मांओं ने अपने समर्थन, बलिदान के साथ अपने बच्चों के भाग्य को बदलने में अहम भूमिका निभाई। 

थॉमस एडीशन की मां ने अपने बच्चे को खुद ही शिक्षित किया था। वहीं, आइंस्टीन को जब बचपन में सब लोग पागल कहते थे, तब उनकी मां ने उनका मनोबल बढ़ाया था। ऐसे ही ना जाने कितनी महान मांएं हुईं, जिन्होंने अपने बच्चों के टैलेंट को देखा और उन पर भरोसा जताया। 

आज हम इस आर्टिकल में आपको मदर्स डे के मौके पर उन महान वैज्ञानिकों की मांओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके प्रेम, त्याग, समर्थन और समर्पण ने विज्ञान को नई दिशा दी। 

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1. जोहान्स केपलर और उनकी मां कैथरीना 

Johannes Kepler

प्रसिद्ध जर्मन एस्ट्रोनॉमर जोहान्स केपलर ने ग्रहों की गति के नियमों को तैयार किया था। हालांकि, उनका बचपन काफी संघर्ष पूर्ण रहा था। वह एक सामान्य से परिवार से आते थे, लेकिन उनकी मां कैथरीना केपलर ने हमेशा अपने बेटे का साथ निभाया और जिंदगी के हर मोड़ पर साथ खड़ी रहीं। जोहान्स को अपनी मां से हमेशा हिम्मत और ताकत मिलती रही। हालांकि, कैथरीना की जिंदगी आसान नहीं थी, क्योंकि 1615 में उन्हें जादू-टोना करने के आरोप में जेल में डाल दिया गया था। उस समय जर्मनी में इस तरह के आरोपों पर फांसी की सजा दी जाती थी। 

हालांकि, उस मुश्किल दौर में जोहान्स ने अपनी मां को बचाने के लिए कानून की पढ़ाई की थी। फिर, अदालत में अपनी मां के लिए पैरवी भी की थी। करीब 6 सालों तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार जोहान्स की मां कैथरीना को जीत हासिल हुई थी और उन्हें बेगुनाह साबित कर दिया गया था। 

2. निकोला टेस्ला और उनकी मां जॉर्जिना डुका टेस्ला

nikola tesla

महान आविष्कारक और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर निकोला टेस्ला ने कहा था,’मेरे अंदर जो भी आविष्कार की क्षमता है, वो मेरी मां की देन है। वो एक बेहतरीन आविष्कारक थीं, जिन्हें जबरदस्त अंतर्ज्ञान और समझ मिली थी।’ निकोला की मां कभी स्कूल नहीं गई लेकिन, उनके पास खास कला थी। उनकी मां डुका रोजाना की जिंदगी को आसान बनाने के लिए छोटे-छोटे आविष्कार किया करती थीं। यह देखकर निकोला काफी प्रभावित होते थे। निकोला की मां ने कभी उन्हें सवाल पूछने से नहीं रोका, बल्कि हमेशा उनकी जिज्ञासा को बढ़ावा दिया। उनका मां हमेशा कहती थीं कि वह कुछ बड़ा करेंगे। 

3. थॉमस एडिसन और उनकी मां नैन्सी एडिसन

बल्ब का आविष्कार करने वाले महान वैज्ञानिक थॉमस एडिसन की मां का नाम नैन्सी एडिसन था। एक बार एडिसन ने कहा था कि मैं एक ऐसा बच्चा था जिसे सबने नकार दिया था, लेकिन मेरी मां ने मुझ पर भरोसा किया। उसी भरोसे ने मुझे थॉमस एडिसन बनाया। 

नैन्सी एडिसन एक स्कूल टीचर थीं। जब उनके बेटे थॉमस एडिसन को बचपन में एक टीचर ने बेवकूफ कह दिया था। तब उनकी मां ने उन्हें स्कूल से निकाल लिया था और घर पर खुद ही पढ़ाने लगी थीं। थॉमस एडिसन की मां ने हमेशा अपने बेटे को सवाल पूछने और चीजें खोलकर देखने और एक्सपेरिमेंट करने की आजादी दी थी। उन्हें पता था कि उनका बेटा दूसरे से अलग तरह से सीखता है, इसलिए उन्होंने उसे वैसे ही शिक्षा दी थी। 

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4. अल्बर्ट आइंस्टीन और उनकी मां पॉलीन आइंस्टीन 

भौतिकी में क्रांति लाने वाले महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन को आज पूरी दुनिया जानती हैं। लेकिन, उनकी कामयाबी के पीछे एक खास इंसान का हाथ रहा था और वह थीं उनकी मां पॉलीन आइंस्टीन। 

पॉलीन एक बेहतरीन पियानिस्ट थीं और उन्हें म्यूजिक से लगाव था। अपनी मां की वजह से अल्बर्ट भी वायलिन सीखने के लिए मोटिवेट हो गए थे। आंइस्टीन ने एक बार कहा था कि जब वह किसी कठिन वैज्ञानिक समस्या को हल नहीं कर पाते थे, तो वायलिन बजाकर सुकून पाते थे। उन्हें ऐसा करने से बहुत आराम मिलता था। 

बचपन में जहां सारे बच्चे बोलना सीख गए थे, वहीं आंइस्टीन ने देर से बोलना सीखा था। उस समय भी उनकी मां ने धीरज रखा था और अपने बेटे को समर्थन दिया था। पॉलीन ने लिखा था कि मुझे नहीं पता कि अल्बर्ट की थ्योरी दुनिया को कितना बदलेगी, लेकिन मुझे उस पर बहुत गर्व है।

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