भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली और अनुष्का शर्मा बुधवार सुबह वृंदावन पहुंचे थे। जहां उन्होंने बाबा नीम करौरी आश्रम पहुंचकर अपना पूरा दिन बिताया और बाबा नीम करौरी की समाधी के दर्शन किए। विराट अनुष्का दोनों ही बाबा नीम करौली महाराज के प्रति श्रद्धा रखते हैं इसी कारण से दोनों बेटी वामिका के साथ उनके आश्रम दर्शन कि भावना लिए पहुंचे थे।
- बता दें कि बाबा नीम करौली को हनुमान जी का अवतार माना जाता है। बाबा नीम करौली और उनके आश्रम से जुड़े कई ऐसे रोचक तथ्य हैं जो बेहद दिलचस्प हैं और साथ ही हैरान कर देने वाली भी। ये तो सभी को पता है कि नीम करौली बाबा का एक आश्रम जहां वृंदावन में है तो वहीं सबसे प्रसिद्ध कैंची धाम में भी उनका आश्रम स्थापित है।
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- नीम करोली या नीब करौरी बाबा की गिनती 20वीं सदी के महान संतों में की जाती है। बाबा ने 1964 में कैंची धाम (कैंची धाम के नीम करौली बाबा आश्रम से जुड़े कुछ रोचक तथ्य) आश्रम की स्थापना की थी। इस आश्रम को उनके भक्त बेहद चमत्कारी मानते हैं।

- नीम करौली बाबा को लेकर कहा जाता है कि उन्होंने 17 साल की उम्र में ईश्वरीय ज्ञान प्राप्त कर लिया था। हनुमान जी (हनुमान जी के 12 रहस्यमयी नाम) न सिर्फ उनके आराध्य थे बल्कि उनके गुरु भी थे।
- नीम करौली बाबा ने अपने जीवन काल में हनुमान जी के 108 मंदिर बनवाये थे। नीम करौली बाबा के अनुयायियों का मानना है कि हनुमान जी की पूजा से बाबा ने कई चमत्कारी सिद्धियां प्राप्त कर ली थीं।
- बाबा नीम करौली की मानता न सिर्फ भारत बल्कि विदेश में भी है। बॉलीवुड और राजनीति समेत कई विदेशी हस्तियां जैसे कि अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, स्टीव जाब्स और मार्क जुकरबर्ग भी बाबा के भक्तों में शामी हैं और बाबा के कैंची धाम में दर्शनों के लिए आ चुके हैं।

- बाबा नीम करोली से जुड़ी एक प्रचलित कथा के अनुसार, एक बार बाबा ने भंडारे के लिए घी कम पड़ने पर बहती नदी के जल को एक पात्र में भरकर घी में बदल दिया था।
- इसके अलावा, एक कथा ये भी है कि अपने एक भक्त को धूप से परेशान होता देख बाबा ने उसके सिर पर बादल की छतरी प्रकट कर दी थी। बाब ने अपने जीवन में इतने चमत्कार किये थे कि उनके चमत्कारों पर 'मिरेकल आफ लव' नामक एक पुस्तक भी लिखी जा चुकी है।
- मानता है कि नैनीताल के पंतनगर में स्थित बाबा नीम करौली की समाधि से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता। इस जगह आकर जो भी मुराद मांगी जाए वह अवश्य पूरी होती है। बाबा के समाधि स्थाक्ल के पास हनुमान जी की मूर्ति भी है।

- वृंदावन में स्थापित बाबा के आश्रम का महत्व यह है कि इस स्थान पर उन्होंने अपने शरीर का त्याग किया था। हालांकि उनका समाधि स्थल नैनीताल में स्थापित है जहां भक्तों का तांता लगा रहता है।
तो ये था नीम करोली बाबा और और उनके आश्रम से जुड़ा रहस्य। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: Pinterest, Twitter, Wikipedia
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