herzindagi
Shri Radha Kripa Kataksha Stotra Benefits

Shri Radha Stotra: राधा रानी का ये स्तोत्र खोल देता है घर में धन के सारे मार्ग

ब्रज स्वामिनी श्री राधा रानी के इस एक पाठ के जाप से व्यक्ति मां लक्ष्मी की अखंड और असीमित कृपा प्राप्त कर सकता है। 
Editorial
Updated:- 2022-11-01, 14:14 IST

Shri Radha Stotra: श्री राधा रानी श्री कृष्ण की परा शक्ति और उनकी प्रिय हैं। राध रानी को प्यार से सभी ब्रजवासी बरसाने वारी के नाम से भी पुकारते हैं। ब्रज में ऐसी मान्यता है कि कन्हैया को प्रसन्न करने का सबसे सरल मार्ग है राधा रानी की उपासना।

ऐसे में हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स का ये कहना है कि यूं तो राधा रानी की पूजा के कई मार्ग हैं लेकिन अत्यंत सरल और शीघ्र परिणाम दिखाने वाला मार्ग है उनके सर्वश्रेष्ठ स्तोत्र 'श्री राधा कृपा कटाक्ष' का 108 बार अखंड जाप।

ऐसे में आइये आपको बताते हैं श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र के बारे में और साथ ही इससे मिलने वाले लाभ के बारे में भी जानकारी साझा करेंगे।

श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र (Shri Radha Kripa Kataksha Stotra)

shri radha

मुनीन्द्र–वृन्द–वन्दिते त्रिलोक–शोक–हारिणि

प्रसन्न-वक्त्र-पण्कजे निकुञ्ज-भू-विलासिनि

व्रजेन्द्र–भानु–नन्दिनि व्रजेन्द्र–सूनु–संगते

कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥१॥

अशोक–वृक्ष–वल्लरी वितान–मण्डप–स्थिते

प्रवालबाल–पल्लव प्रभारुणांघ्रि–कोमले ।

वराभयस्फुरत्करे प्रभूतसम्पदालये

कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥२॥

अनङ्ग-रण्ग मङ्गल-प्रसङ्ग-भङ्गुर-भ्रुवां

सविभ्रमं ससम्भ्रमं दृगन्त–बाणपातनैः ।

निरन्तरं वशीकृतप्रतीतनन्दनन्दने

कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥३॥

तडित्–सुवर्ण–चम्पक –प्रदीप्त–गौर–विग्रहे

मुख–प्रभा–परास्त–कोटि–शारदेन्दुमण्डले ।

विचित्र-चित्र सञ्चरच्चकोर-शाव-लोचने

कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥४॥

मदोन्मदाति–यौवने प्रमोद–मान–मण्डिते

प्रियानुराग–रञ्जिते कला–विलास – पण्डिते ।

अनन्यधन्य–कुञ्जराज्य–कामकेलि–कोविदे

कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥५॥

अशेष–हावभाव–धीरहीरहार–भूषिते

प्रभूतशातकुम्भ–कुम्भकुम्भि–कुम्भसुस्तनि ।

प्रशस्तमन्द–हास्यचूर्ण पूर्णसौख्य –सागरे

कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥६॥

मृणाल-वाल-वल्लरी तरङ्ग-रङ्ग-दोर्लते

लताग्र–लास्य–लोल–नील–लोचनावलोकने ।

ललल्लुलन्मिलन्मनोज्ञ–मुग्ध–मोहिनाश्रिते

कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥७॥

सुवर्णमलिकाञ्चित –त्रिरेख–कम्बु–कण्ठगे

त्रिसूत्र–मङ्गली-गुण–त्रिरत्न-दीप्ति–दीधिते ।

सलोल–नीलकुन्तल–प्रसून–गुच्छ–गुम्फिते

कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥८॥

नितम्ब–बिम्ब–लम्बमान–पुष्पमेखलागुणे

प्रशस्तरत्न-किङ्किणी-कलाप-मध्य मञ्जुले ।

करीन्द्र–शुण्डदण्डिका–वरोहसौभगोरुके

कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥९॥

अनेक–मन्त्रनाद–मञ्जु नूपुरारव–स्खलत्

समाज–राजहंस–वंश–निक्वणाति–गौरवे ।

विलोलहेम–वल्लरी–विडम्बिचारु–चङ्क्रमे

कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥१०॥

radha rani

अनन्त–कोटि–विष्णुलोक–नम्र–पद्मजार्चिते

हिमाद्रिजा–पुलोमजा–विरिञ्चजा-वरप्रदे ।

अपार–सिद्धि–ऋद्धि–दिग्ध–सत्पदाङ्गुली-नखे

कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥११॥

मखेश्वरि क्रियेश्वरि स्वधेश्वरि सुरेश्वरि

त्रिवेद–भारतीश्वरि प्रमाण–शासनेश्वरि ।

रमेश्वरि क्षमेश्वरि प्रमोद–काननेश्वरि

व्रजेश्वरि व्रजाधिपे श्रीराधिके नमोस्तुते ॥१२॥

इती ममद्भुतं-स्तवं निशम्य भानुनन्दिनी

करोतु सन्ततं जनं कृपाकटाक्ष-भाजनम् ।

भवेत्तदैव सञ्चित त्रिरूप–कर्म नाशनं

लभेत्तदा व्रजेन्द्र–सूनु–मण्डल–प्रवेशनम् ॥१३॥

राकायां च सिताष्टम्यां दशम्यां च विशुद्धधीः ।

एकादश्यां त्रयोदश्यां यः पठेत्साधकः सुधीः ॥१४॥

यं यं कामयते कामं तं तमाप्नोति साधकः ।

राधाकृपाकटाक्षेण भक्तिःस्यात् प्रेमलक्षणा ॥१५॥

ऊरुदघ्ने नाभिदघ्ने हृद्दघ्ने कण्ठदघ्नके ।

राधाकुण्डजले स्थिता यः पठेत् साधकः शतम् ॥१६॥

तस्य सर्वार्थ सिद्धिः स्याद् वाक्सामर्थ्यं तथा लभेत् ।

ऐश्वर्यं च लभेत् साक्षाद्दृशा पश्यति राधिकाम् ॥१७॥

तेन स तत्क्षणादेव तुष्टा दत्ते महावरम् ।

येन पश्यति नेत्राभ्यां तत् प्रियं श्यामसुन्दरम् ॥१८॥

नित्यलीला–प्रवेशं च ददाति श्री-व्रजाधिपः ।

अतः परतरं प्रार्थ्यं वैष्णवस्य न विद्यते ॥१९॥

॥ इति श्रीमदूर्ध्वाम्नाये श्रीराधिकायाः कृपाकटाक्षस्तोत्रं सम्पूर्णम ॥

श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र के लाभ (Shri Radha Kripa Kataksha Stotra Benefits)

shri radh rani

  • हमारे एक्सपर्ट के अनुसार, जो भी व्यक्ति श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र का पाठ करता है उसके जीवन के सभी कष्ट राधा रानी हर लेती हैं। इतना ही नहीं, इस पाठ के अखंड जाप से न सिर्फ राधा रानी बल्कि श्री कृष्ण (श्री कृष्ण की मृत्यु का रहस्य) भी अति प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं।
  • श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र के पाठ से व्यक्ति को मृत्यु के बाद गोलोक धाम की प्राप्ति होती है और जीवन चक्र से मनुष्य हमेशा हमेशा के लिए मुक्त हो जाता है।
  • शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव ने भी माता पार्वती को यह पाठ सुनाया था। भगवान शिव (भगवान शिव का पाठ) ने इस स्तोत्र के माध्यम से राधा रानी के शृंगार, रूप और करुणा का विस्तृत वर्णन किया था।
  • हमारे एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप यह पाठ रोजाना नहीं कर सकते हैं तो कोशिश करें कि इस पाठ को अष्टमी, दशमी, एकादशी, त्रयोदशी और पूर्णिमा तिथि पर जरूर करें। माना जाता है कि इन तिथियों पर श्री राधा कृपा कटाक्ष का पाठ करने से यह स्तोत्र सिद्ध हो जाता है और भौतिक सुखों की वर्षा करता है।

इस पाठ के जाप से मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और सभी प्रकार के आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Freepik, Herzindagi

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।