जब घर-परिवार के ज्यादातर लोग अपने मनपसंद काम कर रहे होते हैं, तो महिलाएं कभी खाना बनाने, कभी कपड़े धोने तो कभी घर की सफाई करने में लगी होती हैं। महिलाओं को भले ही घर के काम करने के लिए ना कहा जाए, लेकिन फिर भी वह इतना जिम्मेदार महसूस करती हैं कि अक्सर बहुत ज्यादा थक जाने के बाद भी वे घर से जुड़ी जिम्मेदारियां निभाने में लगी रहती हैं। इसी वजह से महिलाएं अपने खान-पान पर ध्यान नहीं दे पाती और कई बार बड़ी-बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम्स की शिकार भी हो जाती हैं। महिलाएं आमतौर पर सबसे पहले अपने परिवार की खुशी देखती हैं। अपनी खुशी और एंजॉयमेंट को वह हमेशा परिवार से जोड़ कर देखती है महिलाओं के इसी समर्पण के कारण परिवार एकजुट रहते हैं और घर के सभी लोग खुशहाल रहते हैं, लेकिन दूसरी तरफ महिलाएं लगातार मानसिक तनाव से गुजरती हैं। इस पर चर्चा करते हुए टीवी और बॉलीवुड एक्ट्रेस साक्षी तंवर ने कहा, 'महिलाओं के लिए घर-परिवार की जिम्मेदारियां छोड़कर अपना अलग जीवन जीना बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि वे हमेशा ही परिवार के लिए अपनी जिम्मेदारी समझती हैं और भीतर से इसके लिए जवाबदेह महसूस करती हैं।
महिलाएं सोशल कंडिशनिंग की वजह से नहीं महसूस करतीं आजाद
साक्षी तंवर ने शॉर्ट फिल्म 'घर की मुर्गी' में काम किया है। यह फिल्म होममेकर्स को डेडिकेटेड है, जो बिना अपने बारे में सोचे अपने परिवार की सभी जरूरतों का ख्याल रखती हैं। साक्षी तंवर मानती है कि महिलाएं अपनी सोशल कंडीशनिंग की वजह से सही मायने में अपनी आजादी को एंजॉय नहीं कर पाती।
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'महिलाएं परिवार के लिए रहती हैं समर्पित'
साक्षी ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा, 'महिलाएं अक्सर अपराध बोध से ग्रस्त रहती हैं। कई बार उन्हें घर की जिम्मेदारियां निभाने के लिए कहा नहीं जाता, लेकिन फिर भी वह खुद उसे निभाती हैं। अगर परिवार से वे कहें कि मैं कुछ वक्त खुद को रिलैक्स करना चाहती हूं, ब्रेक लेना चाहती हैं तो उसके लिए कोई उन्हें मना नहीं करेगा, लेकिन अपने अपराधबोध के चलते वे कई बार इस पर कुछ कहीं नहीं पातीं।'
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'बढ़ा है महिलाओं के लिए सम्मान'
साक्षी ने आगे कहा, 'आज के समय में चीजें काफी बदल गई हैं। लोग पढ़े-लिखे हैं, बहुत से लोग आज के दौर में वर्किंग वुमन की जिम्मेदारियों को समझते हैं और उन्हें सम्मान भी देते हैं। बहुत से पुरुष घर के कामों में महिलाओं का हाथ बंटाते हैं।'
मां से मिली किरदार निभाने की प्रेरणा
साक्षी के लीड रोल वाली फिल्म 'घर की मुर्गी' को अश्विनी अय्यर तिवारी ने डायरेक्ट किया है। इसमें साक्षी ने सीमा बत्रा का किरदार निभाया है, जो घर की चारदीवारी में अपना अस्तित्व तलाशने की कोशिश करती हैं, परिवार के लिए वह अपनी सभी जिम्मेदारियों को शिद्दत से निभाने का प्रयास करती है। हालांकि यह किरदार साक्षी की रियल लाइफ से काफी अलग है, लेकिन उन्हें बहुत हद तक अपनी मां से इस किरदार को निभाने की प्रेरणा मिली। साक्षी ने मीडिया को बताया,
हर घर की यही कहानी
साक्षी बताती हैं, 'फिल्म में जो स्थितियां दिखाई गई हैं, उनसे सभी महिलाएं कनेक्ट कर सकती हैं। भले ही मैंने ऐसा जीवन ना जिया हो, लेकिन मैंने ऐसी बहुत सी महिलाओं को देखा है, जो इस तरह की स्थितियों में रहती है। मेरी मां की तरह लगभग सभी परिवारों में महिलाएं खुद को बहुत ज्यादा जिम्मेदार मानती हैं। हम अक्सर यही सोचते हैं की मां है, तो हमारे सब काम कर देगी, मैं भी कई बार अपनी मां की बातों पर उतना ध्यान नहीं दे पाती और यह हर घर की कहानी है।'
इस फिल्म की स्टोरी नितेश तिवारी ने लिखी है। इसके अलावा साक्षी अक्षय कुमार की फिल्म 'पृथ्वीराज' में भी नजर आएंगी, जो इसी साल नवंबर में रिलीज होने वाली है।
Image Courtesy: Instagram(@sakshitanwarworld)
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