बचपन की याद में खोई साक्षी तंवर, एक्ट्रेस नहीं बल्कि यह बनना चाहती थीं

साक्षी तंवर की मंजिल बॉलीवुड इंडस्ट्री नहीं थी लेकिन, फिर कैसे उन्हें एक्टिंग का कीड़ा लगा, कैसे उन्होंने अपने पिता के लगे हुए पैसों की वजह से अपने कोर्स को पूरा किया... आइये साक्षी के बारे में और जानते हैं! 

  • Inna Khosla
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2018-12-27, 16:51 IST
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टीवी इंडस्ट्री की पार्वती यानि साक्षी तंवर को बच्चा बच्चा जानता है। टीवी के अलवा वेब शोज और फिर बॉलीवुड फ़िल्मों में भी इनकी एक्टिंग को बहुत सराहा गया है। साक्षी बताती हैं कि वो आज जैसी भी हैं, बहुत खुश हैं लेकिन, आज भी मुड़कर देखती हैं तो उन्हें यकीन नहीं होता कि वो यहां तक आ गई हैं। साक्षी ने हमसे ख़ास बातचीत एक दौरान अपने बचपन को याद किया और हमें बताया कि वो हमेशा से एक्टिंग करना नहीं चाहती थीं।

जी हां, साक्षी की मंजिल बॉलीवुड इंडस्ट्री नहीं थी लेकिन, फिर कैसे उन्हें एक्टिंग का कीड़ा लगा, कैसे उन्होंने अपने पिता के लगे हुए पैसों की वजह से अपने कोर्स को पूरा किया... आइए साक्षी के बारे में और जानते हैं!

कश्मीर, राजस्थान में कई जगह, जयपुर, उदयपुर और फाइनली दिल्ली

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साक्षी ने हमें बताया कि वो अलवर से हैं और आज भी जब वहां जाती हैं और घर के आंगन में बैठती हैं तो उन्हें यकीन नहीं होता कि ये वही आंगन है जहां कभी उनकी मालिश हुई थी। साक्षी ने आगे कहा जन्म के बाद जगह-जगह पापा का ट्रांसफर होता रहा कश्मीर, राजस्थान में कई जगह, जयपुर, उदयपुर और फाइनली दिल्ली तो मेरी जो बाद की स्कूलिंग और कॉलेज, वो सब दिल्ली में हुई। बता दें कि साक्षी के पिता राजेंद्र सिंह तंवर सीबीआई ऑफिसर थे।

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Civil Servant बनना चाहती थीं साक्षी तंवर

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साक्षी ने हमसे कहा मैं सिविल सर्वेंट बनने की प्लानिंग कर रही थी । तो एक तरफ़ वो तैयारी, दूसरी तरफ़ उस समय अचानक कम्प्यूटर्स का बहुत ज़ोर पकड़ गया था तो, सोचा अब क्या करें... समझ नहीं आ रहा था। तो मैंने भी एनरोल कर लिया कि चलो ठीक है, किया जाएगा, छह दिन में समझ आ गया था कि अपने बस का नहीं है।

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लेकिन पापा के पैसे हुए लगे थे, उन्होंने तीन साल के कोर्स के पैसे भर दिए कि बच्चा इंट्रेस्ट दिखा रहा है तो वो कोर्स मैंने पूरा किया, लेकिन उसके साथ-साथ मेरा छोटा-मोटा टेलीविज़न पर एंकरिंग का काम भी शुरू हो गया, वो भी एक फ्रेंड की बदौलत, पढ़ाई साथ-साथ चलती रही, मुझे लगने लगा कि डेस्टिनी का कुछ और ही प्लान था मेरे लिए।

साक्षी ने कहा कि मैं भी नहीं जानती कि कैसे दिल्ली में बैठे-बैठे मुझे काम मिलने लगा। आज लोग मुझे हर जगह पहचानते हैं। एयरपोर्ट, शॉपिंग मॉल्स... जहां भी जाती, वो लोग मुझे अपने घर का ही मेम्बर समझने लगते हैं। उन्हें लगता है वो मुझे सालों से जानते हैं और इस तरह का प्यार देखकर मैं बहुत खुश होती हूं कि मैं लोगों के दिल के इतने करीब हूं।

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