तीखी धूप में मुरझा गया है सदाबहार का पौधा? 15 दिन के बाद जड़ों में डालें यह घोल...हरा-भरा हो सकता है प्लांट

तीखी धूप की वजह से पौधों के पत्ते जल जाते हैं या फिर वह मुरझा जाते हैं। अगर गर्मी शुरू होते ही आपका सदाबहार का पौधा मुरझाने लगा है, तो हर 15 दिन के बाद जड़ों में लिक्विड नेचुरल फर्टिलाइजर डालने से प्लांट हरा-भरा हो सकता है। 
Sadabahar Plant Care Tips

गर्मियों की तीखी धूप न सिर्फ इंसानों को परेशान करती है, बल्कि हमारे गार्डन के हरे-भरे पौधों को भी खराब कर देती है। तीखी धूप की वजह से कई पौधे मुरझा जाते हैं, तो कुछ के पत्ते झुलस जाते है। इन्हीं में से एक सदाबहार का पौधा भी है। ऐसे तो सदाबहार का पौधा 12 महीने खिला रहता है और फूलों की बारिश करता है। लेकिन, तीखी धूप का असर सदाबहार के पौधे पर भी हो जाता है और यह मुरझाने लगता है।

सदाबहार के पौधे के मुरझाने के पीछे की वजह तेज धूप के साथ, पानी की कमी, मिट्टी में नमी का अभाव और पोषण की कमी हो सकती है। ऐसे में मुरझाए पौधे को देखना आपका मन उदास कर सकता है। लेकिन, आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि थोड़ी-सी देखभाल से आपका सदाबहार का पौधा हरा-भरा ही नहीं, फूलों से लदा भी हो सकता है।

गर्मी में इस तरह करें सदाबहार के पौधे की केयर

Sadabahar plant care

सदाबहार के पौधे को गर्मी से बचाने और हरा-भरा रखने के लिए नेचुरल फर्टिलाइजर का घोल बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकता है इसके लिए आपको सबसे पहले गोबर की खाद या उपलों की जरूरत होगी।

दरअसल, छाछ में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया होते हैं, जो मिट्टी के माइक्रोबायोटा को सुधारने में मदद कर सकते हैं। साथ ही यह हल्की एसिडिक मिट्टी का PH बैलेंस करने में भी मदद करती है।

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वहीं, गोबर एक बेहतरीन जैविक खाद मानी जाती है, जिसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम पाया जाता है।

चावल के पानी में स्टार्च होता है, जो मिट्टी में माइक्रोबियल एक्टिविटी को बढ़ाता है, जिससे पत्तियां चमकदार होती हैं और पौधे की एनर्जी बनी रहती है। इसे एक लाइट और पोषण से भरा नेचुरल लिक्विड फर्टिलाइजर माना जाता है।

कैसे करें नेचुरल फर्टिलाइजर का सदाबहार के पौधे में इस्तेमाल?

सदाबहार के पौधे को गर्मी में हरा-भरा रखने के लिए सबसे पहले एक छोटी बाल्टी लें और उसमें पानी भर दें। अब पानी में 1 से 2 उपले डालकर रातभर के लिए छोड़ दें। सुबह जब गोबर का उपला पूरी तरह से पानी में घुल जाए तब उसमें चावल का पानी और छाछ बराबर मात्रा में डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर दें।

अब इस घोल को 15 से 20 दिन में एक बार सदाबहार के पौधों में डालें। ऐसा इसलिए, क्योंकि कई बार ज्यादा खाद की वजह से भी पौधा मुरझा या सूख सकता है। ध्यान रहे कि अगर नेचुरल फर्टिलाइजर ज्यादा मात्रा में बन गया है तो उसे अगली बार के लिए आप रख सकते हैं। लेकिन, पौधे में देने से पहले एक बार चेक जरूर कर लें, क्योंकि बदबूदार या सड़ा हुआ घोल पौधे को नुकसान पहुंचा सकता है।

इन तरीकों से भी हरा-भरा रह सकता है सदाबहार का पौधा

सरसों की कली का घोल

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गर्मियों में सदाबहार के पौधे को हरा-भरा रखने में सरसों की कली का घोल भी आपकी मदद कर सकता है। सरसों की कली आप किसी भी नर्सरी से ला सकते हैं। सरसों की कली का घोल बनाने के लिए सबसे पहले एक किसी छोटी बाल्टी में आधे से कम पानी लें और उसमें 2 से 3 चम्मच सरसों की खली डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। इस पानी को सदाबहार के साथ अन्य पौधों में भी दिया जा सकता है।

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चाय की पत्ती और छाछ

सदाबहार के लिए छाछ फायदेमंद हो सकती है, यह तो आप जान ही गए हैं। लेकिन, चाय की पत्ती को भी नेचुरल फर्टिलाइजर माना जाता है। ऐसे में चाय की पत्ती को इस्तेमाल करने के बाद छाछ में एक रात के लिए मिक्स कर दें। इसके बाद छाछ और चाय पत्ती के मिक्सचर को पौधों की जड़ों में डाल सकते हैं।

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Image Credit: Freepik and Amazon

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