तमिलनाडु के पोलाची में 50 लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। दरअसल पोलाची में चार युवकों के एक ऐसे गैंग का खुलासा हुआ है जो कॉलेज की लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न करते थे। वो सिर्फ यौन उत्पीड़न ही नहीं करते थे बल्कि उनका वीडियो बनाकर वायरल भी करते थे। अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर छात्रों के प्रदर्शन के बाद अधिकारियों ने कस्बे के सभी कॉलेजों को बंद कर दिया। इस मामले से जुड़े कई तथ्यों के सामने आने से सनसनी फैली हुई है और राज्य में विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है। पोलाची यौन उत्पीड़न केस में सुप्रीम कोर्ट में पीड़िताओं की पहचान गुप्त रखने के लिए याचिका दायर की है। साथ ही इस याचिका में पोलाची यौन उत्पीड़न केस की जांच सीबीआई से सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की गई है।
याचिकार्ता ने केस के ट्रायल को तमिलनाडू से बाहर कराने की भी मांग की है। इस मामले में राज्य के पुलिस महानिदेशक ने पीड़िता की पहचान का खुलासा करने के मामले में कोयंबटूर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) आर. पंडियाराजन के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। तो चलिए जानते हैं क्या है पोलाची यौन उत्पीड़न केस।
50 से ज्यादा लड़कियां हैं पीड़ित
जब एक लड़की के उत्पीड़न के मामले में 4 युवकों को गिरफ्तार किया गया। इस मामले के अभियुक्त थिरुनावुक्कारसु, सबरीराजन, वसंतकुमार, सतीश हिरासत में हैं। युवकों से पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ है कि यह मामला करीबन 50 पीड़ित लड़कियों से जुड़ा हुआ है। ऐसा कहा जा रहा है कि युवक लड़कियों को अपने जाल में फंसाने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल किया करते थे। इस घटना को 12 फरवरी को अंजाम दिया गया था। जब मामला मीडिया में आया तो पुलिस ने तेजी से कार्रवाई शुरू की।
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तमिलनाडु में इस तरह के वीडियो वायरल होने के कुछ घंटों में एक आरोपी के परिवार की महिलाओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायर्ल होने लगी। कई लोगों ने इस बात पर टिप्पणी की कि कैसे आरोपी ने पीड़िता के ‘अन्ना’ कहने के बाद भी उसके साथ गलत किया। NCRB के डेटा ने हमें लगातार दिखाया है कि महिलाएं अपने घरों में सबसे असुरक्षित हैं। इसका मतलब है कि उनके द्वारा अनुभव की गई सबसे बड़ी हिंसा उनके परिवार के सदस्यों के दायरे से होती है, पिता, भाई, चाचा, दादा या फिर कोई पड़ोसी।
पीड़िताओं की पहचान उजागर करने का आरोप
पोलाची यौन उत्पीड़न केस में पुलिस पर पीड़िताओं की पहचान उजागर करने का आरोप लगा है। डीएमके नेता कनिमोझी ने पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। इस मामले में कोयंबटूर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) आर. पंडियाराजन के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वहीं विपक्ष द्वारा इस मसले को जोर-शोर से उठाने के बाद सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने का आदेश दे दिया है।
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नेता का नाम भी शामिल
पोलाची यौन उत्पीड़न केस ने सियासी रंग तब पकड़ लिया जब एआईएडीएमके के एक सदस्ये का नाम सामने आया। इसके बाद से मामला विपक्षी दलों के निशाने पर आ गया। डीएमके नेता और राज्य सभा सांसद कनिमोझी ने 13 मार्च को इस मामले को लेकर गिरफ्तारी दी। कनिमोझी ने साल 2012 से लेकर अब तक लड़कियों द्वारा आत्मनहत्याा के सभी मामलों की जांच की मांग की है। इसके बाद एआईएडीएमके ने अपने आरोपित सदस्यल को पार्टी से निकाल दिया है।
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