देश की जीडीपी में उतनी ग्रोथ नहीं हो रही है जितनी रेप के मामलों में ग्रोथ हो रही है। चाहे महिला सुरक्षा के जितने भी दावे कर लिए जाए, जब रेप के आंकड़े आते हैं तो सब धता हो जाते हैँ। हाल ही में आए दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार इस साल राजधानी में हर दिन 15 अप्रैल तक 5 से ज़्यादा महिलाओं के साथ रेप हुआ। अप्रैल के मध्य तक दिल्ली में 578 रेप के मामले दर्ज हुए। वहीं, पिछले साल इस अवधि में 563 रेप के मामले दर्ज हुए थे। पुलिस का दावा है कि पिछले साल दर्ज किए गए रेप के 96.63 प्रतिशत मामलों में आरोपी पीड़िताओं के परिचित रहे हैं।
छेड़छाड़ में हुई कमी
हालांकि इस रिपोर्ट के अनुसार इस साल छेड़छाड़ के मामलों में कमी आई है। इस साल 15 अप्रैल तक 883 मामले छेड़छाड़ के दर्ज किए गए। वहीं पिछले साल इसी अवधि के दौरान छेड़छाड़ के 944 घटनाएं दर्ज की गई थीं। आंकड़े बताते हैं कि 2016 में रेप की 2,064 और 2017 में 2,049 घटनाएं दर्ज की गई थीं, जबकि 2016 में छेड़छाड़ की 4,035 और 2017 में 3,273 घटनाएं दर्ज की गई थीं।
राष्ट्रपति ने अप्रैल में ही किया अध्यादेश पारित
पूरे देश में रेप के बढ़ते मामलों को देखते हुए राष्ट्रपति ने पिछले महीने अध्यादेश पारित किया था। इसमें 16 वर्ष से कम आयु की किशोरियों और 12 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के साथ बलात्कार करने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त दंड का प्रावधान किया गया है। इसके तहत 12 साल से कम उम्र के बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को मौत की सजा दी जा सकती है। इसके अलावा बलात्कार के मामलों की तेज गति से जांच और सुनवाई की जाएगी। महिला के साथ बलात्कार के संदर्भ में सजा को 7 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष के कारावास किया गया है जिसे बढ़ाकर उम्र कैद किया जा सकता है।
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अध्यादेश के तहत राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो यौन अपराध से जुड़े लोगों का राष्ट्रीय डाटाबेस तैयार करेगा और उसे सभी राज्यों के साथ शयर करेगा। लेकिन इन कड़े अध्यादेश का असर शायद ही अपराधियों पर हो रहे हैं। क्योंकि रेप के मामलों में कमी नहीं आ रही है। कमी आने के विपरीत अपराधी रेप करने के बाद लड़कियों की हत्या कर दे रहे हैं।
झारखंड में नाबालिग की रेप के बाद की हत्या
दो दिन पहले झारखंड में नाबालिग से रेप के बाद हत्या करने का मामला सामने आया है। झारखंड के चतरा जिले में कुछ दबंगई लोगों ने नशे में चूर में एक नाबालिग के साथ गैंगरेप कर उसे जिंदा जला दिया। नाबालिग को जिंदा जलाने के बाद भी उन गुंडों का कलेजा नहीं पसीजा और उन्होंने युवती के परिजनों की भी बेरहमी से पिटाई की जिससे वे लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
ऐसे में केवल एक ही सवाल उठता है। ऐसे कैसे रुकेंगे रेप?
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