शशश... मंत्री जी कहते हैं रेप की 1-2 घटनाओं पर ना बनाएं बतंगड़ !!

रेप जिसके साथ होता है उसे ही मालूम होता है कि यह कितना दर्दनाक एहसास है। वे लोग इस दर्द का मतलब नहीं समझ सकते जो इस पर केवल राजनीति करना चाहते हैं। 

rape case editorial main

रेप, बलात्कार, यौन शोषण... शब्द एक है, लेकिन इसका अहसास नर्क से भी बुरा है। किंतु इस बुरे अहसास को शायद ही किसी को एहसास होगा, तभी तो हर कोई आसानी से इस पर बिना सोचे-समझे सलाह भी दे देता है। ऐसा लगता है, रेप..., इस शब्द का मतलब ही किसी को समझ नहीं आता है। तभी तो इतनी आसानी से हर कोई इसे बतंगड़ ना बनाने की सलाह दे देता है।

बतंगड़... वो भी रेप। रेप कब से बतंगड़ बन गया भाई !!

मालूम नहीं।

लेकिन इन मंत्री जी को लगता है कि रेप पर बात कर और पीड़िता के लिए इंसाफ मांग कर हम बात का बतंगड़ बना रहे हैं। तभी तो हमारे माननीय केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने रेप के एक-दो मामलों को बतंगड़ ना बनाने की सलाह दी है।

रेप को ना बनाएं बतंगड़

rape case editorial in

बीते रविवार को केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने रेप के मामलों को लेकर कहा है कि "इतने बड़े देश में एक-दो घटनाएं हो जाए तो बात का बतंगड़ नहीं बनाना चाहिए।" आगे उन्होंने रेप ना रोक पाने पर अफसोस जताने के बजाय कारण भी दे दिया कि वे क्यों नहीं रेप रोक पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि "रेप की घटनाएं होना दुर्भाग्यपूर्ण है, पर कभी-कभी इसे रोका नहीं जा सकता। सरकार सब जगह सक्रिय है और कार्रवाई की जा रही है।"

तो समझे... सरकार सक्रिय है और एक-दो घटनाएं जो हो रही हैं उसके लिए सरकार को परेशान ना करें।

ओके मंत्री जी !!

Read More:कौन कहता है कि कपड़ों की वजह से होता है रेप? इस 11 साल की बच्ची को देखकर तो नहीं लगता

अप्रैल में ही पांच बड़े मामले

rape case editorial inside

मंत्री जी एक-दो घटनाओं की बात करते हैं। लगता है वे टीवी या न्यूज़पेपर नहीं देख रहे हैं। तभी तो उन्हें मालूम नहीं है कि अप्रैल में ही केवल पांच रेप के मामले राष्ट्रीय स्तर पर उठ चुके हैं। अभी कठुआ रेप और उन्नाव रेप की आग बुझी भी नहीं थी कि मध्यप्रदेश प्रदेश से खबर आ गई कि वहां एक साल की बच्ची का रेप कर की हत्या की गई है। इसके अलावा सूरत में 11 साल की बच्ची का रेप हुआ था जिसमें अब खुलासा हुआ है कि दोनों मां-बेटी 35 हजार में खरीदी गई थीं। बीते दिन असम में भी 7 साल की बच्ची से बलात्कार का मामला सामने आया।

ये वे मामले हैं जो रजिस्टर हुए और मीडिया में छा गए। ना जाने ऐसे कितने मामले रोज हो रहे हैं जिनके खिलाफ शिकायत भी नहीं होती। कम से कम मंत्री जी एक-दो घटनाओं की जगह छह-सात घटनाएं ही बोल देते।

कम से कम एक बार क्रिस्टीन लेगार्ड की ही खबर पढ़ लेते जिन्होंने भी आसिफा के मामले में अफसोस जता दिया था।

रेप करने वाले को फांसी की सजा- अध्यादेश

rape case editorial in

खैर... वह तो अच्छा है कि हमारे राष्ट्रपति जी ने रेप के खिलाफ अध्यादेश ला दिया। बीते रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा पारित बच्चों से रेप के दोषियों को फांसी की सजा वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी। अध्यादेश के तहत 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप करने वालों को फांसी की सजा, जबकि 16 साल से कम उम्र की लड़की के साथ रेप करने वालों को उम्रकैद की सज़ा होगी।

इस अध्यादेश के आने के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने अपनी भूख हड़ताल तोड़ दी है। लेकिन क्या सच में इस अध्यादेश से रेप रुक जाएंगे? और 16 साल से अधिक उम्र की लड़कियों के साथ रेप करने वालों का क्या होगा?

निर्भया की मां ने उठाया सवाल

12 साल से कम उम्र के बच्चों के रेप के दोषियों को फांसी की सज़ा के प्रावधान वाले अध्यादेश को मंज़ूरी मिलने पर निर्भया की मां आशा देवी ने कहा है कि किसी भी उम्र की महिला से बलात्कार करने वाले दोषियों को फांसी होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "...लेकिन जो 12 साल से अधिक उम्र की लड़कियों के गुनाहगारों का क्या?"

सही सवाल है, "12 साल से अधिक उम्र की लड़कियों के गुनाहगारों का क्या?"

आपको इस सवाल का जवाब मिल जाए तो हमें कमेंट कर के जरूर बताइएगा।

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP