मैरिटल रेप को अपराध बनाने से खत्म हो जाएगा यह विनाशक रवैया- हाईकोर्ट

मैरिटल रेप की शिकायतें बहुत आती हैं लेकिन हमारे देश में माना जाता है कि ऐसी कोई चीज नहीं होती। हाईकोर्ट के फैसले के बाद शायद इस शब्द से शुरू होने वाला आत्याचार रुक जाए। 

gujrat highcourt on marital rape main

मैरिटल रेप के बारे में हर साल कोई ना कोई चर्चा शुरू होती है और फिर कुछ दिन के बाद बंद हो जाती है। मैरिटल रेप एक ऐसी चीज है जिसके बारे में जब जानते हैं लेकिन यह कोई नहीं मानना चाहता कि वह असल में होती है। कम से कम इंडिया में तो बिल्कुल भी नहीं। लेकिन धीरे-धीरे इस पर भी जागरुकता फैल रही है। गुजरात हाई कोर्ट ने भी अपना अहम फैसला सुनाकर इस शब्द को अपराध बनाने के लिए एक चरण आगे बढ़ाने का काम किया है।

गुजरात हाईकोर्ट ने एक मामले में कहा कि अप्राकृतिक तौर-तरीके विवाह संबंधों में बलात्कार को बढ़ावा देते हैं और वैवाहिक बलात्कार को अवैध बना कर ही इसे समाप्त किया जा सकता है।

मैरिटल रेप हो दंडनीय अपराध घोषित

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गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि मैरिटल रेप को दंडनीय अपराध घोषित किया जाना चाहिए। न्यायाधीश जेबी पारदीवाला एक डॉक्टर की ओर से दाखिल की गई याचिका की सुनवाई कर रहे थे। इस सुनवाई के दौरान ही न्यायाधीश जेबी पारदीवाला ने कहा कि ऐसा रवैया जो वैवाहिक संबंधों में बलात्कार को बढावा देता है उसे अवैध या अपराध बना कर ही रोका या समाप्त किया जा सकता है।

डॉक्टर की पत्नी ने की थी शिकायत

दरअसल एक डॉक्टर की पत्नी ने अपने पति के खिलाफ बलात्कार की एफआईआर दर्ज कराई थी। इसी मामले में आरोपी ने गुजरात हाईकोर्ट में एफआईआर को रद्द करने की याचिका डाली थी।

वैसे तो कोर्ट ने आंशिक रूप से एफआईआर को रद्द करने का आदेश दे दिया और कहा कि धारा 376 ( बलात्कार का दंड) और 377( अप्राकृतिक यौन संबंध) याचिकाकर्ता के खिलाफ लागू नहीं होगा। लेकिन फिर भी कोर्ट ने डॉक्टर के खिलाफ धारा 354 (यौन उत्पीड़न) और 498 (ए) के तहत मामला दर्ज करने को कहा है। आरोपी शख्स साबरकांठा जिले के इदर में डॉक्टर है।

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न्यायमूर्ति पारदीवाला ने अपने आदेश में कहा, ‘‘वैवाहिक बलात्कार को अवैध अथवा अपराध बनाने से ये विनाशकारी रवैया समाप्त हो जाएगा जो विवाह संबंधों में बलात्कार को बढ़ावा देते हैं।’’

गुजरात हाईकोर्ट द्वारा इस तरह की बात कहना एक उम्मीद जगाता है। क्योंकि हिंदु सभ्यता में शादी को एक संस्थान माना जाता है जहां रेप जैसी कोई चीज नहीं होती है। इसलिए फिलहाल तो इसे अपराध घोषित करने में लंबा वक्त लगेगा।

फिलहाल कोर्ट ने डॉक्टर के खिलाफ क्रूरता और यौन उत्पीड़न की जांच करने को कहा है।

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