बाप-बेटे से लेकर बॉस-एम्प्लोयी तक के रिश्ते को खराब कर सकते हैं ये ग्रह

रिश्तों में खटास के यूं तो कई कारण होते हैं लेकिन एक कारण ग्रह भी है। कुछ विशेष ग्रहों के दुष्प्रभाव के कारण रिश्तों में दरार आ जाती है। 

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Grahon Ka Rishton Par Prabhav: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों का व्यक्ति के जीवन और उसके जीवन से जुड़े हर एक रिश्ते पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे आज हम आपको ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार किस ग्रह के अशुभ प्रभाव के कारण कौन सा रिश्ता बिगड़ता है इस बारे में बताने जे रहे हैं।

  • सूर्य ग्रह का संबंध पिता से होता है। कुंडली में सूर्य की स्थिति अगर मजबूत न हो तो पिता-पुत्र या पिता-पुत्री का रिश्ता बेहद मधुर होता है और अगर कुंडली में सूर्य (सूर्य देव की आरती) की स्थिति कमजोर हो इससे पिता के साथ बच्चों के रिश्ते बिगड़ जाते हैं। पिता के साथ संबंध मजबूत करने के लिए रोजाना सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।
  • मां का संबंध चंद्र ग्रह से होता है। मां और चंद्रमा में कई समानताएं होती हैं। जैसे कि शांत, सरल और कोमल स्वभाव है। चंद्रमा की स्थिति कुण्डी में मजबूत हो तो मां के साथ रिश्ता मजबूत बना रहता है। वहीं, चंद्रमा के कुंडली में कमजोर होने पर मां के साथ रिश्ते आजीवन के लिए खराब हो जाते हैं।
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  • शुक्र ग्रह को वैवाहिक सुख और जीवन साथ का कारक माना जाता है। ऐसे में अगर कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति नीच है तो पति-पत्नी में बहुत झगड़े होते हेई और यहां तक कि शादी टूटने की नौबत तक आज जाती है। लेकिन वहीं, अगर शुक्र मजबूत हो तो पार्टनर के साथ वैवाहिक जीवन के सभी सुख मिलते हैं।
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  • मंगल ग्रह का संबंध भाई-बहन के रिश्ते से होता है। अगर मंगल उच्च स्थान पर हो तो भाई-बहन के साथ रिश्ते हमेशा खुश-खुशहाल रहते हैं और वहीं, अगर मंगल भारी हो तो शादी में अड़चन आने के साथ-साथ भाई बहन से भी नाता टूट जाता है या रिश्ते में दरार आ जाती है।
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  • ननिहाल पक्ष में रिश्ते को मजबूत बनाने का काम बुध ग्रह करते हैं। बुध का कुंडली में उच्च स्थान पर होना ननिहाल में आपके ठाट-बाट और वर्चस्व को दर्शाता है वहीं, अगर कुंडली में बुध (बुध को मजबूत करने के लिए मंत्र) की स्थित खराब है तो यह निश्चित तौर पर ननिहाल पक्ष में आपके औदे को और आपकी छवि को खराब करता है।
  • दादा-दादी से रिश्ता अच्छा बनाए रखने में गुरु ग्रह का प्रभाव होता है। गुरु की उत्तम स्थिति आपको आपके दादा-दादी का लाडला या लाडली बनाता है वहीं, इसके कुंडली में नीच होने पर दादी-दाजी के साथ संबंध बिगड़ने लगते हैं।
  • ऑफिस में बॉस या कलीग्‍स के साथ रिश्ते को संचालित करते हैं शनि, राहु और केतु। अगर कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत है और राहु एवं केतु का प्रभाव कम है तो ऑफिस के रिश्ते हमेशा अच्छे बने रहेंगे लेकिन अगर राहु-केतु उच्च स्थान पर हैं तो इससे प्रोफेशनल रिश्ते में खटास आ सकती है।

तो ये था अलग-अलग ग्रहों का अलग-अलग प्रकार के रिश्तों पर प्रभाव। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Shutterstock

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