Pitru Paksha 2022: श्राद्ध के दिनों में पूर्वज इन 5 रूपों में दिखाते हैं अपनी उपस्थिति

यदि आपको पितृ पक्ष के दौरान यहां बताए किसी भी रूप के दर्शन हों तो आपको समझना चाहिए कि ये पूर्वजों की मौजूदगी के संकेत हैं। 

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साल में 16 दिन पितृ पक्ष का समय होता है जो हमारे पूर्वजों को समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि इस पूरी अवधि में पूर्वज हमारे आस-पास ही मौजूद होते हैं और वो इस उम्मीद में धरती पर आते हैं कि उनके वंशज उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण करेंगे।

मान्यता के अनुसार जब पितरों की शांति के लिए उन्हें जल से तर्पण किया जाता है तभी उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। कई बार इस दौरान हमारे पूर्वज कुछ घटनाओं से इस बात का संकेत देते हैं कि वो हमारे पास में ही मौजूद हैं।

ऐसे ही यह भी माना जाता है कि पूर्वज कुछ विशेष रूपों में हमारे बीच मौजूद होते हैं। शास्त्रों के अनुसार पितरों का स्थान प्रकृति से जुड़ी कई चीजों में बताया गया है। पितृ पक्ष में मनुष्य से लेकर पक्षी तक अनेक रूपों में पितर धरती पर आते है, लेकिन उन्हें पहचान पाना मुश्किल होता है।

ज्योतिष की मानें तो पितृ पक्ष के दौरान कभी भी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया से जानें किन 5 रूपों में पूर्वज हमारे बीच मौजूद होते हैं।

कौए के रूप में

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पितृ पक्ष में घर आये कौए को कभी न भगाएं बल्कि कौए को भोजन दें। ऐसी मान्यता है कि यदि आपके घर में पितृ पक्ष की अवधि में कौआ आ जाए तो ये आपके किसी पूर्वज का प्रतिनिधित्व करता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृ पक्ष में 15 दिन तक कौए के माध्यम से ही पूर्वज अन्न ग्रहण करते हैं।

किसी गरीब या भिखारी के रूप में

ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान यदि कोई गरीब या भिखारी आपके दरवाजे पर आ जाए तो उसका अपमान न करें। इस दौरान घर से बाहर निकलते समय भी आपको जो भी जरूरतमंद सबसे पहले नजर आए उसकी मदद जरूर करें। यदि आप इस अवधि में किसी गरीब को भोजन कराएंगी तो ये सीधे पितरों तक जाएगा और आपके घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होगी।

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कुत्ते के रूप में

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ऐसा माना जाता है कि कुत्ते के रूप में भी पूर्वज हमारे बीच आते हैं। कुत्ते को यम के दूत के रूप में माना जाता है। इस अवधि के दौरान यदि आपके घर के आस-पास कोई कुत्ता नजर आए तो ये हमारे पूर्वजों का भी प्रतीक हो सकते हैं। ज्योतिष की मानें तो पितृपक्ष में पंचबली भोग में कुत्ते को शामिल करना जरूरी होता है।

गाय के रूप में

वैसे तो गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है, लेकिन पितृ पक्ष के दौरान गाय के रूप में पितर हमारे बीच मौजूद होते हैं। यदि आप पितृ पक्ष के दौरान गाय को रोटी खिलाती हैं तो ये पूर्वजों की शांति का सबसे अच्छा उपाय माना जाता है। पितृ पक्ष में गाय की सेवा करने से घर का पितृ दोष दूर होता है।

चींटी के रूप में

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यदि आपके घर में पितृ पक्ष के दौरान अचानक से चींटियां दिखने लगें तो समझें ये आपके पूर्वजों की मौजूदगी के संकेत हैं। पितृ पक्ष की पूरी अवधि में चींटियों को यदि आप आटा डालेंगी तो ये आपके जीवन में समृद्धि ला सकता है।

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पितृ पक्ष के दौरान जब पूर्वजों के लिए पिंड दान किया जाता है तब मुख्य रूप से गाय, कुत्ते, कौए और चींटी के लिए ग्रास निकाला जाता है क्योंकि ज्योतिष के अनुसार इन सभी रूपों में पूर्वजों की हमारे बीच मौजूदगी होती है।

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Image Credit: freepik.com

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