क्यों नहीं हुआ था पांडवों का अंतिम संस्कार?

पांडवों का अंतिम संस्कार किसी रहस्य से कम नहीं है। आइये जानते हैं महाभारत काल में पांडवों के अंतिम संस्कार से जुड़े इस रहस्य के बारे में विस्तार से। 
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महाभारत में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिन्हें हमने देखा या पढ़ा हो या फिर सुना हो लेकिन उन घटनाओं को समझ पाना हमारे लिए मुश्किल रहा हो। उदाहरण के तौर पर पांडवों को लेकर ऐसा कहा जाता है कि सिर्फ युधिष्ठिर ही थे जो स्वर्ग पहुंचे थे, बाकी चार पांडव एक-एक कर स्वर्ग जाने के मार्ग में अपने प्राण त्यागते गए थे। वहीं, ऐसी मान्यता भी है कि जब श्री कृष्ण ने अपने प्राण त्यागे थे और अपने धाम वह पुनः गए थे तब अर्जुन ने उनका अंतिम संस्कार किया था और इसके बाद सभी पांडव भी मृत्यु को प्राप्त हो गए थे।

ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि अगर पांडव स्वर्ग गए थे तो उनका अंतिम संस्कार कैसे हो सकता है और अगर द्वापरयुग के अंत में यानी कि श्री कृष्ण के जाने के बाद पांडवों ने शरीर त्यागा था तो उनका अंतिम संस्कार किसने किया। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं महाभारत काल में पांडवों के अंतिम संस्कार से जुड़े इस रहस्य के बारे में विस्तार से।

क्या है पांडवों के अंतिम संस्कार का रहस्य? (Kya Hai Pandavon Ke Antim Sanskar Ka Rahasya)

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पांडवों का अंतिम संस्कार किसी रहस्य से कम नहीं है। महाभारत में यह उल्लेख मिलता है कि पांडव जब द्रौपदी के साथ स्वर्ग जाने के रास्ते पर निकले थे, तब एक-एक कर चारों पांडव भाई और द्रौपदी हिमालय की गोद में मृत्यु प्राप्त करते गए थे और सिर्फ युधिष्ठिर ही स्वर्ग पहुंचे थे।

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महाभारत में बताया गया है कि अर्जुन, भीम, नकुल, सहदेव और द्रौपदी के शव कभी भी किसी को प्राप्त ही नहीं हुए क्योंकि हिमालय में उनके शव मृत्यु के बाद अंतर्ध्यान हो गए थे। इसी कारण से चारों पांडव भाइयों और द्रौपदी का अंतिम संस्कार कभी हो ही नहीं पाया था।

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वहीं, युधिष्ठिर ने स्वर्ग लोक तक अपने कुत्ते के साथ जीवित पहुंचे थे। ऐसे में युधिष्ठिर का अंतिम संस्कार हो पाना संभव नहीं हुआ था क्योंकि अंतिम संस्कार मृतकों का किया जाता है। हालांकि, यह बात भी वर्णित है कि स्वर्ग में पहुंचते ही युधिष्ठिर को दिव्य देह मिल गई थी।

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इसके अलावा, एक कथा यह भी सुनने में आती है कि जब श्री कृष्ण शरीर छोड़कर अपने धाम लौट गए थे तब अर्जुन ने उनका अंतिम संस्कार किया था। इसके बाद पांडवों ने भी एक-एक कर जल समाधि ले ली थी जिसके कारण उनका अंतिम संस्कार नहीं हो पाया था।

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image credit: herzindagi

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