Shardiya Navratri 2021: पंडित जी से जानें नवरात्रि कन्या पूजन की सही विधि

नवरात्रि के त्यौहार में कन्या पूजन का विशेष महत्त्व है। आइए पंडित जी से जानें नवरात्रि में कन्या पूजन की सही विधि के बारे में। 

kanya pujan vidhi by pandit ji

शारदीय नवरात्रि में सभी भक्त माता दुर्गा के आगमन की तैयारी करने के साथ व्रत और उपवास भी करते हैं। इस दौरान पूरे 9 दिनों तक दुर्गा माता की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि श्रद्धा भाव से पूजन करना विशेष रूप से फलदायी होता है और ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पूरे 9 दिनों तक उपवास के साथ अष्टमी या नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन का विशेष विधान है। शास्त्रों में भी कन्या पूजन का विशेष महत्त्व बताया गया है और ऐसी मान्यता है कि इस दौरान किया गया कन्या पूजन पूर्ण रूप से माता दुर्गा को स्वीकार्य होता है और इससे भक्तों को पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

कहा जाता है कि जितना महत्त्वपूर्ण कन्या पूजन करना है उससे ज्यादा सही विधि से इस शुभ कार्य को करना है। इसलिए कन्या पूजन की सही विधि और इसे करने का तरीका सभी भक्तों को जरूर जान लेना चाहिए। आइए नई दिल्ली के जाने माने पंडित, एस्ट्रोलॉजी, कर्मकांड,पितृदोष और वास्तु विशेषज्ञ प्रशांत मिश्रा जी से जानें कि नवरात्रि में कन्या पूजन करने की सही विधि क्या है और इसका क्या महत्व है।

नवरात्रि में कन्या पूजन का महत्व

kanya pujan

पंडित प्रशांत मिश्रा जी बताते हैं कि नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि यदि आप 9 दिनों तक व्रत और उपवास करते हैं , कलश की स्थापना करते हैं या फिर श्रद्धा भाव से माता दुर्गा की पूजा करते हैं तो आपको कन्या पूजन अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से ही मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। यह भी कहा जाता है कि कन्या पूजन के बिना व्रत और उपवास अधूरा होता है और मां प्रसन्न नहीं होती हैं। वैसे तो यदि आप हर एक दिन किसी एक कन्या का पूजन करें तो ये अत्यंत लाभदायक होता है लेकिन यदि आप ऐसा न भी करें तब भी आपको नवमी तिथि में कन्या पूजन जरूर करना चाहिए।

इसे जरूर पढ़ें:नवरात्रि में कन्या पूजन के बाद उपहार में दे सकते हैं ये चीजें

किस उम्र की कन्याओं का पूजन होता है शुभ

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दौरान 2 साल से 9 साल की उम्र तक की कन्याओं का पूजन करना चाहिए। इस उम्र की कन्याओं को तन और मन से पूर्ण रूप से पवित्र माना जाता है और निश्छल होने की वजह से उन्हें पूजा जाता है। इस उम्र तक की कन्याओं का पूजन व्यक्ति के सभी कष्टों को दूर करता है। माना जाता है कि 2 साल की कन्या के पूजन से दुख और दरिद्रता दूर होती है, 3 साल की कन्या के पूजन से संपूर्ण परिवार का कल्याण होता है, 4 साल की कन्या के पूजन से सुख-समृद्धि आती है, 5 साल की कन्या के पूजन से व्यक्ति निरोगी होता है, 6 साल की कन्या के पूजन से ज्ञान, बुद्धि और यश मिलता है। 7 साल की कन्या के पूजन से सुख और ऐश्वर्य मिलता है, 8 साल की कन्या के पूजन से विजय प्राप्त होती है और 9 साल की कन्या के पूजन से समस्त बाधाएं दूर होती हैं।(नवरात्रि पूजन सामग्री लिस्ट)

कन्या पूजन की सही विधि

how to do kanya pujan

यदि आप 9 दिनों तक माता दुर्गा के लिए व्रत उपवास करती हैं तो आप इस विधि से कन्या पूजन करें जो विशेष रूप से फलदायी होगा।

  • सबसे पहले अपने नियमित पूजा पाठ को समाप्त करके हवं करें और कन्या पूजनके लिए 9 कन्याओं और 1 लंगूर यानी कि बालक को आमंत्रित करें।
  • सर्वप्रथम एक-एक करके सभी कन्याओं के पैर धोकर साफ़ कपड़े से पोंछें।
  • सभी कन्याओं और लंगूर के लिए आसन बिछाएं और उसमें श्रद्धा पूर्वक बैठाकर सभी के मस्तक पर तिलक लगाएं।
  • नवरात्रि के व्रत का पारण करने से पहले कन्याओं को एक-एक करके भोजन कराएं।
  • भोजन में खीर या हलवा और चने का भोग लगाकर कन्याओं को खिलाएं।
  • भोजन कराते समय ध्यान रखें कि बालक यानी कि लंगूर को सबसे पहले भोजन शुरू कराएं।
  • कन्याएं जब भोजन कर लें तब उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें और कल्याण की कामना करें।
  • सभी कन्याओं को भेंट स्वरूप अपनी सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा या उपहार दें।
  • कन्याओं के भोजन के पश्चात आप भी अपने व्रत का पारण कर सकते हैं।
kanya pujan vidhi by pandit prashant mishra ji

क्या है पंडित जी की राय

कन्या पूजन के विधान के बारे में पंडित प्रशांत मिश्रा जी बताते हैं कि अगर नवरात्रि के हर एक दिन एक कन्या का पूजन किया जाए तो यह शुभ होता है। लेकिन हर एक दिन यदि कन्या पूजन न हो सके तब आप नवमी तिथि में 9 कन्याओं और 1 लंगूर का पूजन करके भोजन कराएं। लंगूर को बटुक भैरव का स्वरूप मानकर पूजा करें। नवमी तिथि वाले दिन अपना रोज का पूजा पाठ समाप्त करके और दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के बाद भोग लगाएं और सभी कन्याओं को भोजन कराएं।

इसे जरूर पढ़ें:Shardiya Navratri 2021: घर की सुख समृद्धि के लिए नवरात्रि के 9 दिनों में फॉलो करें ये नियम

उपर्यक्त विधि से किया गया कन्या पूजन विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। इसलिए इसी विधान से पूजन करें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Recommended Video

Image Credit: freepik and unsplash

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP