बेटे के लिए शुद्ध शहद की खोज में शुरू किया खुद का बिजनेस, कुछ ऐसी है सुपर मॉम Sridevi Manikandan की कहानी

आइए जानें एक ऐसी मां की अनोखी कहानी जिन्होंने बेटे की सेहत के लिए जंगलों से शुद्ध शहद ढूंढ़ निकाला और उससे प्रेरणा लेकर शहद के बिजनेस की शुरुआत की। 

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'मां' इस एक शब्द में न जाने कितने त्याग और संघर्ष छिपे हैं। वास्तव में जब भी मां की बात आती है तब दिमाग में एक ऐसी छवि आती है जिसने बच्चों के सपनों के लिए खुद के अस्तित्व को भी नकार दिया हो।

अब आप भी शायद यही सोच रहे होंगे कि मां का मतलब ही त्याग की मूर्ति है, लेकिन क्या वो मां एक परफेक्ट मां नहीं है जिसने बच्चों की परवरिश करते हुए भी अपने सपनों को उड़ान दी? दिनभर ऑफिस और बिजनेस की भागदौड़ के बाद रात में बच्चों को समय दिया और अपना मुकाम हासिल किया?

शायद कुछ लोगों के लिए मां की सही परिभाषा में ऐसी मां फिट न हो सके जो अपने सपनों के लिए बच्चों को समय नहीं दे पाती है, लेकिन फिर भी वो एक परफेक्ट मां है।

हरजिंदगी अपनी स्पेशल सीरीज The Good Mother Project के तहत ऐसी महिलाओं को आपके सामने ला रहे हैं, जो एक मां होने के साथ अपने बिजनेस के सपने को भी बखूबी पूरा कर रही हैं।

जो न सिर्फ घर और परिवार की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं बल्कि घर की दहलीज पार करके अपना परचम लहरा रही हैं। आज इसी श्रृंखला में हम बात करने जा रहे हैं सुपर मॉम Sridevi Manikandan की जिन्होंने बच्चे के जन्म के समय उसकी कमजोर इम्यूनिटी के लिए शुद्ध शहद की तलाश में अपना ही शहद का बिजनेस शुरू कर दिया। आइए जानें इस सुपर मॉम की कहानी उन्हीं की जुबानी।

अपने बारे में कुछ बताइए

मैं श्रीदेवी मणिकंदन Ecomom Honey की फाउंडर हूं। मैंने अपनी कंपनी की शुरुआत साल 2017 में की। सच बताऊं तो कंपनी शुरू करने का सबसे बड़ा कारण मेरा बेटा है। उसके जन्म से ही इम्युनिटी काफी कमजोर थी, इसलिए मुझे एक आयुर्वेदिक चिकित्सक ने उसकी सेहत ठीक रखने के लिए शुद्ध शहद खिलाने की सलाह दी थी। मैंने भी आप सबकी तरह ही मार्केट में शुद्ध शहद की खोज शुरू कर दी, लेकिन मुझे कहीं भी असली शहद नहीं मिला।

मैं परेशान थी और मैंने इस बारे में अपने पिता से बात की। चूंकि मेरा मूल स्थान मेट्टूपलयम है, जो कि नीलगिरी की पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है, इसलिए मेरे पिता ने पश्चिमी घाट के आदिवासियों से शहद लिया और उसके इस्तेमाल के एक महीने के भीतर ही बेटे की सेहत में आश्चर्यजनक परिणाम दिखे। उस समय मुझे ये ख्याल आया कि क्यों न अपना खुद का बिजनेस शुरू करूं और शुद्ध शहद उपलब्ध कराऊं।

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बिजनेस की शुरुआत आसान नहीं थी

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वास्तव में बिजनेस शुरू करना इतना भी आसान नहीं था और उस समय मेरा बेटा केवल 5 साल का था। हालांकि मुझे परिवार और पति ने काम शुरू करने की प्रेरणा दी लेकिन वो पूरी तरह से इसके समर्थन में नहीं थे। उन्हें लगता था कि ये एक स्ट्रीट बिजनेस है और अपने समय का सदुपयोग न करना है। मेरा बेटा बहुत छोटा था और मुझे वास्तव में बिजनेस के साथ बच्चे को संभालने में मुश्किल हो रही थी। उस समय मुझे अपने व्यवसाय के लिए बहुत समय चाहिए था और अपने परिवार की देखभाल के लिए मदद की जरूरत थी जिसकी उम्मीद मैं केवल अपने पति से कर सकती थी, लेकिन मेरे पति भी व्यस्त थे और मेरी मदद नहीं कर सकते थे।

आप खुद को कैसे परिभाषित करती हैं ?

मैं स्वतंत्र, ईमानदार और आत्मविश्वासी हूं। मैं किसी पर भी निर्भर नहीं हूं और किसी भी परिस्थिति में अपने बिजनेस के लिए बेईमान नहीं हूं। मैं कभी भी अशुद्ध शहद नहीं बेच सकती हूं। मैं खुद को एक सफल बिजनेस वुमन के साथ एक कुशल गृहणी और परफेक्ट मां के रूप में देखती हूं।

आपके लिए सबसे बड़ी चुनौतियां क्या थीं?

मेरे लिए अपने बिजनेस के साथ परिवार को समय देना सबसे बड़ी चुनौती थी। एक महिला व्यवसायी के रूप में पुरुष ग्राहकों का सामना करना भी थोड़ा मुश्किल लगता था। डिजिटल रूप से व्यवसाय करने के तरीकों को समझना भी कठिन था,- जैसे डिजिटल मार्केटिंग।

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क्या कभी आपको बड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा ?

लोग मुझसे एक महिला होने के नाते पूछते हैं कि आप बिजनेस कैसे चला रही हैं। उन्हें आश्चर्य होता है कि मैं कैसे एक महिला होकर भी कंपनी की मालिक हूं।

यही नहीं लोगों को ये देखकर भी अचंभा होता है कि कैसे मैं शुद्ध शहद लेने के लिए जंगलों के बीच आदिवासियों के साथ जाती हूं और खुद ही पेड़ों से शहद निकालती हूं। लोगों को ऐसा लगता है कि मेरे जैसी एक महिला का जंगलों के बीच से शहद निकालना एक अच्छा काम नहीं है।

क्या आपको कभी किसी ने ऐसा कहा कि आप एक परफेक्ट मां नहीं हैं?

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जब भी मेरे बेटे के स्कूल में और बच्चों की माओं से मिलती थी तब कई बार मुझे उनसे ऐसा सुनने को मिला कि मैं बेटे को ठीक से समय नहीं दे रही हूं, मेरा बिजनेस इतना बड़ा नहीं है, लेकिन समाज की सोच है कि बार-बार आपको इस बात का एहसास दिलाया जाता है कि आप अगर बिजनेस या नौकरी कर रही हैं तो बच्चों के साथ ठीक से समय नहीं बिता रही हैं और परफेक्ट मां की श्रेणी में नहीं हैं।

मैं खुद को एक परफेक्ट मां मानती हूँ क्योंकि मेरे बिजनेस की प्रेरणा ही बेटे के लिए थी। सबसे बड़ी बात है कि मेरा बेटा जब 5 साल का था तब से ही उसने मेरा पूरा साथ दिया और मैं जब जंगल से शहद निकालकर घर लाती थी तब बेटा उसे बोतल में भरने में मेरी मदद करता था। मैं खुद को एक मां के रूप में 10/10, एक होम मेकर के रूप में 10/10 और एक उद्यमी के रूप में 8/10 आंकती हूं।

आपने जीवन में सबसे कठिन सबक क्या सीखा?

व्यवसाय करने के लिए बहुत सारे अवसर और विकल्प उपलब्ध हैं। हमें खोए हुए अवसरों की चिंता नहीं करनी चाहिए। साथ ही अगर कुछ काम नहीं कर रहा है तो हमें नए विकल्प तलाशने चाहिए।

मैं पहले सुपर मार्केट्स के जरिए बिजनेस कर रही थी, लेकिन मुझे इससे ज्यादा फायदा नहीं हुआ और मैंने अब इसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित कर दिया है। आज जब भी कोई शुद्ध शहद की बात करता है तो मेरी कंपनी Ecomom honey का नाम सबसे ऊपर आता है।

एक महिला को सफल होने के लिए कौन से तीन गुणों की आवश्यकता होती है?

निर्भीक और आत्मविश्वासी बनें और किसी भी चीज या किसी से भी न डरें।एक महिला की तरह हमेशा सकारात्मक सोचें। किसी भी बिजनेस में फायदा है इसलिए बिजनेस करने में महिलाओं का समर्थन करें। कभी भी कठिन रास्ते या आलोचना के बारे में चिंता न करें।

क्या आपको कभी अपराधबोध हुआ कि आप अच्छी मां नहीं हैं? माताएं इसे कैसे दूर कर सकती हैं?

हां मुझे कई बार ऐसा लगा कि शायद मैं अच्छी मां नहीं हूं, लेकिन मैं हमेशा खुद को प्रेरित करती हूं कि यह सोच सामान्य है और इससे उबरने की कोशिश करती हूं। मैंने अपने बच्चे को अपनी स्थिति के बारे में भी समझाया है और वो मुझे सुपर मॉम मानता है, जो मेरे लिए काफी है।

क्या 'सुपर मॉम' बनने का दबाव हर मां पर होता है और इसे कैसे मैनेज किया जा सकता है?

हां.. यह माताओं पर दबाव जरूर डालता है। माताओं को हमेशा एक आदर्श मां होने का दबाव महसूस होता है, लेकिन एक समय पर उन्हें एहसास होता है कि एक आदर्श मां यानी कि सुपर मॉम बनना हमेशा संभव नहीं होता है।

यह दबाव सीधे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। मेरी सलाह ये है कि आप हर जगह अपना बेस्ट दे रही हैं, तो इस बात को सोचकर परेशान न हों कि आप बच्चों की परवरिश में समय नहीं दे पा रही हैं। क्योंकि वास्तविकता यही है कि अपने सपनों को पूरा करते हुए बच्चों को पालना ही आपके लिए एक सुपर मॉम होने की मुहर है।

वास्तव में श्रीदेवी मणिकंदन हम सभी के लिए प्रेरणा की स्रोत हैं और परफेक्ट मॉम की कसौटी पर खरी उतरती हैं।

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