महाकुंभ हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और पवित्र मेला है। करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र, यह मेला हर बार एक नया अध्याय जोड़ता है धर्म और संस्कृति के इतिहास में। देश-विदेश से लोग इस पवित्र संगम पर आते हैं, बारह साल के लंबे इंतजार के बाद। इस बार, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम के तट पर, यह महाकुंभ और भी खास है। साधु-संतों, नागाओं, अघोरियों और अन्य संन्यासियों का यह समागम एक अद्भुत नज़ारा है। वहीं महाकुंभ के दौरान कई बाबा वायरल हो रहे हैं। आइए इस लेख में विस्तार से सभी बाबाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
महाकुंभ में आए युवा साधु के बारे में
प्रयागराज के संगम तट पर महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। इस महान धार्मिक आयोजन में हिस्सा लेने के लिए देश-विदेश से हजारों साधु-संत और महात्मा पहुंच रहे हैं। अयोध्या से आए युवा साधु-सन्यासियों ने भी संगम के तट पर डेरा डाल लिया है। ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखने और फिट रहने के लिए ये साधु अखाड़े में क्रिकेट खेलते हुए अपना समय बिताते हैं।
महाकुंभ में आए रबड़ी वाले बाबा
महाकुंभ में कई साधु-संत अपनी कठोर तपस्या के लिए जाने जाते हैं, लेकिन रबड़ी वाले बाबा श्री महंत देव गिरि महाराज अपनी सेवा भावना से लोगों का दिल जीत रहे हैं। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के इस श्रीमंहत दिन-रात रबड़ी बनाकर हजारों तीर्थयात्रियों को खिलाते हैं। कुंभ नगरी में उनका यह अनूठा कार्य लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बाबा का मानना है कि यह सब ईश्वर की कृपा है और वे सिर्फ लोगों की सेवा कर रहे हैं।
महाकुंभ में आए सिर पर अनाज उगाने वाले बाबा
महाकुंभ में देश के कोने-कोने से आए धर्मगुरु और साधु-संतों का जमावड़ा लगा है। इस मेले में हर रोज़ कुछ न कुछ ऐसा होता है जो लोगों को हैरान कर देता है। इनमें से एक है 'अनाज बाबा' जिनके सिर पर उगी फसल ने सबको चकित कर दिया है।
आमतौर पर लोग ऐसे अविश्वसनीय दावों पर आसानी से विश्वास नहीं करते। लेकिन जब सबूत सामने हों तो संदेह करने की कोई गुंजाइश नहीं रहती। अनाज बाबा ने भी अपनी साधना की सच्चाई साबित करने के लिए अपनी पगड़ी उतारी। जब लोगों ने उनके सिर पर उगी फसल की जड़ें देखीं तो वे दंग रह गए।
अनाज बाबा की इस अद्भुत साधना ने लोगों में धार्मिक भावनाओं को और प्रबल किया है। यह घटना एक बार फिर सिद्ध करती है कि धर्म और आस्था की शक्ति कितनी असीम होती है।
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महाकुंभ में आए चाय वाले बाबा
संगम नगरी प्रयागराज के महाकुंभ में 'चाय वाले बाबा' की चर्चा हर जुबान पर है। पिछले 41 वर्षों से उन्होंने अन्न-जल त्याग कर सिर्फ चाय पर ही जीवनयापन किया है। मौन साधना में लीन, उन्होंने अपनी वाणी को भी त्याग दिया है। बस, एक कप चाय और एक गहरा मौन, यही है उनकी दुनिया। एक ओर जहां वे चाय के सहारे जीवन जी रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वे प्रतियोगी छात्रों के लिए मार्गदर्शक का भी काम कर रहे हैं। अपने हाथों से लिखे नोट्स और मौन शिक्षण के माध्यम से वे सैकड़ों छात्रों को सफलता के शिखर पर पहुंचा चुके हैं। बाबा का जीवन एक प्रेरणा है, जो दिखाता है कि दृढ़ संकल्प और समर्पण से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
महाकुंभ में आए IITian बाबा
महाकुंभ में आए IIT बॉम्बे के पूर्व छात्र, अभय सिंह, 'इंजीनियर बाबा' के नाम से मशहूर हुए हैं। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्हें जीवन में कुछ सवालों के जवाब नहीं मिले। इसीलिए उन्होंने वैज्ञानिक जीवन को छोड़कर हिमालय की ओर रुख किया और आध्यात्मिक मार्ग अपना लिया। अब वे गंगा के तट पर ध्यान और साधना में लीन रहते हैं और आध्यात्मिक जीवन में शांति और संतुष्टि पाते हैं।
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Image Credit- HerZindagi
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