इसमें कोई शक नहीं है कि बिहार की मधुबनी पेंटिंग किस हद तक भारत से लेकर विदेशों तक प्रसिद्ध है। मधुबनी पेंटिंग ने बीते कुछ वर्षों में काफी शोहरत बटोरी है। आज ये पेंटिंग किसी भी पहचान की मोहताज नहीं है। अगर आप किसी बड़े पेंटिंग हाउस या फोटो गैलरी में चले जाएं तो आपको वहां एक या दो-तीन मधुबनी पेंटिंग देखने को ज़रूर मिल जाएगी। इस मधुबनी पेंटिंग का श्रेय काफी हद तक जाता है मधुबनी के एक गांव को। इस गांव के हर परिवार का कोई ना कोई सदस्य मधुबनी पेंटिंग का अद्भुत कलाकार है। आज इस लेख में मैं आपको इस गांव और मधुबनी पेंटिंग के बारे में कुछ रोचक बातें बताने जा रहा हूं।
जिस गांव का हम इस लेख में जिक्र कर रहे हैं उस गांव का नाम है जितवारपुर। यह बिहार के मधुबनी जिले का एक छोटा सा गांव है। इस गांव में लगभग 400 परिवार रहते हैं। इस गांव के लगभग सभी घरों और दीवारों पर आपको मधुबनी पेंटिंग दिख जायेंगी। यहां के लोग पेंटिंग के इतने दीवाने है कि बचपन से ही अपने-अपने बच्चों को भी पेंटिंग सिखाना स्टार्ट कर देते हैं।
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3 पद्मश्री कलाकार है इस गांव में
आपको जान के ये हैरानी नहीं होना चाहिए कि इस गांव में ऐसे तीन पेंटिंग कलाकार भी हैं जिनको भारत सरकार की तरफ से पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया है। सबसे अधिक ख़ुशी इस बात की है कि ये तीनों ही महिलाएं हैं। साल 1975 में जगदंबा देवी, 1981 में सीता देवी और साल 2017 में बौआ देवी को मधुबनी पेंटिंग के लिए पद्मश्री पुरस्कार मिल चुका है। इसके अलावा बौआ देवी को नेशनल अवार्ड भी मिल चूका है।
मधुबनी पेंटिंग का इतिहास
मधुबनी पेंटिंग के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि यह पेंटिंग रामायण काल से भी पुरानी है। (मधुबनी साड़ी) कहा जाता है है कि सीता के विवाह को यादगार बनाने के लिए राजा जनक ने पूरे राज्य को मिथिला या मधुबनी पेंटिंग से घरों को सजाने के लिए आदेश दिया था।
मधुबनी पेंटिंग अमेरिका और जापान जैसे देशों में भी लोकप्रिय है। जापान में तो एक मिथिला म्यूजियम भी है। इस म्यूजियम में पद्मश्री विजेता बौआ देवी कई बार मिथिला पेंटिंग के लिए जा चुकी हैं। कहा जाता है कि इस म्यूजियम में लगभग 15,000 के आसपास अद्वितीय और दुर्लभ मधुबनी पेंटिंग मौजूद हैं।
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रेलवे स्टेशन और स्टेट बैंक डेबिट कार्ड
मधुबनी रेलवे स्टेशन की हर दीवारों पर आपको मधुबनी पेंटिंग की झलक देखने को मिल जायेंगी। यहां की हर दीवार को मधुबनी पेंटिंग से पेंट किया गया है। लगभग 15 से 20 थीम्स पर ये सभी कलाकृतियां बनाई गई हैं। इन पेंटिंग में आपको मिथिला का पर्व, त्यौहार, सामाजिक जीवन और कृषि की झलक देखने को मिलेगा। अगर आपने ध्यान दिया होगा तो आपको भारतीय स्टेट बैंक के डेबिट कार्ड पर भी मधुबनी पेंटिंग मौजूद मिलेगा।(Finger Paintings से बच्चों को मिलते हैं ये फायदे)
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Image Credit:(@www.insightsonindia.com,3.bp.blogspot.com,cdn.s3waas.gov.in)
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