एक गांव, जहां हर कोई है मधुबनी पेंटिंग का कलाकार

अगर आपको मधुबनी पेंटिंग का बेहतरीन नमूना देखना है तो आपको चलना पड़ेगा बिहार के एक छोटे से गांव में। तो फिर चलिए चलते हैं।

madhubani paintings of bihar in Jitwarpur village story

इसमें कोई शक नहीं है कि बिहार की मधुबनी पेंटिंग किस हद तक भारत से लेकर विदेशों तक प्रसिद्ध है। मधुबनी पेंटिंग ने बीते कुछ वर्षों में काफी शोहरत बटोरी है। आज ये पेंटिंग किसी भी पहचान की मोहताज नहीं है। अगर आप किसी बड़े पेंटिंग हाउस या फोटो गैलरी में चले जाएं तो आपको वहां एक या दो-तीन मधुबनी पेंटिंग देखने को ज़रूर मिल जाएगी। इस मधुबनी पेंटिंग का श्रेय काफी हद तक जाता है मधुबनी के एक गांव को। इस गांव के हर परिवार का कोई ना कोई सदस्य मधुबनी पेंटिंग का अद्भुत कलाकार है। आज इस लेख में मैं आपको इस गांव और मधुबनी पेंटिंग के बारे में कुछ रोचक बातें बताने जा रहा हूं।

madhubani paintings inside

जिस गांव का हम इस लेख में जिक्र कर रहे हैं उस गांव का नाम है जितवारपुर। यह बिहार के मधुबनी जिले का एक छोटा सा गांव है। इस गांव में लगभग 400 परिवार रहते हैं। इस गांव के लगभग सभी घरों और दीवारों पर आपको मधुबनी पेंटिंग दिख जायेंगी। यहां के लोग पेंटिंग के इतने दीवाने है कि बचपन से ही अपने-अपने बच्चों को भी पेंटिंग सिखाना स्टार्ट कर देते हैं।

इसे भी पढ़ें:बिहार के 4 प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जिनका इतिहास है हजारों साल पुराना

3 पद्मश्री कलाकार है इस गांव में

madhubani paintings of bihar in Jitwarpur village inside

आपको जान के ये हैरानी नहीं होना चाहिए कि इस गांव में ऐसे तीन पेंटिंग कलाकार भी हैं जिनको भारत सरकार की तरफ से पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया है। सबसे अधिक ख़ुशी इस बात की है कि ये तीनों ही महिलाएं हैं। साल 1975 में जगदंबा देवी, 1981 में सीता देवी और साल 2017 में बौआ देवी को मधुबनी पेंटिंग के लिए पद्मश्री पुरस्कार मिल चुका है। इसके अलावा बौआ देवी को नेशनल अवार्ड भी मिल चूका है।

मधुबनी पेंटिंग का इतिहास

madhubani paintings of bihar in Jitwarpur village inside

मधुबनी पेंटिंग के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि यह पेंटिंग रामायण काल से भी पुरानी है। (मधुबनी साड़ी) कहा जाता है है कि सीता के विवाह को यादगार बनाने के लिए राजा जनक ने पूरे राज्य को मिथिला या मधुबनी पेंटिंग से घरों को सजाने के लिए आदेश दिया था।

मधुबनी पेंटिंग अमेरिका और जापान जैसे देशों में भी लोकप्रिय है। जापान में तो एक मिथिला म्यूजियम भी है। इस म्यूजियम में पद्मश्री विजेता बौआ देवी कई बार मिथिला पेंटिंग के लिए जा चुकी हैं। कहा जाता है कि इस म्यूजियम में लगभग 15,000 के आसपास अद्वितीय और दुर्लभ मधुबनी पेंटिंग मौजूद हैं।

इसे भी पढ़ें:दक्षिण भारत से बिहार तक, ऐसे प्राचीन मंदिर जिनका वर्षों पुराना है इतिहास

रेलवे स्टेशन और स्टेट बैंक डेबिट कार्ड

madhubani paintings Jitwarpur village inside

मधुबनी रेलवे स्टेशन की हर दीवारों पर आपको मधुबनी पेंटिंग की झलक देखने को मिल जायेंगी। यहां की हर दीवार को मधुबनी पेंटिंग से पेंट किया गया है। लगभग 15 से 20 थीम्स पर ये सभी कलाकृतियां बनाई गई हैं। इन पेंटिंग में आपको मिथिला का पर्व, त्यौहार, सामाजिक जीवन और कृषि की झलक देखने को मिलेगा। अगर आपने ध्यान दिया होगा तो आपको भारतीय स्टेट बैंक के डेबिट कार्ड पर भी मधुबनी पेंटिंग मौजूद मिलेगा।(Finger Paintings से बच्चों को मिलते हैं ये फायदे)

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit:(@www.insightsonindia.com,3.bp.blogspot.com,cdn.s3waas.gov.in)

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP